जीन्स की मांग दिनो दिन बढ़ती ही जा रही है। एक ज़माने में जीन्स केवल पुरुष लोग ही पहनते थे। साथ ही इसका चलन केवल बड़े शहरों में था। लेकिन आज मानो जीन्स का ही जमाना आ चुका है। छोटे बच्चे से लेकर पुरुष महिलाएँ सब जीन्स पहनने लगी हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि आने वाले समय में भारत जैसे विशाल देश में जींस की की मांग कितनी तेजी से बढ़ने वाली है।
आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं कि आप जींस का कारोबार कैसे शुरू कर सकते हैं। साथ ही इस काम में आपको कौन-कौन सी मशीनों की ज़रूरत पड़ेगी। ऐसी ही तमाम जानकारियों के साथ आपको भारत में जीन्स की मांग और सप्लाई का गणित भी समझाएगें। तो आइए जानते हैं कैसे शुरू किया जा सकता है जींस का कारोबार।
ये रही है भारत में मांग
भारत में जींस की मांग को आयात और घरेलू उत्पाद के माध्यम से पूरा किया जाता है। कुछ जीन्स विदेशों से भी आयात की जाती है। साल 2017 और 2022 तक जीन्स की असंतुष्ट मांग क्रमशः 4,292,506 और 5,908,767 टुकड़ों तक पहुँचने का अनुमान जताया गया है। उद्यमी 21.31% रिटर्न की अनुमानित आंतरिक दर (IRR) की उम्मीद कर सकते हैं। जिससे कुल मिलाकर, 2024 मिलियन यूनिट की आपूर्ति के साथ, विश्व मात्रा में वृद्धि 4.8 प्रतिशत होगी। 50 प्रतिशत से अधिक डेनिम उत्पादन चीन, भारत, तुर्की, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ एशिया में ही स्थित है।
सबसे पहले कराएँ रजिस्ट्रेशन
किसी भी कारोबार को शुरू करने से पहले उसका रजिस्ट्रेशन (Registration) करवाना पड़ता है। ऐसे में सबसे पहले आप अपना नाम से रजिस्ट्रेशन करवाएँ। यदि आप सामान बनाकर केवल बाहर भेजना चाहते हैं तो केवल निर्यात का रजिस्ट्रेशन करवाएँ। लेकिन यदि आप सामान को देश में ही बेचना चाहते हैं तो दूसरा रजिस्ट्रेशन करवाएँ। ध्यान रहे रजिस्ट्रेशन के दौरान आप अपने ब्रांड का आकर्षक और अलग नाम चुने। इससे आपके ब्रांड की सुरक्षा मिलती है। ताकि इसी नाम से भविष्य में कभी कोई बाज़ार में नकली सामान ना बेच सके।
इस तरह करें शुरुआत (Jeans Manufacturing Ideas)
जीन्स का व्यवसाय शुरू करने से पहले आप निर्णय करें कि आप किस तरह की जीन्स का निर्माण करना चाहते हैं। जैसे कि जींस ट्राउजर, जैकेट, स्कर्ट आदि हैं। यदि आप केवल महिलाओं के परिधान बनाना चाहते हैं तो भी निर्णय करें। इसके बाद उसकी ज़रूरत अनुसार संसाधन जुटाए। साथ ही विज्ञापन और प्रचार की अच्छी व्यवस्था करें। ताकि आपका ब्रांड जल्दी लोकप्रिय हो सके। इसके साथ ही तय करें कि आपका कारोबार कितना विस्तृत होगा। इसी आधार पर श्रम शक्ति और कच्चा माल और जगह की व्यवस्था करें।
इन मशीनों की पड़ेगी ज़रूरत
किसी भी काम को शुरू करने में तमाम मशीनों की ज़रूरत पड़ती है। ऐसे में जीन्स का व्यवसाय प्रारंभ करने में भी आपको इन मशीनों की ज़रूरत पड़ेगी…
- साधारण सिलाई मशीन जिससे सिलाई की जा सके।
- चेन सिलाई मशीन जो कि सिलाई के काम आती है।
- काग़ज़ को मोड़ने वाली मशीन
- दाग हटाने की मशीन, इससे कपड़ों के दाग हटाए जा सकते हैं।
- वॉशिंग मशीन, जो कि कपड़े की धुलाई के काम आएगी।
- कपड़े काटने की मशीन
- कढ़ाई की मशीन, जो कपड़ों पर बेहतरीन कढ़ाई करेगी।
- इलेक्ट्रिक इस्त्री, जो कपड़ों को प्रैस करेगी।
- छपाई मशीन, जो कि कपड़े पर तरह-तरह की छपाई करेगी।
- ओवरलॉक मशीन
- कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य
- Logo बनाने की मशीन, जो कि कपड़े पर डिजाइन देगी।
ये रहेगी उत्पादन प्रक्रिया
जीन्स उत्पादन में एक निश्चित उत्पादन प्रक्रिया होती है। जिसे क्रमवार तरीके से ही करके जीन्स का उत्पादन होता है। आइए जानते हैं क्या रहेगी उत्पादन प्रक्रिया।
- सबसे पहले हमें कच्चे माल की जांच करनी होगी। ताकि उत्पादन बेहतर क्वालिटी का हो।
- इसके बाद कपड़े पर कढ़ाई का काम करना होगा।
- कपड़े की मास्किंग और लैपिंग करनी होगी।
- तमाम टुकड़ों को काटने और बिछाने का काम करना होगा।
- विभिन्न टुकड़ों की व्यवस्था और उनकी सिलाई करनी होगी।
- धुलाई, इस्त्री और तह और पैकेजिंग जैसे फिनिशिंग ऑपरेशन आदि। ताकि जीन्स तैयार होने के बाद बाज़ार में आसानी से पहुँचाई जा सके। अच्छी फिनिशिंग वाली जींस ही लोगों को प्रभावित करती है।
कहाँ से लें कच्चा माल
जींस निर्माण में सबसे ज़रूरी होता है कपड़े के रूप में आने वाला कच्चा माल। इसी की मदद से तरह-तरह की जींस तैयार की जा सकती है। जीन्स निर्माण में सूती कपड़ों (Cotton clothes) की रंगाई और विभिन्न रंगों में तैयार होता। जींस बनाने में उपयोग होने वाले कपड़े कठिन नीले सूती टवील में होते हैं, जिन्हें आम बोलचाल की भाषा में डेनिम कपड़े के रूप में जाना जाता है। डेनिम कपड़े को या तो आयात किया जाता है या स्थानीय रूप में खरीदा जा सकता है।