दहेज प्रथा का प्रचलन पुराने समय से ही से चलता चला आ रहा है। हालांकि यह समस्या पहले बहुत ज़्यादा थी पर देश के कई राज्यों में अभी दहेज की समस्या ख़त्म नहीं हुई है और दहेज लिए बिना शादी तोड़ दी जाती है अथवा शादी के बाद बहू को बहुत परेशान किया जाता है और उसे मायके जाकर पैसे लाने पर दबाव डाला जाता है। दहेज की समस्या की वज़ह से कई बार बेटियाँ गंभीर क़दम भी उठा लेती हैं। परंतु आज भी इंसानियत ज़िंदा है, ऐसे भी बहुत से लोग हैं जो दहेज प्रथा के सख्त खिलाफ हैं। दहेज की खबरें तो हम आए दिन सुनते रहते हैं लेकिन इन खबरों के बीच एक ऐसी ख़बर भी आई है जिसे पढ़कर आप को भी ख़ुशी होगी।
खबर कुछ यूं है कि सगाई के वक़्त दुल्हन के पिता जब थाली में सजे पैसों का थाल लेकर आए तो दूल्हे के पिता बृजमोहन मीणा ने ये रुपए लेने से साफ़ मना कर दिया और दुल्हन के पिता का हाथ थामकर बोले की-‘हमें तो सिर्फ़ बेटी चाहिए।’
11 लाख रुपए वापस कर ₹101 का शगुन रखा
यह ख़बर राजस्थान के बूंदी जिले की है। बात कुछ ऐसी है कि एक सेवानिवृत्त प्रिंसिपल बृजमोहन मीणा ने टोंक जिले के ही एक गाँव में अपने बेटे का रिश्ता पक्का किया था और मंगलवार के दिन उनकी सगाई की रस्म थी। इन रस्मों के दौरान लड़की के पिता आए और उन्होंने नोटों की गडि्डयों से भरा एक थाल लड़के वालों के सामने रख दिया। जिसे देख कर बृजमोहन मीणा ने बोले कि मुझे ये रुपए नहीं चाहिए। हमें सिर्फ़ बेटी चाहिए और ऐसा कहकर उन्होंने दहेज में मिल रही 11 लाख रुपए की रक़म को लौटा दिया। फिर जब सगाई में लोगों ने उन्हें रिवाजों की दुहाई दी तो उन्होंने केवल ₹ 101 शगुन का शगुन रखा।
लोगों ने की सराहना
दूल्हे के पिता बृजमोहन मीणा खजूरी पंचायत के पीपरवाला गाँव के निवासी हैं। वे अपने पुत्र रामधन की सगाई कराने के लिए उनियारा तहसील के सोलतपुरा गाँव में आए थे। यहाँ पर आरती मीणा के साथ रामधन की सगाई की जानी थी। सगाई के दौरान जब दुल्हन पक्ष द्वारा दी जाने वाली 11 लाख 101 रुपए की रक़म वापस करके सिर्फ़ ₹101 रुपए का शगुन दूल्हे के पिता ने रखा तो उनके इस फैसले से सगाई के अवसर पर आए सभी लोगों ने उनके बहुत सराहना की और कहा कि सभी को बृजमोहन मीणा से सीख लेनी चाहिए।
दुल्हन ने भी की ससुर की तारीफ, बोली-ससुर ने बेटियों का मान बढ़ाया है।
दुल्हन आरती मीणा ने भी अपने होने वाले ससुर की बहुत तारीफ की, वे उनके इस फैसले से अत्यंत प्रसन्न हुईं। आरती कहती हैं कि उनके ससुर ने दहेज में मिलने वाली राशि वापस करके समाज को संदेश दिया है और बेटियों का सम्मान बढ़ाया है। आपको बता दें कि आरती ने B. Sc. किया है और अब वे B. Ed. कर रही हैं। आरती के दादाजी प्रभु लाल मीणा कहते हैं कि “हमारे समधी बृजमोहन मीणा द्वारा दहेज की रक़म लौटाना पूरे समाज के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।”
गौरतलब है कि टोंक, बूंदी, सवाई माधोपुर जिले में दहेज लौटाने का यह पहला ही मामला सामने आया है। बृजमोहन मीणा द्वारा उठाया गया यह क़दम समाज को एक नई दिशा देता है। सभी को उनसे सीख लेकर स्वार्थ सिद्धि के लिए बनाए गए दकियानूसी रीति-रिवाजों को समाप्त कर देना चाहिए।