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‘बेवफा चाय वाला’ के बाद अब मशहूर हो रहा है ‘MBA फेल कचौड़ी वाला’, बेहद दिलचस्प है स्टार्टअप स्टोरी

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MBA Fail Kachori Wala – इन दिनों सोशल मीडिया पर एक से एक बढ़कर युवाओं के स्टार्टअप की कहानियाँ सामने आ रही है, जिसमें बेवफा चाय वाले से लेकर MBA चाय वाला तक शामिल है। इन लोगों ने अलग नाम और आइडिया के चलते न सिर्फ बिजनेस करने में सफलता हासिल की, बल्कि सोशल मीडिया के जरिए रातों रात फेमस भी हो गए।

इन्हीं अजीबो गरीब नामों वाले स्टार्टअप में MBA फेल कचौड़ी वाले (MBA Fail Kachori Wala) का नाम भी शामिल हो गया है, जो स्वादिष्ट कचौड़ी बेचने के साथ-साथ अपने अधूरे सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। आखिर कौन है ये MBA फेल कचौड़ी वाली, चलिए जानते हैं।

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कौन है MBA फेल कचौड़ी वाला? (MBA Fail Kachori Wala)

MBA फेल कचौड़ी वाले (MBA Fail Kachori Wala) का नाम सुनकर आपको भी लग रहा होगा कि यह नाम ठेले को मशूहर करने के मकसद से रखा गया है, जो काफी हद तक सही भी है। लेकिन इस नाम के पीछे एक युवक का अधूरा सपना भी छिपा हुआ है, जिसे वह कचौड़ी बेचकर पूरा करना करन चाहता है।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फर्रूखाबाद (Farrukhabad) में लोहिया प्रतिमा के पास MBA फेल कचौड़ी वाला नाम का ठेला लगने वाले इस युवक का नाम सत्यम मिश्रा (Satyam Mishra) है, जिसने साल 2018 में कासगंज के हजरत निजामुद्दीन डिग्री कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई पूरी की थी।

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इसके बाद सत्यम ने बरेली के एक कॉलेज में MBA में एडमिशन लिया, लेकिन वह पहला सेमिस्टर भी पास नहीं कर पाया। दरअसल सत्यम के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, ऐसे में वह पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाया और पहले ही सेमिस्टर में फेल हो गया।

सत्यम के परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह फेल होने के बावजूद भी अपनी पढ़ाई जारी रख सके, लिहाजा सत्यम ने MBA की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। इसके बाद उसने अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए नौकरी करने का फैसला किया, लेकिन काफी कोशिश करने के बाद भी सत्यम को नौकरी नहीं मिली।

नौकरी न मिलने पर लगाया कचौड़ी का ठेला

ऐसे में सत्यम ने कचौड़ी का ठेला लगाने का फैसला किया, ताकि वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार सके। सत्यम ने लोहिया प्रतिमा के पास दो महीने पहले ही कचौड़ी बेचना शुरू किया था, लेकिन उसका यह ठेला देखते ही देखते ही काफी फेमस हो चुका है।

दरअसल इस ठेले के मशहूर होने का मुख्य कारण है इसका क्रिएटिव नाम, जिसकी वजह से लोग न चाहते हुए MBA फेल कचौड़ी वाले के पास आ ही जाते हैं। आम लोग न सिर्फ सत्यम की कचौड़ी खाते हैं, बल्कि उससे बातचीत करके अनोखे नाम के पीछे की कहानी भी बड़े शौक के साथ सुनते हैं।

PM मोदी के भाषण से हुए थे प्रेरित

सत्यम मिश्रा फर्रूखाबाद में MBA फेल कचौड़ी वाले (MBA Fail Kachori Wala) के नाम से मशहूर हो चुके हैं, जिसकी वजह से उनके ठेले पर हर वक्त ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। सत्यम बताते हैं कि उन्हें ठेला लगाकर कचौड़ी बेचने में बिल्कुल भी शर्म नहीं आती है, क्योंकि वह पीएम मोदी के भाषण से प्रेरित हैं।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक भाषण में कहा था कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है, अगर आप बेरोज़गार हैं और अपना परिवार चलाने के लिए आपको पकौड़े भी बेचने पड़े तो इसमें कोई बुराई नहीं है।

सत्यम ने पीएम मोदी के इसी बयान से प्रेरित होकर कचौड़ी का ठेला लगाने का फैसला किया था, इस ठेले को चलाने में सत्यम का भतीजा नितिन मिश्रा भी उसकी मदद करता है। नितिन हाई स्कूल फेल है, लेकिन वह कचौड़ी बनाने और ग्राहकों की खातिरदारी करने में माहिर है।

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हर महीने होती है 10 रुपए की कमाई

सत्यम मिश्रा को कचौड़ी बेचते हुए अभी 2 महीने ही हुए हैं, लेकिन उनका MBA फेल कचौड़ी वाला ठेला पूरे इलाके में फेमस हो चुका है। यही वजह है कि सत्यम हर महीने 10 हजार रुपए तक की कमाई कर लेते हैं, जिससे वह अपने परिवार का घर खर्च चला रहे हैं।

सत्यम को उम्मीद है कि उनका MBA फेल कचौड़ी वाला (MBA Fail Kachori Wala) का बिजनेस इसी तरह तरक्की करता रहेगा, जिसकी वजह से उन्हें अपने अधूरे सपने को पूरा करने में मदद मिलेगी। सत्यम का कहना है कि अगर उनका बिजनेस इसी तरह चलता रहा, तो वह दोबारा से MBA में एडमिशन लेकर अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी करेंगे।

सुधर रही है परिवार की आर्थिक स्थिति

सत्यम के परिवार में माता-पिता के अलावा 4 बहनें और 1 बड़ा भाई है, जिसमें से 3 बहनों और भाई की शादी हो चुकी है। सत्यम के बड़े भाई अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहते हैं और वहीं नौकरी करते हैं, जबकि सत्यम और उनकी एक बहन अभी अविवाहित हैं।

सत्यम का परिवार बड़ा है, इसलिए उन्हें हमेशा से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था। हालांकि जब से सत्यम ने कचौड़ी बेचना शुरू किया है, तब से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी हद तक बेहतर हो चुकी है।

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सत्मय मिश्रा अपने परिवार से दूर फर्रूखाबाद की आवास विकास कॉलोनी में किराए पर कमरा लेकर रहते हैं, जबकि उनका भतीजा नितिन भी उनके साथ ही रहता है। सत्यम और नितिन भले ही शिक्षा के क्षेत्र में फेल रहे हों, लेकिन वह अपनी मेहनत और बुद्धिमानी से अपने परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर करने में पास हुए हैं।

सत्यम मिश्रा की कहानी (MBA Fail Kachori Wala) उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो पढ़े लिखे होने का बहाना बनाकर बेरोज़गारी भरी जिंदगी जी रहे हैं। अगर भारत का हर युवा इस तरह के क्रिएटिव आइडिया के साथ स्टार्टअप की शुरुआत करे, तो उन्हें कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता है।

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Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

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