Electric Car Disadvantages: दुनिया के ज्यादातर देशों में फ्यूल खपत काफी तेजी हो गई है, जिसकी वजह से भविष्य में तेल मिलना मुश्किल और महंगा हो जाएगा। ऐसे में ऑटोमोबाइल कंपनियाँ इलेक्ट्रिक वाहन बना रही हैं, जिन्हें इलेक्ट्रिसिटी की मदद से चार्ज किया जा सकता है और उन्हें चलाने के लिए फ्यूल की जरूरत नहीं होती है।
लेकिन ऐसा नहीं है कि इलेक्ट्रिक कार या वाहन हमेशा बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं, क्योंकि हमारी दुनिया इस तरह के ई-बदलाव के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाई है। खासतौर से भारत जैसे बड़े और आबादी वाले देश में इलेक्ट्रिक कार मालिकों को अच्छी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके बारे में आप इस आर्टिकल में विस्तार से जान सकते हैं।
इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने की परेशानी
भारतीय सड़कों पर आपको जगह-जगह पर पेट्रोल पंप मिल जाएंगे, क्योंकि फ्यूल से चलने वाली गाड़ियों की संख्या काफी ज्यादा है। लेकिन जब बात इलेक्ट्रिक कार की आती है, तो दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहर में चार्जिंग प्वाइंट्स को खोजना किसी चुनौती से कम नहीं होता है।
ऐसे में अगर इलेक्ट्रिक कार की चार्जिंग खत्म हो जाए, तो उसे एक इंच भी आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। इसकी वजह से कार को हमेशा घर या ऑफिस से चार्ज करके चलना पड़ेगा और अगर आप ऐसा करना भूल जाते हैं, तो आपको चार्जिंग से सम्बंधित परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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लंबी दूरी नहीं कर सकते हैं तय
इलेक्ट्रिक कार शहरों में रोजाना घर से ऑफिस तक का सफर तय करने के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है, लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि इस ई-कार के जरिए लॉग ड्राइव या छुट्टियों पर निकल सकते हैं तो ऐसा करना आपकी बेवकूफी होगा।
दरअसल इलेक्ट्रिक कार को चार्जिंग की जरूरत होती है और इसके लिए हाई-वे या कुछ चुनिंदा जगहों पर ही चार्जिंग प्वाइंट्स मौजूद हैं। ऐसे में अगर आप शहर से दूर हिल स्टेशन की तरफ जाने का फैसला करते हैं और चार्जिंग बीच में ही खत्म हो जाती है, तो आपके लिए इलेक्ट्रिक कार मुसीबत बन सकती है।
ई-कार की कीमत होती है ज्यादा
इलेक्ट्रिक कार की कीमत नॉर्मल कार के मुकाबले काफी ज्यादा होती है, जबकि इसके रखरखाव पर भी ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है। वहीं बरसात या जल भराव के दौरान इलेक्ट्रिक कार को सड़क पर निकाला काफी रिस्की साबित हो सकता है, इसलिए भारतीय सड़कों पर ई-कार मुश्किल खड़ी कर सकती है।