World Tuberculosis Day 2022: बीमारियां और उनसे जुड़े उपचार यह दोनों ही मानव जीवन में घटित होने वाली घटनाएं है। जिनको न तो टाला जा सकता है, ना ही इनसे बचा जा सकता है। बस हम सावधानियों और जागरूकता के माध्यम से बीमारी के फैलने की गति को कम कर सकते हैं। ऐसे ही एक बीमारी के संबंध में जागरूकता की सोच लिए हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस या वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे के रूप में मनाया जाता है।
वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे हर वर्ष 24 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन लोगों को ट्यूबरक्लोसिस और स्वास्थ्य, समाज और अर्थव्यवस्था पर उससे होने वाले प्रभाव से जागरूक किया जाता है। विश्व भर में ऐसे कई संस्थान हैं जो ट्यूबरक्लोसिस की जड़ों को इस दुनिया से हमेशा के लिए मिटाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
वर्तमान समय में भले ही हमारे पास ट्यूबरक्लोसिस से बचाव के लिए कई सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन इन सब के बावजूद भी भारत में ट्यूबरक्लोसिस का खतरा सबसे अधिक है। इसका कारण भारत में ओवरक्राउडिंग, खांसने का गलत तरीका और ट्यूबरक्लोसिस से जल्दी प्रभावित होने जैसी समस्याएं शामिल हैं। अनियंत्रित डायबिटीज के पेशेंट, एचआईवी पेशेंट, इम्यूनोथेरेपी के पेशेंट, कैंसर से पीड़ित लोग, स्टेरॉयड और मालन्यूट्रिशन के शिकार लोगों पर इस बीमारी का खतरा ज्यादा है।
विश्व टीबी दिवस की पृष्ठभूमि
इस बीमारी के इतिहास की ओर नज़र डालें तो उसके अनुसार 24 मार्च, 1882 को जर्मन फिजिशियन और माइक्रोबायोलॉजिस्ट रॉबर्ट कॉच (Dr. Robert Koch) ने टीबी के बैक्टीरियम यानी की जीवाणु माइकोबैक्टीरियम ट्युबरक्लोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) की खोज की थी। डॉ.रॉबर्ट कॉच (Dr. Robert Koch) की इस खोज ने टीबी जैसी बीमारी के खिलाफ इलाज ढूंढने में काफी मदद की थी। जर्मन माइक्रोबायोलॉजिस्ट रॉबर्ट कॉच को 1905 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया।
घातक संक्रामक किलर डिजीज है टीबी
इस बीमारी के संदर्भ में डब्ल्यूएचओ के अनुसार, टीबी वर्तमान समय में भी दुनिया की सबसे घातक संक्रामक किलर डिजीज में से एक है। हर दिन तकरीबन 4100 लोग टीबी से अपनी जान गंवाते हैं। एशियाई देशों में इस बीमारी से सर्वाधिक प्रभावित देश भारत है। साल 2000 से अब तक टीबी से विश्वभर में लगभग 66 मिलियन लोगों की जान बचाई गई है।
क्या है ‘विश्व टीबी दिवस 2022′ की थीम?
हर साल की तरह इस साल भी इस दिवस के उपलक्ष्य में एक थीम रखी गयी है। ‘विश्व टीबी दिवस 2022’ की थीम है ‘इनवेस्ट टू एंड टीबी. सेव लाइव्स’ (Invest to End TB. Save Lives)’। इस थीम का शाब्दिक अर्थ ‘टीबी को खत्म करने के लिए निवेश करें. जीवन बचाए’ है। इसका अर्थ है कि डब्ल्यूएचओ टीबी के खिलाफ इस लड़ाई में संसाधनों, सहायता, देखभाल और सूचना के तत्काल निवेश का आह्वान करता है।
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