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अपनी छत पर ही 40 से ज़्यादा तरह के आम उगाते हैं जोसेफ, मानते हैं इसे अपना लकी फल

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जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आम को फलों का राजा कहा जाता है क्योंकि बच्चे हों या बूढ़े ये फल हर किसी को पसंद होता है और सब बेसब्री से गर्मियों के ताज़े रसीले आम खाने का इंतज़ार करते हैं, लेकिन ज़रा सोचिए आम का पूरा बगीचा आपके घर पर ही हो तो कितना मज़ा आए। आप सोचते होंगे कि हम शायद मज़ाक कर रहे हैं, जी नहीं ऐसा संभव कर दिखाया है केरल के एर्नाकुलम जिले में रहने वाले जोसेफ फ्रांसिस ने।

जोसेफ की उम्र 62 साल है और वे पेशे से AC टेक्नीशियन हैं। असल में खेती करना जोसेफ का पारिवारिक कार्य है, उनके पूर्वज भी शुरुआत से खेती का ही काम करते आए हैं। जोसेफ अपने जीवन निर्वाह के लिए एसी का काम करते हैं लेकिन खेती करना उनका शौक है।

मशरूम, गुलाब और दूसरे पौधों से की शुरुआत, ननिहाल से मिली प्रेरणा

जोसेफ का ननिहाल फोर्ट कोच्चि में था। वहाँ पर कई तरह की किस्मों के गुलाब के पौधे थे, जिन्हें उनके मामा जी अलग-अलग जगहों से लाए थे। एक विशेष गुलाब की क़िस्म जिन्हें ‘कट रोज’ कहा जाता है, वह तो सिर्फ़ बैंगलोर में ही पाई जाती थी केरल में नहीं, ये क़िस्म भी उनके ननिहाल में थी। अतः उन्हें वहीं से प्रोत्साहन मिला और उन्होंने सबसे पहले अपने घर पर गुलाब के ही पौधे लगाए।

फिर उन्होंने गुलाब के साथ-साथ मशरूम और दूसरी बहुत-सी सब्जियाँ उगाना शुरू किया, बाद में उन्होंने आम भी उगाए।

घर की छत पर उगाए आम

जोसेफ जब एक कृषि एक्सपो में गए थे तब उन्होंने देखा कि वहाँ पर काफ़ी छोटे बैग्स में भी आम के पेड़ लगाए गए थे। फिर उन्हें ख़्याल आया कि उनकी तो इतनी बड़ी 1800 फीट की छत है तो वे क्यों आम नहीं उगा सकते? उन्होंने पहले अपनी छत पर स्टैंड रख कर उस पर ड्रम रखे और उसमें आम उगाए।

उन्होंने बहुत परिश्रम किया और उनकी मेहनत ने रंग दिखाना शुरू किया। फलस्वरूप आज उनकी छत पर ही वे 40 से भी ज़्यादा तरह के आम उगा लेते हैं। जोसेफ आम को अपना लकी फल मानते हैं। जोसेफ ने अपने बगीचे में इस प्रकार से व्यवस्था कि है ताकि पेड़ पौधों को उचित मात्रा में पानी उपलब्ध हो सके। वे उनका बहुत ख़्याल रखते हैं इसलिए उनके पेड़ नौ फीट ऊंचे हैं।

एक नई क़िस्म को दिया पत्नी पैट्रिसिया का नाम

जोसेफ पूरे परिश्रम के साथ आम उगाने के लिए नई-नई तकनीकें अपनाते रहते हैं। उनके पास जो आम के पेड़ हैं उनमें से कई पेड़ों में हर वर्ष आम उगते हैं और कुछ में दो वर्ष में एक बार।

जोसेफ ने ग्राफ्टिंग तकनीक के द्वारा आम की एक नई आम की क़िस्म बनाई और उसका नाम उनकी पत्नी पैट्रिसिया के नाम पर रखा। उनके अनुसार पैट्रिसिया आम बहुत ज़्यादा मीठे होते हैं।

The Mango Man Of Kochi

कई लोग देखने आते हैं उनका सुंदर आम का बगीचा

जोसेफ का ये बगीचा देखने पास के इलाकों से लोग उनके घर आया करते हैं, खासकर रविवार को छुट्टी होती है इसलिए बहुत ज़्यादा लोग आते हैं। वे अपने बगीचे के फल और सब्जियाँ बेचते नहीं हैं बल्कि अपने रिश्तेदारों को से देते हैं। अगर कोई पौधे खरीदने आता है तब ही उनसे पैसे लेते हैं। उनके अनुसार खेती उन्हें बहुत पसंद है और वे अपने इस कार्य से सभी को प्रेरित करना चाहते हैं।

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News Desk
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