साल 1999 में आई फिल्म सूर्यवंशम में हीरा ठाकुर जिस लगन से अपनी पत्नी को IAS बनाता है उसके बाद से बहुत लोगों को प्रेरणा मिली और वे अपनी पत्नी के करियर को आगे बढ़ाने के लिए आगे आए. ऐसे ही बहुत से लोग अपनी पत्नी को बिजनेस, टीचर, डॉक्टर बनने की प्रेरणा देते हैं लेकिन गाजियाबाद के बस कंडक्टर मुकेश कुमार इन सबसे बहुत अलग हैं. उन्होंने अपनी पत्नी को बस ड्राइवर बनने की प्रेरणा दी और सिर्फ प्रेरणा ही नहीं दी बल्कि उन्हें इस क्षेत्र में आगे भी बढ़ाया.
मुकेश चाहते थे कि उनकी पत्नी कुशल बस ड्राइवर बने और ये सपना अब कुछ ही दिनों में पूरा भी होने वाला है. 15 मई को उनकी पत्नी वेद कुमारी की ट्रेनिंग पूरी होगी और फिर उनके पति का सपना पूरा होगा. वेद कुमारी ने बस ड्राइवरी को बहुत ही लगन के साथ सीखा है. इसे भी पढ़ें – 1981 में रिटायर हुईं, एक कान से सुनने में होती है तकलीफ, फिर भी 100 की उम्र में बच्चों को ट्यूशन देती हैं लक्ष्मी
वेद कुमारी पति के साथ चलाना चाहती हैं बस
गाजियाबाद बस डिपो में टिकट काटने वाले मुकेश कुमार का सपना था कि उनकी पत्नी भी बस चलाए. जब उन्हें पता चला कि कानपुर रोडवेज में महिलाओं को ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जा रही है तो उन्होंने अपने अधिकारियों से बात की और पत्नी का नाम लिखवा दिया. पत्नी वेद कुमारी ने तो पति के इस बात का मान रखते हुए हामी भर दी लेकन ससुराल वालों ने शुरुआत में नाकर-नुकुर किया लेकिन बाद में उन्होंने भी साथ देना शुरू कर दिया. इसे भी पढ़ें – 50 वर्षीय महिला ऑटोरिक्शा अक्का है लोगों के लिए मिसाल, महिलाओं और बुजुर्गों को फ्री मंजिल तक पहुंचाती है
मुकेश और वेद कुमारी को एक बेटा सूर्यकांत (14) और एक बेटी भाविका (2) हैं. बच्चों का ध्यान ससुराल वाले रख रहे हैं और वेद कुमारी कानपुर बस डिपो में बस ड्राइवरी की ट्रेनिंग ले रही हैं. ट्रेनिंग स्कूल के लोगों ने वेद कुमारी की खूब तारीफ की है और उन्होंने बताया कि तमाम महिलाओं में वेद कुमारी ने तेजी से बस ड्राइविंग सिखी और अब 15 मई को ट्रेनिंग पूरी होगी उसके बाद उन्हें पोस्टिंग मिलेगी. मगर इन सबमें वेद कुमारी ने अपनी ऐसी इच्छा रखी है जिसे मान लिया गया है.
दरअसल वेद कुमारी चाहती हैं कि वे उसी बस को चलाएं जिसमें उनके पति मुकेश कुमार टिकट काटते हैं. इसलिए वे गाजियाबाद बस डिपो में ड्राइविंग करना चाहती हैं और उनकी इस चाहत को मान लिया गया है. 15 मई के बाद वेद कुमारी की तैनाती गाजियाबाद बस डिपो में ही होगी और उन्हें वही बस मिलेगी जिसमें उनके पति टिकट काटते हैं. वेदे कुमारी की इस लगन को देखकर मुकेश कुमार काफी भावुक हुए और उन्होंने बताया कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें वेद कुमारी जैसी जीवनसाथी मिलीं.
ससुराल ने भी किया वेद कुमारी को सपोर्ट
वेद कुमारी ने मीडिया को बताया, ‘मेरा ड्राइविंग से कोई लेना-देना नहीं था लेकिन पति ने इसके लिए प्रेरणा दी. फिर मेरे में जुनून जागा और मेरे ससुराल वालों ने पूरा सपोर्ट दिखाया. ट्रेनिंग सेंटर के प्रिंसिपल और टीचर्स ने भी मेरी बहुत मदद की और मेरे उत्साह को हमेशा बढ़ाया. सभी के साथ से मेरा रास्ता आसान होता गया और ये एक चुनौकी थी जब मेरे साथ 2 साल की बेटी भी जिसे संभालना होता था क्योंकि वो किसी के पास नहीं रहती.’ इसे भी पढ़ें – छेड़छाड़ से परेशान होकर पहनी पुलिस की वर्दी, आज आयरन लेडी के नाम से छूट जाते हैं बदमाशों के पसीने