आपने अक्सर सुना होगा UPSC (UNION PUBLIC SERVICE COMMISSION) की परीक्षा पास करना आसान नहीं होता। लोग इसमें सालों तक दिन-रात एक करके लगे रहते हैं, तो जाकर कहीं UPSC की परीक्षा पास करने में सफलता प्राप्त होती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनका बचपन से ही सपना होता है बड़े होकर अधिकारी ही बनना है। उनके लिए शायद ये काम इतना मुश्किल नहीं होता।
आज हम आपको एक ऐसी ही लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसके परिवार में सरकारी नौकरी की परंपरा चली आ रही थी। परिवार का हर सदस्य देश के किसी-न-किसी गणमान्य पद पर काबिज है। उस परिवार की बेटी ने इस सम्मान और परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए UPSC परीक्षा को पास करने का लक्ष्य बनाया। आइए जानते है कि फिर कैसा रहा इस लड़की का सफर।
कौन है ये लड़की (IAS VISHAKHA YADAV)
सपनों की बाजीगर इस लड़की का नाम विशाखा यादव (IAS VISHAKHA YADAV) है। उनके पिता का नाम राजकुमार यादव (RAJKUMAR YADAV) है। राजकुमार फिलहाल द्वारका पुलिस स्टेशन में बतौर ASI (Assistant sub-inspector) कार्यरत हैं। विशाखा का पूरा परिवार सरकारी नौकरी से जुड़ा हुआ है। ऐसे में बचपन से ही विशाखा को इस परंपरा को आगे बढ़ाने का पता चल गया था। उन्होंने दसवीं कक्षा में ही तय कर लिया था कि वह UPSC की परीक्षा देगीं और देश में कोई न कोई बड़ी अधिकारी बनेगी। इससे परंपरा भी आगे बढ़ेगी और उनके परिवार का नाम भी ऊंचा उठेगा।
पढ़ाई और नौकरी साथ-साथ
विशाखा ने दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग (Delhi College of Engineering) से पढ़ाई की है। उन्होंने साॅफ्टवेयर इंजीनियरिंग (SOFTWARE ENGINEERING) में डिग्री हासिल की है। पढ़ाई पूरी करने के बाद विशाखा बेंगलुरु (BENGALURU) चली गई। वहाँ उन्हें एक कंपनी में नौकरी मिल गई। विशाखा दिन में कंपनी में नौकरी करती और रात में घर पर आकर पढ़ाई करती। क्योंकि उनका अंतिम लक्ष्य UPSC की परीक्षा पास करना था। लेकिन नौकरी के साथ ही उन्होंने दो बार UPSC की परीक्षा दी। पर हर बार निराशा ही हाथ लगी। इसके बाद विशाखा को बदलाव की ज़रूरत महसूस हुई।
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पढ़ाई के लिए छोड़ दी नौकरी
अतत: विशाखा ने तय किया कि वह अब नौकरी छोड़ देगी। क्योंकि नौकरी के साथ उनका लक्ष्य कहीं पीछे छूटता दिखाई दे रहा था। नौकरी छोड़ने के बाद दिल्ली आ गई। दिल्ली आकर उन्होंने अपने आपको पूरी तरह से UPSC को समर्पित कर दिया। लगातार एक साल कठिन मेहनत की और तीसरे प्रयास फिर से कोशिश की। लेकिन इस बार उनकी मेहनत रंग लाई। UPSC के नतीजों से पता चला कि विशाखा ने देश में छठा स्थान हासिल किया। अधिकारी बनने के साथ ही विशाखा ने परिवार की सरकारी नौकरी की परंपरा को भी आगे बढ़ा दिया था।
सफलता की सुन झूम उठे पिता
विशाखा की सफलता की ख़बर जब उनके पिता राजकुमार के थाने तक पहुँची तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा। राजकुमार विशाखा की सफलता से इतने खुश हुए कि पूरे थाने में मिठाई बांटी। अपनी बेटी के इस मुकाम पर देख राजुकमार की आंखें ख़ुशी के आंसू से भर आई। राजकुमार को इस मौके पर पूरे थाने ने बधाई और शुभकामनाएँ दी और बिटिया के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
विशाखा (VISHAKHA YADAV) ने यह साबित किया है कि कभी भी हमें असफलता से हार नहीं माननी चाहिए। लगातार बदलाव की बदौलत ही विशाखा इस मुकाम पर पहुँच सकी है। विशाखा की सफलता पर ‘AWESOME GYAN‘ की तरफ़ से उन्हें ढेर सारी बधाई।