First Steel Road: भारतीय सड़कों का हाल किसी से छिपा नहीं है, जिसमें इतने सारे गड्ढे मौजूद होते हैं कि वाहन चलाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। हालांकि इन सड़कों का निर्माण करने के लिए काफी ज्यादा पैसा खर्च किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद भी परिणाम अच्छे नहीं होते हैं।
ऐसे में खराब सड़कों की वजह से एक्सीडेंट के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, जबकि रोजाना कई लोग अपनी जान भी गवा देते हैं। ऐसे में सरकार स्टील वेस्ट के जरिए सड़क निर्माण की योजना बना रही है, जिसमें खर्च भी कम आएगा और सड़क भी मजबूत होगी।
कम खर्चीली और ज्यादा टिकाऊ होगी सड़क
भारत में स्टील वेस्ट के जरिए तैयार होने वाली सड़क किसी सपने से कम नहीं है, जिसके निर्माण की शुरुआत गुजरात से की जा चुकी है। गुजरात में पहली बार 1 किलोमीटर लंबी स्टील रोड (First Steel Road) का निर्माण किया गया है, जिसे बनाने के लिए स्टील प्लांट से निकलने वाले वेस्ट (Steel waste) का इस्तेमाल किया गया है। इसे भी पढ़ें – क्या आपने कभी देखा है 832 टायरों वाला ट्रक, 11 महीनों में भी पूरी नहीं हुआ सफर
आपको बता दें कि भारत में हर साल स्टील प्लांट से लगभग 20 मिलिटन टन स्टील का कचरा निकलता है, जिसका कोई इस्तेमाल नहीं होता है और वह प्रदूषण फैलाने का काम करता है। ऐसे में भारत सरकार ने स्टील वेस्ट को सड़क बनाने के लिए इस्तेमाल करने का फैसला किया है, जो काफी टिकाऊ साबित होंगी।
सरकार की मानें तो अगर स्टील रोड प्रोजेक्ट सफल होता है, तो आने वाले वर्षों में भारत की विभिन्न सड़कों का निर्माण स्टील वेस्ट से ही किया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक भारत में साल 2030 तक स्टील प्लांट से निकलने वाले वेस्ट की मात्रा 45 मिलियन टन तक पहुँच सकती है, जो सड़क निर्माण के लिए काफी है।
भारत में पहली स्टील रोड | First steel road in India
गुजरात में बनाई गई देश की पहली स्टील सड़क को 6 लेन में तैयार किया गया है, जिसे बनाने के लिए तकरीबन 1 करोड़ 90 लाख टन स्टील वेस्ट का यूज किया गया था। यह भारत के लिए एक ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसके सफल होने पर सड़कों को बनाने और उनके रखरखाव की समस्या काफी हद तक हल हो सकती है।
परिवहन मंत्रालय की मानें तो स्टील की सड़क को बनाना आसान और कम खर्चीला है, जबकि इस तरह की सड़कों को डैमेज भी बहुत कम पहुँचता है। इतना ही नहीं स्टील वेस्ट बनी सड़क ज्यादा अच्छी क्वालिटी की होती हैं, जिसकी वजह से सड़क पर कार या वाहन ड्राइव करने पर अलग ही आनंद मिलेगा।
स्टील की सड़क सामान्य सड़क के मुकाबले ज्यादा वजन सहन कर सकती है, जहाँ से रोजाना 1 हजार से ज्यादा भारी भरकम ट्रक गुजर सकते हैं। इसके अलावा अगर स्टील की सड़क को किसी प्रकार का नुकसान पहुँचता है, तो उसकी मरम्मत का काम भी आसान और कम खर्चीला होता है।
आपको बता दें कि पत्थर और गिट्टी से बनने वाली सड़क निर्माण में प्रति वर्ग मीटर 2, 100 से 2, 200 रुपए का खर्च आता है, जबकि स्टील वेस्ट से बनने वाली सड़क की लागत सिर्फ 1, 200 रुपए के आसपास होती है। ऐसे में अगर स्टील सड़क का प्रोजेक्ट सफल होता है, तो इससे भारतीय सड़कों की सूरत पूरी तरह से बदल जाएगी और स्टील के कचरे से भी निपटने में मदद मिलेगी। इसे भी पढ़ें – गुजरात के इस सरकारी स्कूल में प्राइवेट स्कूल की तरह होती है पढ़ाई, प्रिंसिपल खुद करते हैं साफ-सफाई