अक्सर हमने पानी, कचड़े इत्यादि से बिजली को जेनरेट होते सुना है। लेकिन क्या आपने कभी सब्जियों और फलों से बिजली उत्पादन होते सुना है? जी हाँ इसमें हैरान होने वाली कोई बात नहीं है, यह बिल्कुल सच बात है क्योंकि ऐसा कर दिखाया है झारखंड के रहने वाले एक युवा ने।
झारखंड, चक्रधरपुर के पोटका गाँव में रहने वाले रोबिन साहनी ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिससे लोग बिल्कुल आश्चर्यचकित हो गए हैं। आपको बता दें तो रोबिन साहनी (Robin Sahni) अभी सिर्फ़ 11वीं कक्षा में पढ़ते हैं। इतनी छोटी उम्र में ही उन्होंने सब्जियों और फलों से बिजली जेनरेट किया है, जिससे बल्ब जल रहा है। उन्होंने पूरे प्रमाण के साथ कहा है कि वह गाजर, खीरा, अमरूद और हरी मिर्च से ही बिजली उत्पादन कर रहे हैं। रॉबिन ने बताया कि यह रसायन और भौतिक विज्ञान के मिश्रण का कमाल है जिससे वह ऐसा कर सके हैं।
आजतक के द्वारा हुए एक इंटरव्यू में रोबिन साहनी ने बताया कि सब्जियों और फलों में भी बैटरी जैसे गुण मौजूद होते हैं। बस उसे भौतिक और रसायन विज्ञान की पद्धति से मिलाते हुए कॉपर और जिंक के प्लेट से कनेक्ट करने की ज़रूरत होती है। जिससे आप बहुत ही आसानी से बिजली जेनरेट कर सकते हैं।
लोगों को उनका यह काम जादू की तरह लग रहा है। इस बात पर भी रोबिन ने बताया कि यह कोई जादू नहीं है, बल्कि विज्ञान है। सब्जियों और फलों में जो रसायनिक पदार्थ पाए जाते हैं वह बिजली उत्पादन करने में सहायक होते हैं। रोबिन ने फलों और सब्जियों से जिस विधि से बिजली उत्पादन किया है उसे उन्होंने एक दस्तावेज के रूप में भी तैयार किया है।
फलों और सब्जियों से बिजली बनाने की विधि पर बात करते हुए रोबीन ने बताया कि इसके लिए 14 पीस गाजर, 14-14 पीस कॉपर और जिंक को एक प्लेट के साथ तांबे के तार से जोड़ देने पर इससे आपको 5 वोल्ट की इलेक्ट्रिसिटी मिलेगी। जिससे आप 3 वोल्ट तक की एलईडी लाइट जला सकते हैं और इससे आप मोबाइल भी चार्ज कर सकते हैं।
अपने भविष्य को लेकर रॉबिन ने कहा कि वह बड़े होकर एक वैज्ञानिक बनना चाहते हैं। वह बचपन से ही एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानते हैं। रॉबिन के इस काम को देखने दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। चूंकि रोबिन बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं इसलिए उनसे मिलने वाले लोग उनकी मदद करने की भी बात करते हैं।
रोबिन ने जिस तरह इतनी छोटी उम्र में इतना बड़ा इन्वेंशन किया है, वह वाकई इस उम्र के बच्चे के लिए बहुत बड़ी बात है। उनसे उनकी उम्र के बाक़ी बच्चों को भी सीख लेनी चाहिए और अपनी पढ़ाई को बहुत ही लगन और मेहनत से करनी चाहिए, ताकि वह भी इनकी तरह कुछ अच्छा करें।
Image Source- Ajtak