दोस्तों आज हम आपको ईवी रेट्रोफिटिंग (EV Retrofitting) के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके माध्यम से वाहन को जीरो पॉल्यूशन बनाया जा सकता है। इससे ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आती है और गाड़ी में गर्मी उतपन्न नहीं होती जिसके कारण गाड़ी चलाते समय किसी भी प्रकार की वाइब्रेशन भी नहीं होती है।
आपको बता दें की कुछ महीने पहले ही दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने यह आदेश दिया है कि 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल एवं 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। इसके आदेश के लागू होने के बाद से ही आरटीओ (RTO) द्वारा पुराने वाहनों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि राजधानी में लगभग डेढ़ लाख डीजल वाहन 10 वर्ष से अधिक पुराने हैं और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या राजधानी 28 लाख है।
Delhi is now open to ICE to electric retrofitting! Vehicles if found fit can convert their diesel to electric engine, dept’ll empanel manufacturers of pure electric kit by approved testing agencies. Once empanelled this’ll enable vehicles to continue plying here beyond 10 yrs.
— Kailash Gahlot (@kgahlot) November 18, 2021
दिल्ली सरकार ने दिया विकल्प
बता दे कि लोगों के पास दिल्ली के बाहर अपने वाहनों को फिर से रजिस्टर कराने का एक विकल्प है, लेकिन इसके एवज में दिल्ली सरकार ने खुद ही एक अच्छा विकल्प लोगों के सामने रख दिया है। दिल्ली सरकार द्वारा लोगों के सामने वाहनों को EV किट के साथ रेट्रोफिटिंग (EV Retrofitting) करके चालू रखने का विकल्प रखा गया है।
क्या होता है EV Retrofitting (What Is EV Retrofitting)
आपको बता दें कि EV रेट्रोफिटिंग (EV Retrofitting) में पेट्रोल या डीजल से चलने वाले वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदल दिया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान गाड़ी के मूल इंजन एवं अन्य पार्ट्स को बदला जाता है और एक नया एनर्जी सिस्टम (Energy System) वाहन में लगा दिया जाता है। जिसके बाद वाहन का मौजूदा इंजन पूरे तरीके से एक नई मोटर एवं ड्राइव ट्रेन में परिवर्तित हो जाता है। हालांकि इसके बावजूद गाड़ी के बाकी पार्ट्स सामान ही रहते हैं। लेकिन ब्रेक हेडलाइट आदि पार्ट्स को बदलना या फिर इन्हें ठीक करना काफी आसान हो जाता है।
EV Retrofitting के फायदे (EV Retrofitting benefits)
अगर बात EV Retrofitting के फायदे की करें तो इसके कई सारे फायदे हैं। सबसे पहला फायदा यह है कि यह वाहन को जीरो पॉल्यूशन बनाता है। पेट्रोल या डीजल से चलने वाली गाड़ी की तुलना में ड्राइवट्रेन का उत्पादन करने में लागत भी कम आती है और इसके माध्यम से नॉइस पॉल्यूशन भी शून्य हो जाता है।
यदि आपका वाहन 10 से 15 साल का पुराना होने के बावजूद अच्छी स्थिति में है तो यह आपके वाहन की लाइफ भी बढ़ाता है और आपको अपनी गाड़ी को रिटायर करने की जरूरत नहीं पड़ती है ना ही इसकी जगह दूसरी गाड़ी खरीदने की आवश्यकता पड़ती है।
Splendor with green number plate !
— GoGoA1.com (@gogoa1com) December 22, 2021
How does this look ?
NO pollution
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सस्ता विकल्प है ईवी रेट्रोफिटिंग
दोस्तों को बता दें कि यदि आपको ऐसा लगता है कि रेट्रोफिटिंग (Retrofitting) काफी महंगा है तो यह केवल एक भ्रम है। यह काफी किफायती है। एक नई गाड़ी लेने या फिर किसी अन्य वाहन को खरीदने से यह आप को काफी सस्ता पड़ जाता है। क्योंकि आपके पास जो गाड़ी मौजूद है केवल आपको उसमें किट लगवाना होता है।
ऑटोमोबाइल के विशेषज्ञों का यह बताना है कि पुराने डीजल एवं पेट्रोल कारों या चार पहिया वाहनों में रेट्रोफिटिंग (Retrofitting) में बैटरी स्टोरेज क्षमता एवं रेंज के आधार पर फिटिंग में 3 से ₹500000 तक का खर्च होता है। आज के समय में बाज़ार में ऐसी कई सारी एजेंसी मौजूद है जो कि पुरानी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित कर रही है।