ज़िला कलेक्टर को किस स्थान पर अपनी सेवाएँ देनी है यह सरकारी निर्धारित करती है इसलिए उनके ट्रांसफर भी होते ही रहते हैं। लेकिन IAS ऑफिसर PB नूह केरल के पथानामथिट्टा में रहने वाले व्यक्तियों के लिए ना सिर्फ़ ज़िला कलेक्टर थे बल्कि उनके हमदर्द और उनके सारी परेशानियों का निवारण करने वाले व्यक्ति थे। PB नूह ने लोगों की सेवा के लिए जो काम किए वह एक ज़िला कलेक्टर कि ड्यूटी से कहीं ज़्यादा थे। इसीलिए उन्होंने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई और जब उनका ट्रांसफर हो रहा था तो पठान्टिट्टा के लोग बहुत दुखी हो गए।
पठानमथिट्टा के ज़िला कलेक्टर पीबी नूह ने अपने आधिकारिक फ़ेसबुक पेज के द्वारा उस जिले के लोगों ने जो समर्थन दिया उसके लिए उन्हें शुक्रिया अदा किया। उनके इस पोस्ट पर बहुत से लोगों ने कमेंट किए, कुछ लोगों ने उन्हें धन्यवाद किया बहुत से लोगों ने जताया कि वे उनके होने वाले ट्रांसफर को लेकर नाराज हैं।
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भयंकर बाढ़ में फंसे लोगों की बहुत मदद की थी
पीबी नूह एर्नाकुलम जिले के मुवातुपुझा के मूल निवासी हैं, इन्होंने जून 2018 में पथानामथिट्टा के ज़िला कलेक्टर के तौर पर कार्यभार संभाला था। इनकी ड्यूटी के कुछ महीनों के बाद में ही अचानक केरल में एक भयंकर बाढ़ आई और वहाँ पर लाखों लोग बाढ़ के पानी में फंस गए थे। ऐसे समय पर पीबी नूह ने मोर्चे निकालकर राहत कार्य और बचाव कार्य करवाए। उन्होंने आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों तथा स्थानीय स्वयंसेवकों की सहायता से आपदा में फंसे लोगों के लिए खाना और दूसरी ज़रूरी वस्तुएँ है उन तक पहुँचाई।
उन्होंने वहाँ के लोगों के लिए बहुत से कार्य किए। सबरीमाला के पहाड़ी मंदिर में महिलाओं को प्रवेश वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फैली आराजकता भी उन्होंने देखी। वर्ष 2019 मैं जो बाढ़ आई उसमें भी नूह और उनकी सारी टीम ने मिलकर लोगों के लिए राहत कार्य और बचाव कार्य करवाये।
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करोना की चुनौती से जूझे
हालांकि केरल में वर्ष 2020 में बाढ़ नहीं आई थी परंतु इस बार तो ज़िला कलेक्टर पीबी नूह के सामने करोना की बड़ी चुनौती आ गयी थी। मार्च 2020 में पठानमथिट्टा को भारत में करोना के पहले हॉटस्पॉट स्थानों में से एक घोषित कर दिया गया था। असल में यहाँ पर एक ऐसा परिवार था जो इटली से होकर लौटा था और उनके द्वारा अपनी ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने की वज़ह से कोरोना फैल गया था।
ऐसे समय में इस जिले को लॉकडाउन किया गया था तब नूह ने उनकी टीम के साथ मिलकर उस परिवार के संपर्क में जो भी व्यक्ति आए उनका पता लगाकर खोज की। इसके साथ ही नूह अपने आधिकारिक फ़ेसबुक पेज के द्वारा, रोजाना करोना की वर्तमान परिस्थितियों के बारे में अपडेट देते रहते थे।
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सरकारी स्कूल में पढ़े थे नूह
पीबी नूह अपने भाई बहनों में सातवें स्थान पर थे और इनके पिताजी किराने की एक छोटी-सी दुकान चलाया करते थे। माँ एक हाउसवाइफ थी। आते आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वज़ह से इन्होंने तथा उनके सारे भाई बहनों ने सरकारी स्कूल में ही अपनी पढ़ाई पूरी की। फिर वर्ष 2012 में इन्होंने सिविल सर्विसेज की पढ़ाई की। इनके एक बड़े भाई जिनका नाम पीबी सलीम है, वे भी एक IAS ऑफिसर हैं।
जिला कलेक्टर नूह ने लोगों की परेशानियों में उनका साथ दिया और पूरे दिल से उनकी सेवा के कार्य में लगे रहे, इसीलिए उन्होंने लोगों के मन में अपनी जगह बनाई और लोग उनके ट्रांसफर पर अत्यधिक भावुक हो गए।