पेट्रोल की बढ़ती कीमतें ने आम आदमी की कमर तोड़ने का काम कर रही हैं, जिसकी वजह से यातायात करना बहुत ही मुश्किल हो गया है। वहीं दूसरी तरफ वायु और ध्वनि प्रदूषण भी अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया है, जिसकी वजह से इंसान को स्वास्थ्य सम्बंधी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है।
इन्हीं समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए तमिलनाडु ने एक शख्स ने ऐसी बाइक का निर्माण किया है, जो पेट्रोल का खर्च बचाती है। इतना ही नहीं इस बाइक से न तो वायु प्रदूषण होता है और न ही ध्वनि प्रदूषण, तो आइए विस्तार से जानते हैं इस इलेक्ट्रिक बाइक के बारे में-
खेती करने के साथ-साथ बनाई इलेक्ट्रिक बाइक
तमिलनाडु में रहने वाले 42 वर्षीय श्रवनन पेशे से इलेक्टीशियन हैं, लेकिन लॉकडाउन के दौरान उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। ऐसे में श्रवनन ने घर खर्च चलाने और माता-पिता, पत्नी व तीन बच्चों का पालन पोषण करने के लिए खेती शुरू कर दी, जिसकी वजह से उनके पास थोड़ा खाली समय बच जाता था।
ऐसे में श्रवनन ने अपनी नॉर्मल बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक में बदलने का फैसला किया, क्योंकि उन्हें बचपन से ही मशीनों के साथ एक्सपेरिमेंट करने का शौक था। श्रवनन ने 7 साल पहले ही E-Bike बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उस समय वह इस काम में कामयाब नहीं हो पाए।
वीडियोज़ की मदद से तैयार की E-Bike
इस बार श्रवनन ठान चुके थे कि वह E-Bike बनाकर रहेंगे, इसलिए उन्होंने इंटरनेट पर इलेक्ट्रिक बाइक बनाने से सम्बंधी वीडियोज देखे। इसके साथ ही उन्होंने ई-बाइक बनाने और उसमें लगने वाले खर्च को लेकर अलग-अलग जगह से जानकारी इकट्ठा की, ताकि वह इस बार बाइक बनाने के काम में फेल न हो। श्रवनन ने एक पुरानी बाइक खरीदी और उसमें एक नॉर्मल बैटरी लगा दी, इस तरह उनकी E-Bike तैयार हो गई। लेकिन श्रवनन को एडवांस E-Bike चाहिए थी, इसलिए उन्होंने 2,500 रुपए खर्च करके अच्छी कंडीशन वाली पुरानी बाइक खरीद ली।
उन्होंने पुरानी बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक में बदलने के लिए लगभग 3 महीने कड़ी मेहनत की, उसमें बैटरी लगाई और इस तरह 26 हजार रुपए खर्च करने के बाद श्रवनन की इलेक्ट्रिक बाइक तैयार हो गई। श्रवनन द्वारा बनाई गई इलेक्ट्रिक बाइक एक बार चार्ज होने पर 45 किलोमीटर की माइलेज देती है, हालांकि अगर बाइक में अच्छी क्वालिटी की बैटरी लगाई जाए तो वह 65 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से भी चल सकती है।
14 AH लेड एसिड बैटरी का किया इस्तेमाल
आमतौर पर इलेक्ट्रिक बाइक में 20 AH लिथियम आयरन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी कीमत सामान्य से काफी ज्यादा होती है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति 20 AH लिथियम आयरन बैटरी खरीद कर उसे पुरानी बाइक में लगाता है, तो उसकी इलेक्ट्रिक बाइक 65 किलोमीटर की माइलेज दे सकती है।
श्रवनन ने अपनी बाइक में 14 AH लेड एसिड बैटरी का इस्तेमाल किया है, क्योंकि उनके पास 20 AH वाली लिथियम बैटरी खरीदने के पैसे नहीं थे। हालांकि इसके बावजूद भी उनकी इलेक्ट्रिक बाइक 45 किलोमीटर की अच्छी माइलेज देती है।
नहीं होता है ध्वनि और वायु प्रूदषण
श्रवनन ने बाइक को चार्ज करने के लिए 315 वॉट का सोलर पैनल लगाया है, इसके साथ ही उनके पास एक यूपीएस है जिसमें 150 AH तक बैटरी स्टोरेज की सुविधा मौजूद है। श्रववन यूपीएस को सोलर पैनल से चार्ज करते हैं, फिर उसी यूपीएस से बाइक को बैटरी को चार्ज करते हैं।
इस E-Bike को बनाने का एक फायदा यह भी है कि इसे नॉर्मल इंसान के साथ-साथ विकलांग व्यक्ति भी आसानी से चला सकता है। इसमें बैटरी की बचत के साथ-साथ शोर और प्रदूषण का भी ध्यान रखा गया है, जिसकी वजह से जब यह ई-बाइक चलती है तो उससे न तो शोर होता है और न ही प्रदूषण।
कैसे बनाई इलेक्ट्रिक बाइक
श्रवनन का कहना है कि इलेक्ट्रिक बाइक बनाने के लिए इंसान को इलेक्ट्रिकल, वेल्डिंग और मैकेनिकल समझ होनी चाहिए, ताकि वह हर चीज को आपस में सही तरह से जोड़ सके। अगर किसी व्यक्ति को इन तीनों चीजों का ज्ञान और समझ होगी, तो वह घर बैठे एक सामान्य बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक में बदल सकता है।
आपको बता दें कि श्रवनन एक प्राइवेट इलेक्ट्रिक कंपनी में बतौर वेल्डर काम कर चुके हैं, इसलिए उन्हें वेल्डिंग की अच्छी जानकारी है। बाइक को मोडिफाइ करने के दौरान वेल्डिंग की अहम भूमिका रहती है, जिसकी मदद से पूरे इंजन को बदला जाता है।