Old Man Transfer Property to District Magistrate – इस दुनिया में हर इंसान अपने बेहतर आज और सुनहरे भविष्य के लिए पैसे कमाता है, ताकि उसका परिवार सुख सुविधाओं के साथ जीवन यापन कर सके। इस बीच मनुष्य जो कुछ भी कमाता है, उसे अपने बच्चों के नाम कर देता है ताकि भविष्य में उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
लेकिन जब वही बच्चे अपने माता-पिता की देखभाल करने के बजाय उन्हें घर से बाहर निकालने के बहाने ढूँढने लगे, तो ऐसे में बुजुर्ग माता-पिता को किसी पर भरोसा नहीं रहता है। ऐसा ही कुछ हुआ आगरा के रहने वाले गणेश शंकर पांडेय के साथ, जिन्होंने अपनी पूरी संपत्ति डीएम के नाम कर दी है।
बेटों के बजाय डीएम को सौंपी संपत्ति
उत्तर प्रदेश के आगरा में रहने वाले गणेश शंकर पांडेय ने हाल में ही अपने जीवन भर की सारी कमाई शहर के डीएम के नाम कर दी है, जिसके लिए उन्होंने एक वसीयत भी बनवाई है और उसकी एक कॉपी आगरा सिटी मजिस्ट्रेट ऑफिस में जमा करवा दी है।
गणेश शंकर पांडेय ने यह फैसला बहुत ही सोच समझ कर लिया है, क्योंकि उनके 2 बेटे और 3 बेटियों में से कोई भी उनकी देखभाल करने के लिए तैयार नहीं है। उम्र के इस पड़ाव में पहुँच कर गणेश शंकर अपने आप कुछ नहीं कर सकते हैं, इसलिए घर वाले उन्हें बोझ समझने लगे थे।
ऐसे में गणेश शंकर के बेटों और उनकी पत्नी ने उन्हें घर से बाहर निकलाने की भी कोशिश की थी, जिसके बाद गणेश को अपने भाई के घर पर पनाह लेनी पड़ी। इस घटना के बाद गणेश शंकर पांडेय को महसूस हो गया कि उनका परिवार उसने जरा-सा भी प्रेम नहीं करता है, इसलिए उन्होंने अपनी सारी संपत्ति शहर के डीएम के नाम कर दी।
3 करोड़ के घर के मालिक हैं गणेश शंकर
गणेश शंकर पांडेय ने साल 1983 में आगरा शहर में अपने तीन भाइयों नरेश शंकर पांडेय, रघुनाथ और अजय शंकर के साथ मिलकर एक जमीन खरीदी थी, इसके बाद सभी भाइयों ने आपस में मिलकर उस जमीन पर घर बनावाया था।
लेकिन चारों भाइयों के शादी के बाद उनका परिवार बढ़ने लगा, जिसकी वजह से धीरे-धीरे घर का बंटवारा होता चला गया। इस हिसाब से गणेश शंकर पांडेय के हिस्से मकान का एक चौथाई हिस्सा आया था, जिसकी वर्तमान कीमत 3 करोड़ रुपए है।
गणेश शंकर को लगा कि भाइयों से अलग होने के बाद उनके बेटे उनका ध्यान रखेंगे, लेकिन गणेश का परिवार उन्हें अपने ऊपर बोझ समझने लगा। ऐसे में जब गणेश की पत्नी, बेटे और बेटियों ने मिलकर उन्हें घर से बाहर निकाल दिया, तो वह अपने भाई के घर रहने पर मजबूर हो गए।
जिंदा रहने तक खुद ही रहेंगे मालिक
गणेश शंकर पांडेय को अपनी पत्नी और बच्चों के बर्ताव से इतना अघात पहुँचा कि उन्होंने अपनी सारी संपत्ति और जमा पूंजी शहर के डीएम के नाम करने का फैसला कर लिया, जिसके तहत उन्होंने बिना कोई देरी किए वसीयत बनवाई और उसकी एक कॉपी मजिस्ट्रेट ऑफिस में जमा कर दिया।
उन्होंने अपनी वसीयत में लिखा है कि वह फिलहाल मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं, लिहाजा उनके जीवित रहने तक सारी चल और अचल संपत्ति पर उन्हीं का अधिकार रहेगा। लेकिन गणेश शंकर पांडेय के निधन के बाद उनकी संपत्ति पर आगरा के डीएम का अधिकार होगा।
वर्तमान में बहुत से बच्चे अपने माता-पिता की संपत्ति को हड़प कर उन्हें घर से बाहर का रास्ता दिखा देते हैं, ऐसे में गणेश शंकर द्वारा उठाया गया कदम बहुत ही सराहनीय है। वहीं उनकी पत्नी और बच्चों द्वारा किया गया कार्य बेहद निंदा योग्य है।