Homeलाइफ़बेटियों की शादी में लिया कर्ज चुकाने के लिए बुजुर्ग पिता ने...

बेटियों की शादी में लिया कर्ज चुकाने के लिए बुजुर्ग पिता ने बेचा घर, अब बस स्टॉप पर जिंदगी गुजारने को मजबूर

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Old Man Madasami Makes Bus Stand his Home – आज जमाना आधुनिक हो चुका है लेकिन फिर भी बेटी की शादी करवाना एक पिता के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। एक पिता अपने जीवन की पूरी जमा पूंजी अपनी बेटियों की शादी में लगा देता है। जिनके पास पैसे नहीं है वह अपनी बेटियों की शादी अच्छे से करवाने के लिए कर्ज तक लेते हैं। क्योंकि हर पिता का यही अरमान होता है कि उसकी बेटी अच्छे घर में जाए और उसका वैवाहिक जीवन खुशियों से भरा हुआ हो।

बेटी की खुशी के लिए कोई भी पिता हर कीमत चुकाने के लिए तैयार रहता है। दोस्तों आज हम आपको तमिलनाडु के एक ऐसे ही पिता के बारे में बताने जा रहे हैं। इस पिता की कहानी सुनकर के आपकी आंखें नम हो जाएंगी।

Madasami

कर्ज चुकाने में बिक गया घर

आज हम बात कर रहे हैं तमिलनाडु (Tamilnadu) के तेनकासी (Tenkasi) जिले में रहने वाले 61 वर्षीय मदासामी (Madasami) की, यह बुजुर्ग अनैयप्पापुरम नामक गाँव में रहते हैं। यह बस स्टॉप पर अपना जीवन गुजारने के लिए मजबूर हो चुके हैं। इस 61 वर्षीय बुजुर्ग ने अपनी बेटियों की शादी अच्छे से करवाने के लिए कर्ज पर पैसे लिए थे। जिसके कारण इनके सर से अब छत तक उठ चुकी है और इनका घर बिक चुका है।

बातचीत के दौरान मदासामी ने अपने जीवन के कठिनाइयों के बारे में जिक्र किया। यह बताते हैं कि इनके पास वर्तमान में कुछ कपड़े, टिफिन बॉक्स और पानी की बोतलों के अलावा कुछ भी नहीं रह गया है। इनके पास गुजरा करने के लिए कोई कार्य भी नहीं है जिससे अपना लालन-पालन कर सके। इसीलिए वह अपना पेट भरने के लिए लोगों से भीख मांगते हैं। इनका जीवन बहुत ही बुरे स्थिति में आ चुका है लेकिन इसके बावजूद कोई भी इनकी सहायता नहीं कर रहा है।

Bus-Stop

कभी पूरे गाँव में थे मशहूर

मदासामी ने यह भी बताया कि इनके जीवन में एक वक्त ऐसा भी गुजरा है जब यह अपने गाँव में काफी मशहूर थे। यह अपने गाँव के प्रसिद्ध लोक गायक हुआ करते थे और गाँव के आसपास के क्षेत्र में होने वाले विवाह समारोह एवं अन्य कार्यक्रमों में इन्हें गायक के तौर पर गाना गाने हेतु आमंत्रित किया जाता था। उस दौरान लोग इन्हें काफी पसंद करते थे। यह 61 वर्षीय बुजुर्ग बताते हैं कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनका जीवन एक दिन इस मोड़ पर आ जाएगा।

वह अपना जीवन खुशहाल तरीके से व्यतीत कर रहे थे। उन्हें उनके गाँव में भी बहुत प्रसिद्धि प्राप्त थी। लेकिन उनकी पत्नी के देहांत के बाद उनका जीवन पूरी तरीके से बदल गया। मदासामी शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक रूप से बहुत ही अधिक कमजोर हो गए हैं। मदासामी ने अपनी बेटियों का विवाह अच्छी तरीके से करवाने के लिए कर्ज पर पैसा लिया था। जो की दिन पर दिन बढ़ने लगा और अंत में नतीजा यह निकला कि कर्ज चुकाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे और उन्हें अपना घर बेचना पड़ा।

Manrega

कहीं नहीं मिला काम

बता दे कि मदासामी के रहने का कोई भी ठिकाना नहीं है। इनके पास कोई वैध स्थानीय पता ना होने के कारण इनका बैंक मैं खाता भी मौजूद नहीं है। यही वजह है कि मदासामी को मनरेगा में मजदूर के तौर पर भी काम नहीं मिल सकता है। मदासामी बताते हैं कि पहचान पत्र के तौर पर उनके पास आधार कार्ड, राशन कार्ड एवं वोटर कार्ड मौजूद है।

लेकिन किसी भी सरकारी योजना के मुताबिक बिना स्थाई पते की वह अपना बैंक में खाता खुलवाने में असमर्थ हैं। बैंक में अकाउंट ना होने की स्थिति में इन्हें मनरेगा में भी नौकरी प्राप्त नहीं हो सकी है और ना ही इन्हें वृद्धा पेंशन का लाभ मिल सकता है।

मदद के लिए आगे नहीं आई बेटियाँ

मदासामी (Madasami) ने यह भी बताया है कि इस सम्बंध में उन्होंने तेनकासी जिले के उच्च अधिकारियों से भी संपर्क साधा था और वह इनके बारे में जानकारी एकत्रित कर रहे हैं। इनके जिले के अधिकारियों ने इन्हें आश्वासन प्रदान किया है कि उनके लिए मनरेगा एवं वृद्धा पेंशन जैसी सरकारी योजना का लाभ प्राप्त करने का समाधान ढूँढ लिया जाएगा।

मदासामी (Madasami) एक सामान्य व्यक्ति हैं 5 वर्ष पहले इनकी पत्नी का निधन हो गया था। इनकी बेटियाँ भी अलग-अलग राज्यों में ब्याही गई है इसीलिए वह इनके साथ नहीं रहती हैं। मदासामी का यह भी कहना है कि उनके बुरे समय में उनकी कोई की बेटी उनकी सहायता करने नहीं आई इस बात का भी इन्हें बहुत दुख है।

यह भी पढ़ें
News Desk
News Desk
तमाम नकारात्मकताओं से दूर, हम भारत की सकारात्मक तस्वीर दिखाते हैं।

Most Popular