आज ना सिर्फ़ हमारा देश भारत बल्कि दुनिया के अन्य कई देश जलवायु परिवर्तन यानी क्लाइमेट चेंज की समस्या का सामना कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन की समस्या सारी दुनिया के लिए एक चुनौती बन गई है जिसका निवारण करना अति आवश्यक हो गया है। हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी गत शनिवार को हुए एक वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन में सभी को सम्बोधित करते हुए जलवायु परिवर्तन की समस्या सुलझाने के लिए कई उपाय बताये और साथ ही भारत में इस हेतु जो भी क़दम उठाए गए हैं उनके बारे में भी बताया।
जलवायु परिवर्तन क्या होता है?
जलवायु का मतलब किसी क्षेत्र में दीर्घ काल तक औसत मौसम रहने से होता है अर्थात जब किसी स्थान पर रहने वाले औसत मौसम में परिवर्तन हो जाता है तब उसे जलवायु परिवर्तन कहा जाता है। जलवायु परिवर्तन को कोई एक क्षेत्र विशेष में भी अनुभव कर सकते हैं अथवा सारी दुनिया में भी महसूस किया जा सकता है। अगर हम जलवायु परिवर्तन से जुड़ी आजकल की ही स्थिति के बारे में चर्चा करें, तो जलवायु परिवर्तन का असर करीब-करीब सारी दुनिया में दिखाई देता है। परन्तु आपको इसी बारे में एक ख़ास बता दें कि यही जलवायु परिवर्तन एक अच्छी ख़बर भी लेकर आया है।
यूके में 60 मिलियन वर्ष पुराना एक पौधा दिखा
जलवायु परिवर्तन से जुड़ी अच्छी ख़बर यह है कि यूके में 60 मिलियन से भी ज़्यादा सालों पुराने पौधे अब फिर से इतने वर्षों बाद देखने को मिल रहे हैं। अभी हम जिस पौधे की बात कर रहे हैं वह पौधा तापमान की वृद्धि के कारण फिर से उग रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि उपजाऊ साइकैड्स (cycads plants) नामक यह पौधे इतने पुराने हैं जबकि डायनासोर हमारी पृथ्वी पर रहा करते थे।
इस सम्बंध में विशेषज्ञों का कहना है कि, करीब 60 मिलियन वर्षों पूर्व यह पौधे यूनाइटेड किंगडम में उग आते थे। उनका यह भी कहना है कि अब क्योंकि तापमान अत्यधिक बढ़ गया है अतः इस जलवायु परिवर्तन की वज़ह से यही पौधे एक बार फिर यूनाइटेड किंगडम में पुनः देखे जा रहे हैं।
कम तापमान डाल रहा था इनकी वृद्धि में रुकावट
कुछ वर्षों पूर्व इसी पौधे को फॉसिल अलास्का तथा अंटार्टिका में भी देखा गया था। परंतु निम्न तापमान होने की वज़ह से यह पौधे बढ़ नहीं पा रहे थे, क्योंकि कम तापमान इनके वृद्धि में रुकावट बनता है। पर जब यूनाइटेड किंगडम में तापमान बढ़ा तो इस जलवायु के परिवर्तन की वज़ह से इन ख़ास पौधों की भी वृद्धि संभव हो पाई। अब तो इन पौधों के मेल और फीमेल दोनों ही उगाए जा रहे हैं।
यूके में Cycads plants की खेती
Isle of Wight के Ventor Botanic नामक गार्डन में इन विशेष पौधों की उच्च तापमान में खेती भी की जा रही है। अतः हम कह सकते हैं कि जलवायु परिवर्तन द्वारा जीव जंतुओं तथा मनुष्य को कुछ हानि अवश्य झेलनी पड़ रही होगी परंतु अगर इसका एक और पक्ष देखा जाए तो इससे कई लाभ भी हमें प्राप्त हुए हैं, जिन्हें नकारा नहीं जा सकता।