Sharmaji Namkeen Review : व्यक्ति जिस समाज का हिस्सा है वो आज का समाज अपने आयु के तय किये हुए समय पर सब कुछ करने को ही जीवन जीने का सही तरीका मानता है। आम भाषा में कहे तो करेक्ट एज ऑफ डूइंग थिंग्स। पर ज़रा सोचिए इस कभी भी ख़त्म हो जाने वाली ज़िन्दगी में हम सभी आखिर कब की और कहां तक की प्लानिंग कर पाएंगे। लेकिन फिर भी लोग आज भी इसी मानक पर चलते है कि 20 तक पढ़ाई 25 पर नौकरी 26 पर छोकरी 30 तक बच्चे 60 पर रिटायरमेंट और फिर मौत का इंतज़ार। हमारी ही हिंदी फिल्म के इस डायलॉग से तो आप सब परिचित होंगे। पर इसी डायलॉग को बोलने वाले एक्टर रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) के पिता और बॉलीवुड के सबसे चार्मिंग और प्यारे ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) ने उनके इसी डायलॉग के एक हिस्से की कहानी को दर्शाते हुए दुनिया से अलविदा ले लिया।
ऋषि कपूर उर्फ चिंटू जी हिंदी सिनेमा का वो चमकता हुआ सितारा जिसकी चमक आज भी फीकी नहीं पड़ी है। साल 2020 में कैंसर की बीमार से पीड़ित ऋषि कपूर ने अपने जीवन की अंतिम सांसे ली। पर जाते जाते भी उस लेजेंड ने हिंदी सिनेमा पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। द शो मस्ट गो ऑन के वाक्य के साथ उन्होंने भी अपने इस शो को जारी रखा और अपने जीवन की आखिरी फ़िल्म ‘शर्मा जी नमकीन’ (Sharmaji Namkeen) जैसी उम्दा और ज़िंदगी के बेहद साधारण से पहलू को लोगों के सामने पेश करती हुई
कहानी को दिखाते हुए दुनिया से रुख़सत ले ली।
क्या है ‘शर्मा जी नमकीन’ की खास बात (Sharmaji Namkeen Review)
अमेज़न प्राइम ओटीटी (OTT) माध्यम पर 31 मार्च को रिलीज हुई निर्देशक ‘हितेश भाटिया’ (Hitesh Bhatia) की फ़िल्म ‘शर्मा जी नमकीन’ (Sharmaji Namkeen) एक मिडिल क्लास मेन के रिटायरमेंट के बाद की मनोदशा को दर्शाती कहानी है। इस फ़िल्म के चर्चा में होने का कारण भले ही ऋषि कपूर की आखिरी फ़िल्म के तौर पर हो। पर जब आप इसकी कहानी से खुद अवगत होते हैं तो यह आपको पूरे समय स्क्रीन्स पर बांधे रखने की क्षमता रखती है।
इस फ़िल्म की खास बात यह है कि एक ही किरदार को दो अलग एक्टर्स ने पर्दे पर दर्शाया है। जी हां, फ़िल्म के कुछ भाग में ऋषि कपूर बी.जी. शर्मा (B.G Sharma) का किरदार निभाते हुए नज़र आते हैं और कुछ हिस्सों में इसी किरदार को परेश रावल (Paresh Rawal) ने पूरा किया है। स्क्रीन पर एक समय ऐसा भी आता है जब दोनों ही एक्टर्स अलग अलग होकर भी आमने सामने नज़र आएं हैं।
क्या है परेश रावल के फ़िल्म को पूरा करने की वजह
बतौर दर्शक आपके मन में भी यह बात उठेगी कि आखिर एक ही किरदार को दो अलग लोग निभाएंगे तो पर्दे पर कहानी कितनी अटपटी सी नज़र आएगी। फ़िल्म देखने से पहले कई लोगों की यह सोच होगी, पर फ़िल्म देखते समय इस परिस्थिति से रूबरू होते वक़्त आपको वो अटपटापन महसूस नहीं होगा। परेश रावल के इस किरदार को निभाने के पीछे का कारण यह है कि ऋषि कपूर ने इस फ़िल्म की शूटिंग अपनी बीमारी की अवस्था में और अंतिम समय में की थी जिस वजह से फ़िल्म के आधे हिस्से को या कहानी के कुछ भाग को ही वो शूट कर पाएं थे, जिसके बाद उनकी तबियत बिगड़ गयी और वह अस्पताल में एडमिट हो गए।
ऋषि कपूर के देहांत के बाद मेकर्स को लगा की अब इस फ़िल्म को पूरा कर पाना मुश्किल है। उन्होंने इस किरदार के लिए रणबीर कपूर से भी रिक्वेस्ट की पर रणबीर इस किरदार को देखते हुए उसे निभाने को नहीं माने। दुविधा यह थी की कौन इस किरदार को उतने ही बेहतरीन तरीके से पूरा कर पायेगा। और इस प्रश्न के साथ ही मेकर्स ने अन्य एक्टर्स को इस किरदार के लिए अप्रोच करना चाहा। लेकिन कोई भी इस तरह का काम पर्दे पर करने के लिए राजी न हुआ और अंततः परेश रावल ने इस किरदार को करने के लिए हामी भरी। एक्टर ने उतनी ही बारीकी और बड़े ही शानदार तरीके से उस किरदार को पूरा किया। दोनों दिग्गज अभिनेताओं की यह फ़िल्म खुद में बहुत खास बन गयी। इस पूरे वाकिये की जानकारी दर्शकों को फ़िल्म की शुरुआत में ही रणबीर कपूर ने खुद दी है।
पर्दे पर एक समय में एक किरदार में दो लोग आते हैं नज़र
फ़िल्म की यूएसपी (USP) का पॉइंट समझिए या फिर निर्देशक और मेकर्स की कारीगरी। फ़िल्म के एक सीन में परेश रावल और ऋषि कपूर एक ही टाइम पर आमने-सामने नज़र आते हैं। यह सीन कुछ इस प्रकार का है कि ‘टीवी में एक डांसिंग (Dancing) एक्ट करते हुए परेश रावल नज़र आते हैं और उस टीवी के डांसिंग एक्ट को देखने वाला व्यक्ति सोफे पर बैठे ऋषि कपूर होते हैं। यह हिंदी सिनेमा के इतिहास में बड़ा ही अलग सा सीन दर्शकों को देखने के लिए मिलता है। इस सीन में आप दो एक्टर्स के बीच का अंतर तो जरूर समझ लेंगे पर कहानी के मध्य में यह सीक्वेंस आपको अजीब नहीं महसूस होगा।
बाकी किरदारों ने भी उम्दा एक्टिंग से जीता दिल (Sharmaji Namkeen Review)
फ़िल्म शर्मा जी नमकीन में ऋषि कपूर, परेश रावल के अलावा अन्य किरदारों और कलाकारों ने भी अपनी बेहतरीन एक्टिंग से दर्शकों का मनोरंजन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। फ़िल्म में सपोर्टिंग रोल में एक्ट्रेस जूही चावला, सुहेल नय्यर, ईशा तलवार, कौशिक सतीश, गुफी पेंटल और परमीत सेठी सहित अन्य कलाकार भी शामिल हैं। फ़िल्म का पूरा पूरा मज़ा लेने के लिए आपको खुद इस फ़िल्म को देखना चाहिए। क्योंकि कहानी के सार से कई ज्यादा उसे पर्दे पर दर्शाने की मेकर्स की यह तकनीक आपको हैरान कर देगी। हिंदी सिनेमा के इतिहास में कहानी के इस तरह के प्रेजेंटेशन को सालों साल याद रखा जाएगा। फ़िल्म में किरदारों में अंतर करने के बावजूद भी आप उसके मनोरंजन से अछूते नहीं रहेंगे।
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