Automatic Brick Making Machine: छोटी से बड़ी हर इमारत को खड़ा करने के लिए ईटों की जरूरत तो पड़ती ही है। ऐसे में देखा जाए तो एक मजदूर 1 घंटे में लगभग 80 ईंट तैयार करता है लेकिन अगर 1 घंटे में 12 हजार ईंट बनने लगी, तो यह कैसा रहेगा। जी बिल्कुल ऐसा हो सकता है, फुली ऑटोमेटिक मोबाइल ब्रिक मेकिंग मशीन के द्वारा।
हरियाणा के सतीश चिकारा (Satish Chhikara) ने इस मशीन को तैयार किया है। सतीश जो कि SNPC Machines नामक एक स्टार्टअप कंपनी के फाउंडर है। वह और उनके भाई विलास चिकारा ने साथ मिलकर इस मशीन को तैयार किया, जो कि विश्व भर में सबसे यूनीक टेक्नोलॉजी मानी जा रही है।
मशीन बनाने का आईडिया कैसे आया
SNPC मशीन फुली ऑटोमेटिक मोबाइल मेकिंग मशीन है, जिसे ‘फैक्ट्री ऑफ ब्रिक ऑन व्हील्स’ के नाम से भी पुकारा जाता है। यह मूविंग टेक्नोलॉजी पर आधारित है यानी कि यह ईटों का निर्माण करने के लिए एक जगह से दूसरी जगह जा भी सकती है। सतीश की पारिवारिक स्थिति खराब होने के कारण वह पहले परिवारिक ईंट भट्टा का कारोबार करते थे, काफी नुकसान होने के चलते उन्हें अपना कारोबार बंद करना पड़ा।
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ऐसे में सतीश के दिमाग में कम स्पीड और मैन्युअल लेबर में खर्च को कम करने के लिए ख्याल आया कि क्यों ना एक ऑटोमेटिक ईंट मेकिंग मशीन बनाया जाए। एक ऐसा मशीन जो फुल ऑटोमेटिक हो, जहाँ कच्चे माल की मिक्सिंग से लेकर मॉड्यूल, सुखाने और जमीन पर सही से बिछाने तक का सारा काम हो जाए।
2015 में लॉन्च हुई मशीन
सतीश अपने भाई विलास और कुछ वेल्डर, लोकल मैन्युफैक्चरिंग को लेकर इस प्रोजेक्ट पर काम करने में जुट गए। पहले उन्होंने ब्रिक मेकिंग यूनिट का प्रोटोटाइप डिजाइन किया। 2007 से लगातार कोशिश के बाद बहुत सारी असफलता को झेलते हुए, उन्होंने 2015 में फाइनल प्रोटोटाइप लांच किया।
SnPC BMM 300-310 brick making machine can extrude up to 12,000 bricks per hour. pic.twitter.com/koRBzg251u
— MachinePix (@MachinePix) December 22, 2019
मशीन कैसे काम करती है
ट्रक के जैसी मोबाइल ब्रिक मेकिंग मशीन में एक जनरेटर, मिक्सर और ईंट उत्पादित वाली माड्यूल है। ईंट बनाने के लिए इस ऑटोमेटिक ईंट मेकिंग मशीन से पहले फ्लाई ऐश, राइस हस्क और मिट्टी को मिलाया जाता है।
फिर कनवेयर बाल्टी की सहायता से तैयार कच्चे माल को मशीन में डालकर शुरू किया जाता है। उसके बाद ड्राइवर फील्ड में जैसे-जैसे मशीन को मूव करता है, ईंट बन कर बाहर आती जाती हैं और जमीन पर बिछती जाती है। फिर उन्हें सूखाने को छोड़ दिया जाता है।
पेटेंट भी मिल गया
SNPC को इस तकनीक का पेटेंट भी हासिल हो चुका है, जिसके अनुसार कंपनी का हेडक्वार्टर सोनीपत, हरियाणा में है। हरियाणा में सतीश की मैन्युफैक्चरिंग व असेंबली यूनिट है। कंपनी ने बाज़ार में 5 अलग-अलग मॉडल के मोबाइल ब्रिक मेकिंग मशीन डालें हैं।
विदेशों में भी लोकप्रिय
इस ऑटोमेटिक मशीन को विदेशों में भी काफी पसंद किया जा रहा है। यह 6 स्टार्टअप देशों में अपना नाम कमा चुका है, 2023 तक मध्य एशिया और अफ्रीका में भी SNPC जल्द ही जाने वाला है।
देखा जाए तो सतीश करीब 250 से भी अधिक ऑटोमेटिक ईंट मशीन बेच चुके हैं। भारत सरकार ने सतीश की इस उपलब्धि को 2020 में नेशनल स्टार्टअप अवॉर्ड्स से भी पुरस्कृत किया।