Roads In India: भारत में बीते कुछ सालों से परिवहन के क्षेत्र में काफी प्रगति हो गई है, जिसकी वजह से नए-नए रूट्स पर सड़क बनाने और उन्हें एक दूसरे से जोड़ने का काम चल रहा है। ऐसे में एक शहर से दूसरे शहर से बेहतर कनेक्टिविटी होने की वजह से आम लोग रेल और हवाई मार्ग के अलावा सड़क मार्ग के जरिए सफर करने में सुविधाजनक महसूस करते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत ने रोड नेटवर्क (Road Network In India) के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है, जो 1,45,240 किलोमीटर के आंकड़े को पार कर चुका है। ऐसे में हमारा भारत रोड नेटवर्क के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बना चुका है, जबकि इस मामले में अमेरिका पहले स्थान पर मौजूद है।
59 प्रतिशत बढ़ा रोड नेटवर्क
भारत में साल 2013-14 के बीच 91,287 किलोमीटर का रोड नेटवर्क मौजूद था, जो पिछले 9 सालों में 59 प्रतिशत तक बढ़ चुका है। यह वृद्धि अपने आप में बहुत ही अविश्वसनीय है, जबकि भारत के पास सड़क परियोजना को लेकर 7 अलग-अलग रिकॉर्ड्स भी मौजूद हैं।
केंद्रीय सड़क एंव परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने बताया कि पिछले 9 सालों में टोल से मिलने वाला राजस्व 4, 770 करोड़ रुपए से बढ़कर 41,342 करोड़ रुपए पहुँच गया है।
इतना ही नहीं केंद्र सरकार का यह लक्ष्य है कि साल 2030 तक इस टोल राजस्व को 1.30 करोड़ रुपए तक पहुँचाया जा सके, जबकि वाहन चालकों को टोल पर अन्य सुविधाएँ प्रदान करने पर भी काम किया जा रहा है। फिलहाल टोल प्लाजा पर वाहनों को 47 सेकेंड्स से कुछ मिनट तक इंतजार करना पड़ता है, जिसे घटाकर 30 सेकेंड के भीतर लाने का प्रयास हो रहा है।
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