किसी की परेशानी को देखकर हमदर्दी जताना तो हर किसी को आता है, लेकिन ऐसे बहुत कम व्यक्ति होते हैं जो उनकी मदद के लिए आगे आते हैं। कुछ ऐसे ही दयालु और मददगार इंसान हैं अभिनेता सोनू सूद। कोरोना के कारण देश में हुए लॉकडाउन की वज़ह से लोगों को अनेक प्रकार से समस्याओं का सामना करना पड़ा, कुछ लोगों की हालत तो बहुत खराब हो गई थी, तब से लेकर आज तक सोनू सूद जी के बारे में हम आए दिन खबरें पढ़ते और सुनते रहते हैं, क्योंकि आए दिन ये ज़रूरतमंद लोगों की मदद करते रहते हैं।
सोनू जी ने जिन फ़िल्मों में अभिनय किया उसमें वे अधिकतर नेगेटिव किरदार में ही रहे हैं, परन्तु असल जीवन में वे गरीबों और ज़रूरतमंदो के लिए मसीहा बन गए हैं। वे करीब छह महीनों से कोरोना कि इस महामारी के दौर में लोगों की परेशानियों को कम करने में जुटे हैं। कभी इन्होंने सड़क पर पैदल जाते हुए श्रमिकों को मीलों दूर उनके घर सुरक्षित पहुँचाया और रास्ते में उनके खाने पीने का भी ध्यान रखा।
कभी बेरोजगारों को अच्छी नौकरियाँ दिलवाई तो कभी किसी को किताबें और किसी का अच्छे अस्पताल में इलाज़ करवाया। इन्होंने अपने बर्थडे पर भी फ्री मेडिकल चेकअप कैंप लगवाया था, जिसमें बहुत लोगों ने चेकअप करवाया। अभी हाल ही में सोनू जी ने बिहार में रहने वाले एक किसान की मदद की है।
गरीब किसान को जीवनयापन के लिए दिलवाई भैंस
चंपारण में आई बाढ़ में भोला नामक एक किसान ने अपना बेटा भी खो दिया और साथ में उसकी भैंस भी। इसी भैंस से उनका रोजगार चलता था व जीवनयापन होता था। वह गरीब किसान बहुत दुख के समय से गुजर रहा था, एक तरफ़ बेटे को खोने का दुख और दूसरी तरफ़ भैंस खो जाने से घर की खराब हालत। बेटा खोने का दुख दूर करना तो किसी के बस में नहीं था, लेकिन सोनू जी ने इस गरीब किसान को एक भैंस खरीद कर दी, जिससे वह पैसे कमाकर अपने व अपना परिवार का ख़र्च उठा सके।
पहली कार खरीदने से भी ज़्यादा ख़ुशी का अनुभव हुआ
सोनू जी ने इस किसान की सहायता कि उससे उन्हें को ख़ुशी हुई उस इन्होंने सोशल मीडिया के जरिए शेयर किया, उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपनी पहली कार खरीदी थी, उस समय भी उन्होंने इतनी ज़्यादा ख़ुशी महसूस नहीं की थी, जितनी कि इस किसान को भैंस दिलवाने पर हो रही है। उन्होंने कहा कि उनका बिहार जाना होगा तो वे उन किसान के घर जाकर उस भैंस का ताज़ा दूध ज़रूर पीएंगे।
सोनू जी अभी कुछ समय से सोशल मीडिया पर काफ़ी एक्टिव रहते हैं और उसी के जरिए परेशानी में फंसे व्यक्तियों का पता लगाकर उनकी सहायता करते रहते हैं।