Pomegranate Farming : एक अनार सौ बीमार, आपने भी कभी न कभी यह मुहावरा जरूर सुना होगा, जिससे अनार की असल कीमत का अंदाजा लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं होता है। अनार न सिर्फ सेहत के लिए अच्छा होता है, बल्कि यह बहुत ही रसीला और दानेदार फल भी है।
ऐसे में कई लोगों को लगता होगा कि अनार की खेती (Anar Ki Kheti) करना काफी मुश्किल होता है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अनार की खेती करना किसानों के लिए काफी फायदेमंद होता है। खासतौर से गर्मी के सीजन में अनार की खेती करने पर न तो सिंचाई की टेंशन रहती है और न ही फसल के खराब होने का डर रहता है।
अनार की खेती करके कमाए मुनाफा
हमारे देश में महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और जैसे देशों में अनार की खेती की जाती है, जिसके बगीचे जमीन के बड़े हिस्से में फैले रहते हैं। अनार गर्म जलवायु में पनपने वाला फल है, इसलिए इसके पौध के बहुत ज्यादा सिंचाई या पानी की जरूरत नहीं होती है। इसे भी पढ़ें – ये 3 तरह के पत्ते घर बैठे करा सकते हैं लाखों का मुनाफा
ऐसे में अगर आप अनार की खेती करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको रेतीली दोमट मिट्टी वाले खेत का चुनाव करना होगा। इस मिट्टी में अनार का पौधा जल्दी विकसित हो जाता है, जबकि इस फल को उगाने के लिए 38 से 40 डिग्री सेल्सियस का तापमान बिल्कुल परफेक्ट माना जाता है।
खेत को बनाए बगीचा
अनार का पौधों रोपाई करने के लिए फरवरी से मार्च और अगस्त का महीना सबसे अच्छा समय माना जाता है, जिसके लिए आप नर्सरी से अनार के पौधे खरीद सकते हैं। अनार के पौधों को खेत में एक कतार के साथ लगाया जाता है, जबकि हर पौधे के बीच निश्चित दूरी रखना जरूरी होता है।
अनार के पौधे की रोपाई करने से ठीक 1 महीने पहले खेत में 60 सेंटीमीटर की लंबाई, चौढ़ाई और गहराई वाला गड्ढा खोदना होता है, जिसे लगभग 15 दिनों तक खुला छोड़ना जरूरी है। इसके बाद उस गड्ढे में गोबर से बनी खाद डाल दीजिए और उस गड्ढे को मिट्टी से लगभग 15 सेंटीमीटर तक भर दें, फिर पानी से गड्ढे की सिंचाई कर लिजिए।
इसके ठीक 15 दिन बाद अनार के पौधे को गड्ढे में रोप दें और पानी से उसकी सिंचाई कर दीजिए, जिसके बाद अनार का पौधा अपनी रफ्तार से बढ़ता रहेगा। अगर आप रोजाना अनार के पौधे की सिंचाई नहीं करेंगे, तो भी यह पौधा आसानी से सूखेगा नहीं। जबकि मॉनसून के मौसम में बारिश के दौरान अनार की फसल की अच्छी खासी सिंचाई हो जाती है, जिसके बाद पौधा तेजी से विकसित होने लगता है।
फसल की देखभाल
अनार की फसल अन्य फसलों के मुकाबले लगभग 43 प्रतिशत तक पानी की बचत करती है, जबकि इसी उपज 30 से 35 प्रतिशत बढ़ती रहती है। हालांकि अनार के पेड़ को विकसित होने के बाद थोड़ी देखभाल की जरूरत पड़ती है, ताकि इसकी टहनियों में अतिरिक्त झाड़ियाँ न उग आए। इसके लिए पेड़ की टहनियों को समय-समय पर साफ करना जरूरी है, जबकि तने के पास पैदा होने वाली घास की भी कटाई छटाई करनी चाहिए।
आपको बता दें कि जब अनार के पेड़ में फूल आने शुरू हो जाते हैं, तो उसके बाद से फसल की सिंचाई बंद कर देना चाहिए। आमतौर पर अनार के पेड़ में जून-जुलाई, सितंबर-अक्टूबर और जनवरी-फरवरी के महीने में फूल आते हैं, ऐसे में किसान को फूल आने से लगभग 2 महीने पहले फसल की सिंचाई बंद कर देनी चाहिए।
सालाना 8 से 10 लाख रुपए की कमाई
अनार का पौधा लगभग 1 साल में ही पेड़ की शक्ल ले लेता है, लेकिन इसे फल देने में लगभग 3 साल का वक्त लग जाता है। एक विकसित हुए पेड़ सालाना 80 से 100 अनार के फल देता है, जो 25 से 30 सालों तक लगातार फलों का उत्पादन करता रहता है। ऐसे में अगर आप एक हेक्टेयर जमीन में अनार का बाग लगाते हैं, तो आप सालाना 480 टन उपाज प्राप्त कर सकते हैं।
इस फसल को बेचकर किसान सालाना 8 से 10 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं, जबकि ज्यादा बड़े बाग से ज्यादा मुनाफा भी कमाया जा सकता है। अनार की फसल हर साल के साथ बढ़ती रहती है, जिसकी वजह से किसान को अनार की फसल उगाने से मुनाफा ही होता है।
बाजार में अनार की कई किस्में मौजूद हैं, जिसमें सुपर भगवा, ज्योति, मुदुला, अरक्ता और कंधारी की खेती सबसे ज्यादा की जाती है। अनार का सेवन करने से शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है, जबकि यह फल त्वचा का रंग साफ करने और वेट लॉस करने के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इसे भी पढ़ें – मात्र 10 हजार में शुरू करें ये बिजनेस, हर दिन होगा तीन गुना फायदा, जानें डिटेल्स