एक शादीशुदा जोड़ा जब माता-पिता बनते हैं, तो उनके लिए नई जिंदगी की शुरुआत होती है। बच्चे के जन्म से माता-पिता के कंधों पर कई जिम्मेदारियाँ आ जाती हैं, जबकि उनका परिवार और वंश भी आगे बढ़ता है। ऐसे में अगर किसी शादीशुदा कपल को सालों बाद बच्चे के जन्म का सुख मिले, तो यकीनन उनके लिए यह पल सबसे यादगार साबित होता है।
लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शादीशुदा जोड़े के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके घर में 54 साल बाद बच्चे की किलकारी गूंजी है। 70 वर्षीय चंद्रावती ने जब बेटे को जन्म दिया, तो उनके 75 वर्षीय पति गोपी सिंह की खुशी का ठिकाना नहीं था।
आईवीएफ प्रक्रिया से माता-पिता बना कपल
यह भावुक कहानी 70 वर्षीय चंद्रावती और 75 वर्षीय गोपी सिंह की है, जो उम्र के उस पड़ाव में माता-पिता बने हैं जिस उम्र में अन्य लोग दादा-दादी बनने का सुख प्राप्त करते हैं। राजस्थान के झुंझुनू के रहने वाले चंद्रावती और गोपी सिंह आईवीएफ तकनीक से माता-पिता बने हैं, जिसकी वजह से उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। इसे भी पढ़ें – 7 साल की उम्र में किडनैप हुई थी बच्ची, 9 साल बाद रिटायर पुलिस ऑफिस ने खोज निकाला
दरअसल चंद्रावती और गोपी सिंह ने कई अस्पतालों के चक्कर काटे थे, ताकि वह माता-पिता बन सके। लेकिन कई बार कोशिश करने के बाजवदू भी उन्हें सफलता नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने अलवर जिले में स्थित इंडो आईवीएफ टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर से संपर्क किया और यह कपल माता-पिता बन गया।
मेडिकल साइंस के इतिहास में इसे किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा है, जहाँ एक 70 वर्षीय महिला ने आईवीएफ तकनीक से बिल्कुल स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। वहीं 75 वर्षीय गोपी सिंह के लिए भी यह पल किसी सपने से कम नहीं है, जब उन्हें इतने लंबे इंतजार के बाद पिता बनने का सुख प्राप्त हुआ है।
2 साल पहले शुरू हुआ था ट्रीटमेंट
डॉक्टरों की मानें तो चंद्रावती और गोपी सिंह अपने किसी रिश्तेदार के कहने पर अलवर में स्थित आईवीएफ सेंटर आए थे, जिसके बाद 2 साल पहले उनका ट्रीटमेंट शुरू किया गया था। इस तरह पहले दो प्रयासों में चंद्रावती आईवीएफ तकनीक के जरिए गर्भवती नहीं हो पाई थी, लेकिन तीसरे प्रयास में वह गर्भवती हो गई।
लेकिन चंद्रावती की उम्र काफी ज्यादा थी, इसिलए डॉक्टरों को उनकी प्रेग्नेंसी को लेकर काफी चिंता हो रही थी। 70 की उम्र में गर्भवती होना और 9 महीने तक बच्चे को कोख में रखना काफी मुश्किल काम था, लेकिन चंद्रावती ने सभी चुनौतियों को पार करते हुए बच्चे को जन्म दिया।
50 की उम्र तक बन सकती हैं मां
भले ही चंद्रावती ने 70 साल की उम्र में आईवीएफ तकनीक के जरिए बच्चे को जन्म दिया हो, लेकिन सरकारी गाइडलाइंस के मुताबिक कोई भी महिला 50 साल की उम्र तक ही आईवीएफ ट्रीटमेंट के जरिए माँ बन सकती है। हालांकि चंद्रावती का आईवीएफ ट्रीटमेंट इस कानून के लागू होने पहले हो चुका था, इसलिए वह 70 साल की उम्र में भी माँ गई।
लेकिन हालिया नियमों के अनुसार अगर किसी महिला को आईवीएफ ट्रीटमेंट के जरिए बच्चा पैदा करना है, तो उसकी उम्र 50 साल या उससे कम होनी चाहिए। 50 साल से ज्यादा उम्र की महिला के लिए आईवीएफ तकनीक से बच्चा पैदा करना खतरनाक साबित हो सकता है, जिसकी वजह से यह नियम बनाया गया है।
आपको बता दें कि चंद्रावती के पति गोपी सिंह एक रिटायर आर्मी ऑफिसर हैं, जिन्होंने बांग्लादेश युद्ध के दौरान लड़ाई में गोली भी खाई थी। गोपी सिंह 40 साल पहले आर्मी से रियाटर हुए थे, जिसके बाद उन्होंने पिता बनने के लिए कई शहरों में ट्रीटमेंट करवाया था।
ऐसे में शादी के 54 साल बाद कई प्रयास करने पर आखिरकार गोपी सिंह और चंद्रावती के घर में बच्चे की किलकारी गूंज उठी और इस शादीशुदा जोड़े का परिवार पूरा हो गया है। इसे भी पढ़ें – अपने ही घर की सीढ़ियों पर रहने पर मजबूर है बुजुर्ग दंपत्ति, जानें क्या है घर किराये पर देने से जुड़ा अहम कानून