Jharkhand 10th Board Toppers: हमारे देश में जहाँ एक तरफ बेटी को बोझ समझा जाता है, वहीं-वहीं दूसरी तरफ देश की बेटियों ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करके अपने माता-पिता का नाम रोशन करने का काम किया है। ऐसे में आज हम आपको झारखंड की रहने वाली दो बेटियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने हालातों से लड़कर अपनी तरक्की का रास्ता तैयार किया है।
झारखंड बोर्ड में बेटियाँ रही टॉपर
इन दिनों देश के अलग-अलग राज्यों में बोर्ड परीक्षा के नतीजे घोषित किए जा रहे हैं, जिसमें कुछ छात्र अच्छे अंकों के साथ पास हो गए तो वहीं कुछ ने प्रदेश और जिला टॉप करके अपने माता-पिता और परिवार का नाम रोशन करने का काम किया है। इसे भी पढ़ें – बस कंडक्टर की बेटी ने 10वीं में किया प्रदेश टॉप, 500 में से हासिल किए 499 अंक
इसी लिस्ट में झारखंड के चक्रधरपुर जिले के कारमेल स्कूल में पढ़ने वाली तानिया शाह और निशु कुमारी का नाम भी शामिल हो गया है, जिन्होंने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 500 में से 490 अंक हासिल करके पूरे प्रदेश टॉप किया है।
चाय समोसा बेचते हैं तानिया के पिता
तानिया शाह और निशु कुमारी दोनों ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं, ऐसे में उनके द्वारा पूरे प्रदेश में टॉप करना हर किसी के लिए आर्श्चय की बात है। तानिया शाह अपने परिवार के साथ चक्रधरपुर के पोटका में स्थित इचिंडासाई इलाके में रहती हैं, जबकि उनके पिता सतीश शाह चाय समोसा बेचकर किसी तरह अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। इसे भी पढ़ें – अनाथ बच्चे ने 10वीं की परीक्षा में किय जिला टॉप, दादा-दादी ने चाय बेचकर भरी थी स्कूल फीस
ऐसे में बेटी के प्रदेश टॉपर बनने से तानिया के पिता काफी गर्व महसूस कर रहे हैं, जबकि उनकी माँ नीलू देवी गृहणी हैं और अपनी बेटी को आगे पढ़ाई करते हुए देखना चाहती है। तानिया ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और स्कूल टीचर्स को दिया है, जबकि वह 10वीं के बाद साइंस लेना चाहती हैं और उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना देखती हैं।
डेयरी फार्म चलाते हैं निशु के पिता
वहीं निशु कुमारी के पिता दिनेश कुमार यादव एक छोटा-सा डेयरी फार्म चलाते हैं, जो रोजाना चक्रधरपुर की रिटायर्ड कॉलोनी में घर-घर जाकर दूध बेचना पड़ता है। निशु कुमारी के टॉपर बनने पर दिनेश कुमार ने गर्व और खुशी जाहिर की है, उनका कहना है कि बेटी की वजह से उन्हें राज्य में नई पहचान मिली है।
निशु कुमारी का कहना है कि उन्होंने एग्जाम में अपना बेस्ट देने की कोशिश की थी, जिसका नतीजा यह हुआ कि उन्होंने पूरे राज्य में टॉप किया है। निशु अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और टीचर्स को देती हैं, जिनकी मेहनत और आशीर्वाद की वजह से उन्हें इतने अच्छे अंक प्राप्त हुए हैं। इसे भी पढ़ें – पिता चलाते हैं टेम्पो और माँ खेतों में करती है मजदूरी, बेटी बनेगी गाँव की पहली महिला डॉक्टर