हम आज बात कर रहे हैं नागौर के मेड़ता सिटी के मुंगदड़ा गाँव के रहने वाले गुदड़ी लाल मनोज खुड़खुड़िया (Manoj Khurkhuriya) की, जो सरकारी नौकरी पाने के लिए जद्दोजहद कर रहे युवाओं के लिए प्ररेणा स्रोत हैं। मनोज अपने जज्बे और आत्मविश्वास से एक नहीं बल्कि कई बार तय किए गए लक्ष्य में सफल हुए हैं, जहाँ आजकल एक सरकारी नौकरी पाना भी लोगों के लिए मुश्किल होता है वही मनोज ने 5 साल में 7 सरकारी नौकरियाँ प्राप्त कर सबके लिए मिसाल क़ायम की है।
बिना कोचिंग किए पास की सभी सरकारी जॉब की परीक्षाएँ
वर्तमान में गुदड़ी लाल मनोज (Manoj Khurkhuriya) पाली के ज़िला अल्पसंख्यक कार्यालय में कनिष्ठ लेखा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। साथ ही वे आरएएस व कॉलेज व्याख्याता की भी तैयारी कर रहे है। मनोज बताते हैं कि वे सरकारी स्कूल से ही पढे हैं और उन्होंने जितनी भी परीक्षाएँ उत्तीर्ण की है वे सभी बिना किसी कोचिंग किए पास की। उन्होंने अपनी जॉब भी नहीं छोड़ी और साथ ही साथ परीक्षाओं की तैयारी करते रहे। इन्होंने यूजीसी नेट, रीट व सी-टेट इत्यादि एग्जाम भी उत्तीर्ण किए।
कई कंपटीशन एग्जाम में हासिल की कामयाबी
आपको बता दें कि मनोज (Manoj Khurkhuriya) ने सबसे पहले जोधपुर हाईकोर्ट 2016 में कनिष्ठ विधि सहायक एग्जाम दिया था इस एग्जाम में वे पास हुए। इसी बीच उनका सलेक्शन पटवारी, हॉस्टल वार्डन, एलडीसी ग्रेड दो की परीक्षा में भी हो गया, परंतु उसमें वेतनमान समान ही था, इसलिए उन्होंने यह नौकरियाँ ज्वाइन नहीं की, फिर इसके बाद उनका सिलेक्शन जूनियर लेखाधिकारी के पद पर हुआ वहाँ पर उन्होंने नौकरी ज्वाइन की और आरएएस की परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी।
अल्पसंख्यक मामलात विभाग में अतिरिक्त चार्ज दिया, फिर भी सफल रहे
उन्होंने वर्ष 2017-18 में पाली अल्पसंख्यक ज़िला कार्यालय के साथ ही ज़िला रसद विभाग तथा जोधपुर में अल्पसंख्यक मामलात विभाग में अतिरिक्त चार्ज दिया था। इसी बीच इन्होंने राजनीति विज्ञान से M.A फर्स्ट डिवीजन से पास किया तथा RAS 2016 व SI प्री एग्जाम में भी कामयाबी प्राप्त की। उनकी सफलता के लिए बहुत से लोगों ने बधाइयाँ दी और उनकी मेहनत तारीफ की। गौरतलब है कि मनोज खुड़खुड़िया (Manoj Khurkhuriya) जब छोटे थे तभी से ही स्कूल के समय से पढ़ने में बहुत अच्छे रहे हैं।
अपने घर की लाइब्रेरी में रखते हैं 400 से ज़्यादा बुक्स का कलेक्शन
मनोज खुड़खुड़िया (Manoj Khurkhuriya) ने किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए कोचिंग नहीं की बल्कि उन्होंने सेल्फी स्टडी करके ही सारे एग्जाम अपने बलबूते पर पास किए। उनके बारे में एक दिलचस्प बात तो यह है कि उन्होंने अपने घर में एक लाइब्रेरी बनवा रखी है, जिसमें संविधान, इतिहास, भूगोल, गणित, हिन्दी, अंग्रेज़ी व राजस्थानी भाषा समेत NCRT की 400 से भी ज़्यादा बुक्स का कलेक्शन है। अभी हाल ही में उनका चुनाव राजस्थानी साहित्य में व्याख्याता पद पर किया गया है।
निश्चित रूप से मनोज खुड़खुड़िया (Manoj Khurkhuriya) की सफलता और उनकी मेहनत तारीफ के काबिल है। मनोज का कहना है कि यदि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होना है, तो कोचिंग नहीं बल्कि एकाग्र चित्त होकर अध्ययन करना मायने रखता है।