2014 बैच की आईएएस अभिलाषा शर्मा ऐसा काम कर दिखाया, जो वर्षों से लोग नहीं कर पा रहे थे। नेपाल से निकलकर बिहार तक आने वाली सीतामढ़ी ज़िले की लखनदेई नदी कटरा कि बागमती नदी से जाकर मिलती है। जो लखनदेई या लक्ष्मण गंगा सीतामढ़ी के बीहड़ इलाकों में अपने तट पर इंसानी बस्तियों में पानी की पूर्ति करती हैं।
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बीते कुछ वर्षों से वेस्ट डिस्पोजल और अवैध कब्जे की वज़ह से यहाँ गाद एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है। बुरी तरह से ठहरे हुए पानी और प्रदूषण की मार झेल रही यह नदी नाले में तब्दील हो गई है और इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। इससे गाँव वालों को काफ़ी समस्या का सामना करना पड़ता था। वह ना ही अपने खेतों में सिंचाई कर पाते थे और ना ही शुद्ध पानी पी पाते थे।
2019 में जब आईएएस ऑफिसर अभिलाषा कुमारी शर्मा यहाँ के ज़िला पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हुई, तब लोगों में नदी के प्रति कुछ आस जगी और आईएएस अभिलाषा ने इस नदी की सफ़ाई का काम अपने पहले प्रोजेक्ट में रखा। उन्होंने घर-घर जाकर गाँव के लोगों से बातें की और इस नदी का निरीक्षण करना शुरू किया।
![IAS-Officer-Abhilasha-Sharma](https://awesomegyan.co/wp-content/uploads/2020/09/Untitled-design-61_5f69e448dac0d.jpg)
अंततः उन्होंने गाँव वाले का विश्वास जीत लिया और गाँव वालों की मदद से सिर्फ़ 2 सालों में यह नदी अब पूरी तरह से साफ़ हो चुकी है। इसमें अभिलाषा शर्मा ने अपनी अहम भूमिका निभाई है। अभिलाषा ने मुआवजे के भरोसे के साथ गाँव वालों से 23 एकड़ ज़मीन प्रोजेक्ट के तहत लिया। जिससे वर्तमान समय में यह नदी पितंबरपुर से दुलारपुर घाट तक एकदम साफ़ हो चुकी है और बहुत ही खूबसूरती से अपने वेग में बहती है।
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एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 80 सालों से दूषित नदी को जब भारत और नेपाल सरकार स्वच्छ नहीं बना पाए तब एक लंबे इंतज़ार के बाद इस काम को आईएएस ऑफिसर अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कर दिखाया।
आईएएस अभिलाषा अब वहाँ के लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं, क्योंकि इन्होंने गाँव वालों के सपने को सच कर दिखाया है।
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