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भारत पहुंची पानी से चलने वाली कार, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत से मिलेगा छुटकारा, जानें कब से शुरू होगी सेल

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First Water Car in India – इन दिनों पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की जेब को काटने का काम किया है, जिसकी वजह से दो पहिया वाहनों को चलाना भी बहुत मुश्किल हो गया है। ऐसे में आज हम आपको बहुत ही एडवांस कार के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पेट्रोल से नहीं बल्कि पानी से चलती है।

दरअसल भारत सरकार लंबे समय से वाहन चलाने के लिए पेट्रोल और डीजल का विकल्प खोज रही थी, ऐसे में वैज्ञानिकों ने पानी से चलने वाली कार का फॉर्मूला ढूँढ कर सरकार की परेशानी हल कर दी है। इसी सिलसिले में पानी से चलने वाली पहली कार राजधनी दिल्ली में पहुँच चुकी है, जिसकी टेस्ट ड्राइव जल्द ही की जाएगी।

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पानी से चलने वाली कार (First Water Car in India)

आज तक आपने सड़कों पर पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कार को देखा होगा, जिसे चलाना आम आदमी के लिए बहुत ही खर्चीला साबित होता है। लेकिन भारत में जल्द ही ऐसी कार लॉन्च होने वाली है, जो पेट्रोल के बजाय पानी से तैयार ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन का इस्तेमाल करके सड़कों पर दौड़ेगी।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने इस एडवांस कार के बारे में बताते हुए कहा कि एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत हरियाणा के फरीदाबाद में तेल रिसर्च इंस्टीट्यूट में पानी से ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जा रहा है, जिसकी मदद से महंगी कार को चलाया जाएगा।

इस एडवांस कार को राजधानी दिल्ली से फरीदाबाद स्मार्ट सिटी के बीच चलाया जाएगा, ताकि आम लोगों को यह यकीन हो सके कि कार को पानी यानी ग्रीन हाइड्रोजन से भी चलाया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट के जरिए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ग्रीन हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए बढ़ावा देना चाहते हैं।

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कार के साथ-साथ बसों को चलाने की योजना

नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) का कहना है कि ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल सिर्फ निजी कारों को चलाने के लिए ही नहीं किया जाएगा, बल्कि इस ईंधन के जरिए बस और ट्रक को भी चलाया जा सकता है। आपको बता दें कि यह ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहनों को सीवेज के पानी और ठोस कचरे से बनाया जाएगा।

इस परियोजना के जरिए सीवेज के पानी से निपटाने और ठोस कचरे को ठिकाने लगाने का काम आसान हो गया है, जबकि परिवहन और महंगे ईंधन सम्बंधित समस्या भी हल हो जाएगी। आपको बता दें कि 7 साल पुरानी इस परियोजना के तहत नागपुर सरकार अपने शहर का सीवेज पानी महाराष्ट्र सरकार के बिजली संयंत्र डिपार्टमेंट को बेचता है, जिससे नागपुर शहर को सालाना 325 करोड़ रुपए की कमाई होती है।

पानी से कैसे चलेंगे वाहन?

अब आप यह सोच रहे होंगे कि पानी से वाहनों को कैसे चलाया जाएगा, क्योंकि यह नामुमकिन-सी परियोजना लगती है। लेकिन हम आपको बता दें कि इस योजना के तहत पानी से ऑक्सीजन और हाइड्रोजन को अलग कर दिया जाता है, जिसके बाद उससे ग्रीन हाइड्रोजन को तैयार किया जाता है।

इस ग्रीन हाइड्रोजन को ठोस कचरे से तैयार वाहनों में ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे महंगे पेट्रोल और लोहे से निर्मित वाहनों का खर्च बचाया जा सकता है। ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन के इस्तेमाल को लेकर भारत पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल, ओएनजीसी और एनटीपीसी जैसी सरकारी ईंधन कंपनियाँ भी बढ़ चढ़कर काम कर रही हैं।

कब तक मार्केट में आएगी एडवांस कार?

ऐसे में संभव है कि भविष्य में भारत में भी पानी यानी ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल किया जाए, जिसके तहत भारत में पहली पानी से चलने वाली कार को लाया जा चुका है। हालांकि अभी इस कार को मार्केट में लॉन्च नहीं किया गया है, क्योंकि इससे सम्बंधित ट्रायल अभी बाकी है।

वैज्ञानिक पहले पानी से चलने वाली कार का ट्रायल करेंगे, जिसके बाद कार में मौजूद कमियों को पता लगाया जाएगा। आखिरकार जब कार सभी टेस्ट क्लियर कर लेगी, उसके बाद उसे मार्केट में लॉन्च किया जाएगा। इस प्रक्रिया में कितन समय लगेगा, इस बात का खुलासा अभी तक साफ तौर पर नहीं किया गया है।

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Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

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