एक कहावत है सांप को दूध पिलाना यानी दुश्मन से ही अच्छाई की उम्मीद करना। अक्सर लोगों के बारे में यह कहा जाता है कि सांप को दूध पिला रहा है। एक ना एक दिन तो डसेगा ही। लेकिन एक ऐसी लड़की जो पिछले 7 सालों से कई खतरनाक सांपों के साथ रहती है खाती है, खेलती है सोती है, लेकिन अब तक सांपों ने कुछ नहीं किया है।
कानपुर के घाटमपुर की रहने वाली नाज़नीन जिसका दूसरा नाम काजल है। 13 साल की काजल पिछले 7 वर्षों से कोबरा प्रजाति जैसे खतरनाक 6 सांपों के साथ रहती है। काजल के पिता बताते हैं कि जब वह 6 साल की थी, तब दो कोबरा सांप आकर उसकी गर्दन में लटक गए। जिसके बाद उन उसके घर वालों ने सांपों को भगाने का बहुत प्रयत्न किया और सपेरे को बुलाकर उनके साथ सांपों को भेज दिया। अगले दिन वह कोबरा सांप सपेरे के पिंजरे से भागकर फिर काजल के पास आ गए। उसके बाद से काजल उन्हीं के साथ रहने लगी।
कोबरा सांप जिसके काटने के बाद इंसान का बचना असंभव है। कोबरा सांप के बारे में एक सच्चाई है कि वह एक साथ 40 लोगों की जानें ले सकता है है। लेकिन अब पूरे गाँव में विषकन्या के रूप में प्रसिद्ध हो चुकी काजल कोबरा सांपों के साथ 24 घंटे रहती हैं। इन्हीं के साथ खेलती, खाती और चारपाई पर सोती भी है और इन सर्पों से बहुत ज़्यादा प्यार दुलार करती हैं।
काजल को सांपों के प्रति प्रेम को देखकर उनके परिजन भी बहुत परेशान रहते हैं। इन सर्पों के चक्कर में काजल ने अपने अपनी पढ़ाई तक छोड़ दी है। कई बार सपेरों को बुलाकर सर्प को उन्हें सौंप दिया जाता है, लेकिन अगले दिन कोबरा फिर से काजल के पास आ जाते हैं।
काजल सुबह उठकर सबसे पहले कोबरा समेत अन्य सांपों के साथ घर के बाहर बैठ जाती है और उन्हें खुले में छोड़ देती है। प्रतिदिन खाना खाने के बाद काजल सांपों के साथ गाँव में खेलने के लिए निकल जाती है। काजल बताती है कि “कोबरा समेत सभी सांपों के जहरीले दांत हैं और उन्होंने न तो हमें और न ही किसी गाँव के लोगों को डंसा है।”
अपने माता-पिता के साथ रह रही काजोल के दो भाई और छह बहनें हैं। काजल के बाबा भी सपेरे थे। बाबा के निधन के बाद पिता ने सपेरे के कामों के बजाए मजदूरी करना शुरू कर दिया। उनके बाबा के पाले हुए सांप घर में ही रहते थे। काजल कहती है कि मैंने कोबरा से मैंने दोस्ती कर ली है और कोबरा सांप मेरी रखवाली करते हैं। काजल के दिन की शुरुआत किंग कोबरा ग्रुप के साथ ही होती है। काजल कहती है कि “लोग सांपों से डरते क्यों हैं, ये तो हमारे बहुत अच्छे दोस्त भी हो सकते हैं।”
रामकिशोर जो कि सर्प-विशेषज्ञ हैं, वह बताते हैं कि सिर्फ़ स्पर्श से ही सांपों को ये एहसास हो जाता है कि उनको पकड़ने वाला दुश्मन नहीं है या दोस्त है। वह ज्यादातर सांप पहाड़ी इलाकों से पकड़ कर लाते हैं और उनके जहरीले दांत तोड़ देते हैं। अब रही बात काजल के कोबरा सांपों की तो उनके भी जहरीले दांत 100% तोड़े गए होंगे। वैसे वन विभाग की टीम को मौके पर जाकर देखना चाहिए।