Tadgola Ki Kheti: फल खाना हमेशा से सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है, जिसमें कई प्रकार के विटामिन, मिनिरल्स और पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ऐसे में आप भी सेब, केला, आम और समेत विभिन्न फलों का स्वाद चखते रहते होंगे, जो सीजन के हिसाब से मार्केट में बिकते हैं।
लेकिन आज हम आपको एक ऐसे फल के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दिखने में बिल्कुल बर्फ के टुकड़े की तरह लगता है। इस फल के बारे में भारत के कम ही लोग जानते हैं, जिसकी वजह से इसकी खेती करके मुनाफा कमाने का मौका कई किसानों के हाथ से छूट जाता है। तो आइए जानते हैं ताड़गोला फल के बारे में, जिसकी खेती करके किसान मालामाल हो सकते हैं।
क्या है ताड़गोला फल?
भारत के महाराष्ट्र, उड़ीसा और तमिलनाडु जैसे राज्यों में उगाया जाने वाला ताड़गोला फल दिखने में काफी हद तक बर्फ के सफेद टुकड़े की तरह लगता है, जिसकी वजह से इसे आइस एप्पल के नाम से भी जाना जाता है। ताड़गोला फल में कैलोरी की मात्रा बहुत ही कम होती है, जबकि इस फल में कैल्शियम, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन ए, सी, ई, के, बी7 और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसे भी पढ़ें – इन नस्लों की गाय को पालकर साल भर में अमीर बन सकते हैं पशुपालक, रोजाना देती हैं कई लीटर दूध
ऐसे में गर्मी के मौसम में ताड़गोला फल का सेवन सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है, जो बहुत ही रसीला और हल्के से खट्टे मीठे स्वाद का होता है। इस फल को खाने से वजन भी कंट्रोल में रहता है, क्योंकि 100 ग्राम ताड़गोला में सिर्फ 43 कैलोरी पाई जाती हैं। हालांकि इस आइस एप्पल के बारे बहुत ही कम लोग जाते हैं, जबकि किसानों को भी इस फल की खेती से जुड़ी कोई जानकारी नहीं है।
ताड़गोला फल में औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं, पित्त को बाहर निकालने और पुरुषों में वीर्य की मात्रा को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। इसके अलावा यह फल खून को साफ करने, पाचन क्रिया को बेहतर बनाने, हार्ट अटैक और मधुमेह जैसी बीमारियों को कम करने काफी उपयोगी माना जाता है।
ताड़गोला फल की खेती | Tadgola Ki Kheti
अगर आप एक किसान हैं और फल की खेती करके मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो ताड़गोल फल की खेती (Tadgola Ki Kheti) आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इस फल को 33 से 35 डिग्री सेल्सियस वाले इलाकों में आसानी से उगाया जा सकता है, जिसके लिए रेतीली मिट्टी के अलावा किसी भी प्रकार की मिट्टी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ताड़गोला फल के पौधे लगाने के लिए जुलाई से अगस्त महीने के बीच का समय सबसे बेहतरीन माना जाता है, क्योंकि इस वक्त देश में मॉनसून दस्तक दे चुका होता है। ऐसे में ताड़गोला फल के पौधों को विकसित होने के लिए अच्छी सिंचाई और नमी वाली मिट्टी मिल जाती है, क्योंकि इस पौधे को बढ़ने के लिए समय-समय पर पानी की जरूरत होती है।
ऐसे में ताड़गोला के पौधे विकसित होने के बाद फल देना शुरू कर देते हैं, जिन्हें बाज़ार में बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है। आपको बता दें कि इस फल की खेती फिलहाल महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उड़ीसा जैसे राज्यों में ही होती है, जिसकी वजह से इसकी मांग ज्यादा है और किसान ताड़गोला को अपने द्वारा तय की गई कीमत के हिसाब से बेचते हैं।
जिन राज्यों में ताड़गोला फल की खेती होती है, उन राज्यों के किसान इस फल को उगाकर खूब मुनाफा कमा रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि ताड़गोला फल की खेती के लिए पूरे देश के किसानों को प्रोत्साहित करना जरूरी है, जिससे इस फल की मांग और भी ज्यादा बढ़ जाएगी।
सरकार भी किसानों को ताड़गोला फल उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, जबकि छोटे किसानों को खेती के लिए मदद भी दे रही है। ऐसे में अगर किसान ताड़गोला फल की खेती करते हैं, तो इस गुमनाम से फल को देश के विभिन्न बाजारों में देखना आसान हो जाएगा और लोग ताड़गोला फल को खरीद कर उसके स्वाद से अवगत हो पाएंगे। इसे भी पढ़ें – घर बैठे शुरू करें फूलों का बिजनेस, हर महीने होगी लाखों रुपए की कमाई