Kamla Negi Iron Lady Nainital : हमारे समाज में ऐसे बहुत से काम है, जो स्त्री और पुरुष के बीच बंटे हुए हैं। ऐसे में पंचर की दुकान का नाम सुनते ही आपके दिमाग में पुरुष की छवि उभर का सामने आती होगी, जो सड़क किनारे टायर में हवा भरने और पंचर जोड़ने जैसा काम करते हैं।
लेकिन क्या आपने कभी किसी महिला को पंचर की दुकान चलाते हुए देखा है, शायद नहीं। लेकिन उत्तराखंड के नैनीताल जिले में रहने वाली कमला नेगी पंचर की दुकान चलाती हैं, जबकि उन्हें इस काम को करते हुए 15 साल का वक्त गुजर चुका है।
आयरन लेडी के नाम से हैं मशहूर
नैनीताल के रामगढ़ ब्लॉक ओड़ाखान में रहने वाली 53 वर्षीय कमला नेगी (Kamala Negi) को स्थानीय लोग आयरन लेडी (Iron Lady) के नाम से जानते हैं, जो साइकिल के टायर से लेकर बड़े-बड़े ट्रक और वाहनों का पंचर ठीक करने का काम करती हैं। इतना ही नहीं कमला नेगी बाइक और कार की सर्विंसिंग करने का काम भी करती हैं, जिनकी दुकान रामगढ़-मुक्तेश्वर मार्ग पर मौजूद है। इसे भी पढ़ें – वाइफ चलाएंगी बस और पति काटेंगे टिकट, इस तरह ये महिला करेंगी पति का सपना पूरा
कमला नेगी की दुकान के आसपास लगभग 25 किलोमीटर के दायरे में कोई दूसरी पंचर की दुकान मौजूद नहीं है, जिसकी वजह से उनकी दुकान पर हर वक्त वाहनों की भीड़ देखने को मिलती है। नैनीताल घूमने के लिए आने वाले पर्यटक एक औरत को पंचर ठीक करते हुए देखकर अक्सर हैरान रह जाते हैं, लेकिन कमला नेगी के लिए यह बहुत ही सामान्य बात है।
शुरुआत में लोग मारते थे ताना
कमला नेगी ने जब साल 2004 में पंचर की दुकान पर काम करना शुरू किया था, तो उन्हें आस पड़ोस के लोगों के ताने सुनने पड़ते थे। लेकिन कमला ने कभी भी लोगों की बातों पर ध्यान नहीं दिया और अपने काम करती रही, जिसकी वजह से आज उनकी पंचर की दुकान पूरे इलाके में मशहूर है।
कमला नेगी हफ्ते के 7 दिन दुकान खोलकर रखती हैं, जबकि वह कई बार आपातकाली स्थिति में दुकान बंद हो जाने के बाद भी वाहन चालकों की मदद करती हैं। कमला अपने काम में इतनी माहिर है कि लोग उन्हें टायर डॉक्टर के नाम से भी बुलाते हैं, जिसकी वजह से कमला का आत्मविश्वास और ज्यादा बढ़ जाता है।
पंचर की दुकान चलाने के साथ-साथ कमला नेगी एक संस्था से जुड़ी हुई हैं, जो कृषि क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं के लिए काम करती है। कमला नेगी के दो बच्चे हैं, जिसमें से बेटी की शादी हो चुकी है और बेटा भारतीय सेना में रहकर देश की रक्षा कर रहा है। इसे भी पढ़ें – 1981 में रिटायर हुईं, एक कान से सुनने में होती है तकलीफ, फिर भी 100 की उम्र में बच्चों को ट्यूशन देती हैं लक्ष्मी