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प्राइवेट कंपनी में 10 साल नौकरी करने के बाद आप को भी मिल सकती है पेंशन, जानें कैसे उठाएं लाभ

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देश में एक बड़ा हिस्सा प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करता है, जहाँ हर महीने कर्मचारियों को एक फिक्स सैलेरी अदा की जाती है। ऐसे में अगर कर्मचारी की नौकरी छूट जाए या उसे किसी वजह से नौकरी से निकाल दिया जाए, तो कर्मचारी के पास पेंशन प्राप्त करने का अधिकार नहीं होता है।

लेकिन हाल ही में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए नए नियम बनाए हैं, जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति 10 साल तक प्राइवेट नौकरी करता है तो वह नौकरी छूटने के बाद पेंशन प्राप्त करना का हकदार माना जाएगा।

प्राइवेट कर्मचारी को कैसे मिलेगी पेंशन?

प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने एक खाका तैयार किया है, जिसमें PF का अहम रोल होगा। आमतौर पर किसी भी प्राइवेट कंपनी में जॉब करने वाले कर्मचारी की सैलेरी में से हर महीने कुछ पैसे काटकर PF अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं, जिसे कर्मचारी अपनी नौकरी की अवधि पूरी करने बाद निकाल सकता है।

ऐसे में ईपीएफओ ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) को शुरू की है, जिसके तहत कर्मचारी PF अकाउंट में जमा होने वाले पैसे को जॉब के 10 साल पूरे होने की स्थिति में पेंशन के रूप में प्राप्त किया जा सकता है। यह रकम हर महीने कर्मचारी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होगी, जिसका इस्तेमाल वह अपनी निजी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर सकता है।

10 साल नौकरी करना है अनिवार्य

इस योजना का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी को हर हाल में प्राइवेट सेक्टर में 10 साल जॉब करना अनिवार्य है, जिसकी गिनती के लिए EPFO एक फॉर्मूला तैयार किया है। अगर कोई कर्मचारी 9 साल 6 महीने जॉब करता है, तो उस जॉब पीरियड को 10 साल के बराबर माना जाएगा।

लेकिन अगर कोई कर्मचारी 9 साल 6 महीने से कम समय तक जॉब करता है, तो वह पेंशन का हकदार नहीं होगा। ऐसे में प्राइवेट सेक्टर में 10 साल पूरे न करने वाला कर्मचारी अपने PF अकाउंट में जमा पैसे निकाल सकता है, लेकिन उसे 50 साल की उम्र होने पर EPS योजना के तहत पेंशन नहीं मिलेगी।

एक ही रखना होगा UAN नंबर

ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि अगर कोई कर्मचारी एक कंपनी में जॉब छोड़कर दूसरी कंपनी में नौकरी करने लगता है, तो उसके नौकरी के साल की गिनती कैसे की जाएगी। इस समस्या का हल निकालते हुए EPFO ने बताया है कि अगर कोई कर्मचारी 2 अलग-अलग कंपनियों में नौकरी करता है, तो उसे अपने PF अकाउंट का UAN नंबर बदलने की जरूरत नहीं है।

दरअसल UAN नंबर के जरिए कर्मचारी के PF अकाउंट में जमा पैसों का ब्यौरा रखा जाता है, जिसकी वजह से अगर कर्मचारी एक कंपनी छोड़कर दूसरी कंपनी में नौकरी करता है तो उसे UAN नंबर सेम रखना होगा। इस तरह UAN नंबर के जरिए कर्मचारी के नौकरी के सालों की गिनती की जाएगी, जिसमें दोनों कंपनियों के साल को जोड़ा जाएगा।

लेकिन अगर कोई कर्मचारी एक कंपनी छोड़कर दूसरी कंपनी में जॉब करता है और UAN नंबर भी बदल देता है, तो उस स्थिति में उसके नौकरी के साल एक साथ काउंट नहीं किए जा सकेंगे। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति जॉब से 1 या 2 साल का गैप लेकर फिर से कंपनी ज्वाइंन करता है, तो उस स्थिति में भी UAN नंबर के आधार पर उसके नौकरी के सालों की गिनती की जाएगी।

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News Desk
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