Indian Railways: भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेलवे की लिस्ट में शामिल किया जाता है। भारतीय रेलवे के जरिए एक दिन में लाखों लोग सफर करते हैं लेकिन क्या कभी आपके दिमाग में सवाल आया कि एक ट्रेन को बनाने में भारत सरकार कितना पैसा खर्च करती है या एक कोच को बनाने में कितने पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
आज के इस लेख में हम आपको इसी सवाल का विस्तारित रूप से जवाब देने वाले हैं जानेंगे कि ट्रेन को बनाने के लिए किस-किस पैरामीटर्स पर सरकार पैसे खर्च करती है तो चलिए फिर जान लेते हैं।
वंदे भारत ट्रेन की कीमत
वंदे भारत ट्रेन भारत की आधुनिक ट्रेन में शामिल है सबसे पहली बार यह ट्रेन नई दिल्ली और वाराणसी रूट पर चलाई गई थी। इसके बाद गांधीनगर कैपिटल और मुंबई सेंट्रल रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाया गया। कहा गया यह ट्रेन पिछले वर्जन का अपडेट थी बता दें, इस ट्रेन की कीमत 115 करोड़ रुपये बताई गई है पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार इसका एक कोच कई तकनीक से लैस है, जिसकी वजह से इसकी कीमतें आम ट्रेन की तुलना में ज्यादा है।
इंजन को बनाने में आता है इतना खर्चा
माना जाता है आमतौर पर एक इंजन को तैयार करने में करीब 13 करोड़ से लेकर 20 करोड़ तक की लागत आ जाती है। गौरतलब है भारत में आज के समय पर डीजल और बिजली से चलने वाली ही ट्रेन ज्यादातर चलती है औसतन एक कोच को बनाने में 2 करोड़ का खर्च आता हैं। जैसे-जैसे कोच में सुविधाएँ बढ़ती जाती हैं वैसे ही ट्रेन के कोच बनाने का खर्चा भी बढ़ जाता है।
इतनी होती है पूरी ट्रेन की कीमत
सामान्य तौर पर जो ट्रेन भारतीय रेलवे के द्वारा चलाई जाती हैं उनमें 24 डिब्बे होते हैं। एक डिब्बे में तकरीबन 2 करोड रुपए का खर्चा आता है। इस तरह हिसाब लगा कर देखें तो एक ट्रेन की कीमत करीब 48 करोड़ होती है। इसके अलावा इसमें छोटे मोटे खर्चे और होते हैं साथ ही 18 से 20 करोड़ रुपये का इंजन अलग से लगा होता है। कुल मिलाकर देखा जाए तो लगभग 70 करोड के आस-पास एक ट्रेन तैयार होती है।