गर्मी के सीजन (Summer season) में एसी, कूलर, पंखा और फ्रिज जैसे इलेक्ट्रिक आइटम्स का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ जाता है, जिसकी वजह से बिजली ट्रांसफार्म में लोड बढ़ने लगता है। ऐसे में ओवर लोड होने की वजह से बार-बार बिजली कट जाती है, जिसकी वजह से इंवर्टर का काम बढ़ जाता है।
हालांकि बार-बार बिजली गुल होने की वजह से इंवर्टर में लगी बैटरी के काम करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है, जबकि बार बैटरी खराब ही हो जाती है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि इंवर्टर की बैटरी सही ढंग से काम करती रहे, तो आपको कुछ आसान टिप्स को फ्लो करना होगा।
कौन-सी बैटरी होती है सबसे बेस्ट
अगर आप इंवर्टर खरीदने जा रहे है या फिर उसकी बैटरी चेंज करना चाहते हैं, तो हमेशा ट्यूबलर बैटरी खरीदें। दरअसल ट्यूबलर बैटरी नॉर्मल बैटरी के मुकाबले ज्यादा बेहतर होती है, जो लंबे समय तक चलती है और जल्दी खराब नहीं होती है। जिन इलाकों में बिजली जाने की समस्या रहती है, वहाँ इंवर्टर के लिए ट्यूबलर बैटरी को बेस्ट माना जाता है।
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धूप में न रखें इंवर्टर
इंवर्टर को कभी भी ऐसी जगह पर नहीं रखना चाहिए, जहाँ सूरज की रोशनी देर तक रहती है। दरअसल धूप की वजह से बैटरी को नुकसान होता है, जिसकी वजह से वह बिजली के झटकों को झेल नहीं पाती है और आसानी से खराब हो जाती है।
इंवर्टर और बैटरी की वारंटी
जब भी नया इंवर्टर खरीदें, तो उसकी और उसमें लगी बैटरी की वारंटी जरूर चेक करना चाहिए। क्योंकि कई दुकानदार नए इंवर्टर में पुरानी बैटरी लगा कर बेच देते हैं, जो आसानी से खराब हो जाती हैं और इसकी वजह से ग्राहक को नुकसान झेलना पड़ता है।
सिंगल और डबल बैटरी वाले इंवर्टर का चुनाव
इंवर्टर खरीदते समय बैटरी की पावर पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि जिन इलाकों में कम बिजली जाती है वहाँ सिंगल बैटरी वाला इंवर्टर सही रहता है। वहीं जिन जगहों पर ज्यादा बिजली कटती है, वहाँ डबल बैटरी वाले इंवर्टर की जरूरत होती है। इसके साथ ही बैटरी की पावर भी पता करना जरूरी होता है, ताकि बिजली जाने पर लंबे समय तक बैकअप मिल सके।