Shubham kumar: भारत में हर 3 में से 2 युवा यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) पास करने का सपना देखता है, जिसके लिए वह दिन रात मेहनत करता है। हालांकि यूपीएससी की परीक्षा को पास कर पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता है, लेकिन अगर छात्र की मेहनत सच्ची हो और उसके साथ माता-पिता का आशीर्वाद हो तो उसे कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता है।
ऐसा ही कुछ हुआ है बिहार (Bihar) के रहने वाले शुभम कुमार (UPSC Topper Shubham kumar) के साथ, जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) में टॉप करके अपने माता-पिता और पूरे राज्य का नाम रोशन किया है। शुभम कुमार की इस कामयाबी के पीछे उनके पिता देवानंद सिंह के संघर्ष और एक अधूरे सपने का अहम योगदान है, जो 500 रुपए की कमी की वजह से परीक्षा नहीं दे पाए थे।
शुभम कुमार (Shubham kumar) के पिता देवानंद सिंह बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में तेज थे और वह एक सरकारी अफसर बनने का सपना देखते थे, जिसके लिए उन्होंने साल 1983 में आईआईटी की परीक्षा के लिए फॉर्म भर दिया था। लेकिन घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से देवानंद सिंह के पास 500 रुपए नहीं थे, ताकि वह परीक्षा देने के लिए एग्जाम सेंटर तक पहुँच सके।
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दरअसल आईआईटी की परीक्षा की तैयारी करने के दौरान देवानंद सिंह के पिता का अचानक देहांत हो गया था, जिसकी वजह से परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी देवानंद के कंधों पर आ गई थी। पिता की मृत्यु के बाद देवानंद सिंह पढ़ाई जारी नहीं रख पाए और न ही उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा दी, क्योंकि उनके पास परीक्षा में बैठने के लिए 500 रुपए नहीं थे।
लेकिन देवानंद सिंह के बेटे शुभम कुमार ने अपने पिता के अधूरे सपने को पूरा करके आईएएस ऑफिसर बनने में सफलता हासिल कर ली, जबकि पूरे देश में यूपीएससी टॉपर बनकर एक अलग पहचान भी बनाई है। इसी वजह से बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार यादव ने शुभम कुमार से मुकालात की थी और उन्हें मिथिला की पाग पहना कर सम्मानित किया था।