वैसे तो हमारे आसपास हजारों लोग रहते हैं, जिनमें से कुछ लोग ऐसे काम करते हैं। जिसके बारे में जानकर आपका दिल उनके लिए सम्मान और प्रेम की भावना से अपने आप भर जाएगा।
आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति की Inspiring Story बताएंगे, जो उसके लिए तो आम बात है। लेकिन लाखों-करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा साबित हो सकती है। आज आप उड़ीसा के एक शिक्षक नागेश पात्रू की इंस्पायरिंग स्टोरी पढ़ेंगे, जिसे पढ़कर आप भी खुद को भावुक होने से रोक नहीं पाएंगे।
कौन हैं नागेश पात्रू?
बड़े-बड़े टीवी चैनल पर आने वाले और अखबार के पहले पेज पर छपने वाले नेताओं तथा समाजसेवियों के भाषणों में कई बार आपने सुना होगा कि वे गरीब बच्चों के लिए शिक्षा की उचित व्यवस्था करेंगे। लेकिन हर बार उनके द्वारा दिए गए भाषण सच साबित नहीं हो पाते। Read Also: जिस स्टेशन पर किया कुली का काम, उसी स्टेशन के FREE WIFI से पढ़कर बन गया अफसर
लेकिन इस काम को करने का बीड़ा उठाया है नागेश पात्रू ने। वैसे तो ये एक निजी कॉलेज में गेस्ट प्रोफेसर है, लेकिन-लेकिन अपने बचे हुए समय में गरीब बच्चों को फ्री में कोचिंग देने का काम करते हैं।
मीडिया और सोशल मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार नागेश पात्रू उड़ीसा के गंजम जिले के रहने वाले हैं और वहीं पर ऐसे बच्चों को कोचिंग देते हैं। जो पढ़ना तो चाहते हैं, लेकिन कोचिंग की मोटी फीस नहीं दे सकते।
हालांकि, उन्हें अपने टीचर की नौकरी से उतना पैसा नहीं मिल पाता, जिससे उनका खर्च चल सके। इसलिए वे दिनभर बच्चों को पढ़ाने के बाद रात के समय पास के ही एक रेलवे स्टेशन पर कुली का काम भी करते हैं।
कुली बनकर कितना कमा लेते हैं नागेश पात्रू?
जब नागेश से इस बारे में पूछा गया कि वह कुली के काम से हर महीने कितना पैसा कमा लेते हैं, तो उन्होंने बताया कि उन्हें हर महीने ₹10, 000 से लेकर ₹12, 000 तक मिल जाते हैं।
इसके आगे जब इस काम को करने की वजह पूछी गई तो उन्होंने बताया कि वे अपने दिन का ज्यादातर समय गरीब बच्चों को पढ़ाने में देते हैं, जिसकी वजह से दिन में दूसरा काम नहीं कर सकते, इसलिए वे इस कार्य को करते हैं। इसके अलावा कॉलेज में गेस्ट प्रोफेसर के तौर पर उन्हें प्रति कक्षा ₹200 दिए जाते हैं।
इनकी कहानी सोशल मीडिया पर हो रही वायरल
इन दिनों सोशल मीडिया पर उनकी कई तस्वीरें बहुत तेजी से वायरल हो रही हैं, जिनमें उन्हें यात्रियों का सामान उठाते तथा ढोते हुए साफ-साफ देखा जा सकता है। वे जिस रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते हैं। वहाँ पर 2011 से एक रजिस्टर्ड कुली के रूप में उनका नाम दर्ज है।
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