Old Cooler Cooling Tips: भारत में मई और जून के महीने में गर्मी का प्रचंड रूप देखने को मिलता है, जबकि इस दौरान पंखा और कूलर जैसे इलेक्ट्रिक गैजेट्स भी कमजोर पड़ जाते हैं। खासतौर से कूलर लंबे समय तक चलने के बाद नमी वाली हवा देने लगता है, जिसकी वजह से चिपचिपाहट महसूस होने लगती है।
ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि कूलर ठंडी हवा दे और आपको चिपचिपाहट का सामना न करना पड़े, तो गर्मियों में कूलर का इस्तेमाल करते वक्त कुछ खास टिप्स का ध्यान रखना जरूरी होता है। इन टिप्स को फ्लो करने पर आपका कूलर एसी की तरह ठंडी हवा देने लगेगा, जिससे गर्मी का मौसम बिताने में आसानी होगी।
पंप की साफ सफाई
कूलर में पानी को घास तक ले जाने का काम पंप करता है, जिसकी साफ सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी हो जाता है। गर्मी के मौसम में लगातार कूलर चलने की वजह से पंप में धूल मिट्टी और घास इकट्ठा हो जाती है, जिसकी वजह से पानी कम मात्रा में घास तक पहुँचता है।
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ऐसे में सही मात्रा में पानी न मिलने की स्थिति में कूलर गर्म हवा देने लगता है, जबकि कमरे में चिपचिपाहट भी बढ़ जाती है। इस समस्या से बचने के लिए कूलर के पंप को समय-समय पर साफ करते रहना चाहिए, जिससे पानी का फ्लो सही बना रहता है।
एयर फैन को साफ रखना
कूलर का इस्तेमाल करते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसके पंखों पर गंदी जमा न हो, क्योंकि उस स्थिति में पंखें के घूमने की रफ्तार कम हो जाती है। ऐसे में धीमी गति से घूमने वाला पंख तेज हवा देने में असक्षम होता है, इसलिए जरूरी है कि कूलर के फैन कै समय-समय पर साफ किया जाए।
कूलिंग पैड को बदलते रहे
कूलर में लगी घास यानी कूलिंग पैड्स ठंडी हवा देने में अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए उनकी साफ सफाई का ध्यान रखना भी जरूरी हो जाता है। जब पंप के माध्यम से पानी घास तक पहुँचता है, तो उसमें धूल और मिट्टी इकट्ठा हो जाती है जिसकी वजह से कूलर ठंडी हवा नहीं देता है।
ऐसे में जरूरी है कि कूलर में लगी घास को हर 2 महीने बाद बदल दिया जाए, ताकि आप साफ और ठंडी हवा का आनंद उठा सके। कूलिंग पैड्स को बदलने से कूलर ज्यादा तेज व ठंडी हवा देता है, जबकि इससे कमरे में चिपचिपाहट भी नहीं होती है।
तो अगर आप इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते हैं, तो आपका कूलर भी एसी की तरह ठंडी हवा देने लगेगा।