भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहाँ हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समेत विभिन्न धर्मों के लोग निवास करते हैं। ऐसे में इन सभी धर्मों के लोगों के रीति रिवाज, रहन सहन और खानपान अलग-अलग होता है, जो विभिन्नता में एकता का संदेश देते हैं।
ऐसे में मध्य प्रदेश के मंदसौद में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच भाईचारे का अनोखा किस्सा देखने को मिला, जहाँ हिंदु मंदिर में शिवलिंग की स्थापना में अड़चन आ रही थी। ऐसे में मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मिस्त्री ने न सिर्फ इस परेशानी को दूर किया, बल्कि डेढ़ टन के शिवलिंग की स्थापना भी करवाई।
अनेकता में एकता का संदेश
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मंदसौर (Mandsaur) में स्थित भगवान पशुपतिनाथ महादेव मंदिर (Pashupati Mahadev Mandir) में 6.50 फीट लंबे शिवलिंग की स्थापना की जा रही है, जिसका वजन डेढ़ टन स भी ज्यादा है। ऐसे में मंदिर के गर्भ गृह में विशाल और भारी भरकम शिवलिंग को स्थापित करने में दिक्कत आ रही थी, क्योंकि उसे जलाधारी यानी जिलहरी में नीचे की तरफ रखना था।
ऐसे में इस समस्या को हल करने के लिए कलेक्टर गौतम सिंह ने पीडब्ल्यूडी, पीएचई और जिला पंचायत समेत राज्य के अलग-अलग विभागों से इंजीनियर्स को बुलाया, ताकि वह शिवलिंग को स्थापित करने का सही तरीका बता सके। लेकिन कोई भी इंजीनियर इस समस्या का हल नहीं बता पाया, जिसकी वजह से शिवलिंग की स्थापना में देरी होने लगी।
आखिरकार इस काम को पूरा करने के लिए मकबूल नामक व्यक्ति की मदद ली गई, जो पेशे से एक मिस्त्री है। मकबूल काफी दिनों से शिवलिंग को स्थापित करने में आ रही परेशानियों पर गौर कर रहे थे, लिहाजा उन्होंने अपने सूझबूझ का प्रदर्शन करते हुए शिवलिंग को स्थापित करने का सही तरीका बताया।
मकबूल मिस्त्री ने हल की समस्या
यूं तो मकबूल कभी स्कूल नहीं गए थे, लेकिन उन्होंने छोटी-सी उम्र से ही मिस्त्री का काम शुरू कर दिया था। ऐसे में उन्हें काम करने का अच्छा खासा अनुभव हो गया और उन्होंने अधिकारियों को बताया कि अगर शिवलिंग को बर्फ की सिल्ली के ऊपर रख दिया जाए तो उसे जिलहरी में स्थापित करना आसान हो जाएगा।
बर्फ के ऊपर रखने से शिवलिंग को कोई नुकसान नहीं होगा, वहीं जैसे-जैसे बर्फ पिघलेगी शिवलिंग अपने आप अंदर की तरफ जाते हुए जिलहरी में प्रवेश कर जाएगा। ऐसे में अधिकारियों और मंदिर प्रशासन ने मकबूल की बात मान ली, जिसके बाद शिवलिंग को बर्फ के ऊपर रखकर जिलहरी के अंदर स्थापित किया गया।
मकबूल की सूझबूझ की सभी ने खूब तारीफ की, जो काफी सालों से पशुपतिनाथ महादेव मंदिर परिसर में बतौर मिस्त्री काम करते आए हैं। मकबूल का मानना है कि ईश्वर और अल्लाह एक ही शक्ति के स्वरूप हैं, लिहाजा उन्होंने शिवलिंग की स्थापना करवाना पुण्य का काम समझते हैं