Khajoor ki Kheti: यदि आप खेती से बहुत अधिक कमाई करना चाहते हैं तो आज हम आपको एक ऐसी ही फसल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी खेती करके कई किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। आज हम आपसे खजूर की खेती (Palm Farming) के बारे में बात कर रहे हैं। पहले खजूर की खेती अरब एवं साउथ अफ्रीका के क्षेत्रों में ही होती थी। लेकिन अब खजूर की खेती भारत में भी होने लगी है और खजूर की खेती करने वाले किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
बता दें कि खजूर के दो प्रकार होते हैं नर एवं मादा। मादा प्रजाति में भी खजूर की तीन किस्म में पाई जाती है। वहीं नर प्रजाति में खजूर के दो किस्म होती हैं। खाने के अतिरिक्त भी खजूर की चटनी, जैम, जेली कई सारे बेकरी आइटम बनाए जाते हैं।
लागत एवं कमाई
आपको बता दें कि खजूर की खेती (Khajoor ki Kheti) करने में बहुत अधिक लागत नहीं आती है। खजूर के एक पेड़ से 70 से 100 किलो तक खजूर प्राप्त होता है और 1 एकड़ क्षेत्र में लगभग 70 खजूर के पौधे लगाए जा सकते हैं। ऐसे में 1 एकड़ के क्षेत्र से 5000 किलो खजूर की पैदावार प्राप्त हो सकती है। बता दें कि खजूर बाज़ार में बहुत ही महंगे दामों पर बेचा जाता है। किसान खजूर बेचकर के 5 साल में दो से तीन लाख रुपए बहुत ही आसानी से कमा सकते हैं। एक खजूर के पेड़ से लगभग ₹50000 तक की आमदनी हो सकती है।
कहाँ करें खजूर की खेती
बता दें कि यदि आपको यह समझ नहीं आ रहा है कि खजूर की खेती (Khajoor ki Kheti) किस स्थान पर करना सही रहेगा तो इसके लिए आपको ऐसे स्थान का चुनाव करना चाहिए जहाँ जल निकासी वाली रेतीली मिट्टी मौजूद हो। खजूर की खेती सख्त जमीन के ऊपर नहीं हो सकती है। इसे बहुत अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती बल्कि तेज धूप में खजूर के पौधे विकसित होते हैं। खजूर के पौधों को सही से विकसित होने के लिए 30 डिग्री तापमान की आवश्यकता पड़ती है और इसके फल 45 डिग्री तापमान पर पकते हैं।
खेत को ऐसे करें तैयार
खजूर की खेती (Khajoor ki Kheti) के लिए रेतीली एवं भुरभुरी मिट्टी बहुत जरूरी होती है। खजूर की खेती करने से पहले ही खेत तैयार करना आवश्यक होता है। पहले इस खेत को मिट्टी काटने वाले हल से जोतना चाहिए। उसके बाद इसे खुला छोड़ देना चाहिए। इसके पश्चात खेत की दो से तीन जुताई करनी चाहिए। इस तरह से खेत की मिट्टी काफी भुरभुरी हो जाती है और इसके बाद खेत को पाट करके समतल करने के बाद इस खेत को छोड़ देना चाहिए। ध्यान रहे कि खेत में पानी नहीं भरना चाहिए।
कैसे लगाए खजूर के पौधे
बता दें कि इसके बाद खजूर के पौधों की रोपाई (Khajoor ki Kheti) शुरू होती है। रोपाई के लिए खेत में एक 1 मीटर की दूरी पर गड्ढों को तैयार कर लेना होता है और इन गड्ढों में 25 से 30 किलो गोबर की खाद मिट्टी में मिला करके डालने होती है। खजूर के पौधों को आप नर्सरी से भी खरीद सकते हैं। इन तैयार पौधों को इन गड्ढों में लगा दीजिये। खजूर के पौधों की रोपाई के लिए अगस्त का महीना सबसे सही समझा जाता है। 1 एकड़ के क्षेत्र में आप लगभग 70 खजूर के पौधे रोप सकते हैं। पौधे रोपने के 3 सालों बाद खजूर की पैदावार होती है।
सिंचाई सम्बंधित अन्य जानकारी
आपको बता दें कि खजूर के पौधों (Khajoor ki Kheti) के लिए बहुत ही कम सिंचाई चाहिए होती है। गर्मियों के मौसम में भी ने केवल 15 से 20 दिन में ही पानी देना होता है। वहीं सर्दियों के मौसम में खजूर के पौधों को महीने में केवल एक बार पानी देने की आवश्यकता पड़ती है। खजूर के पौधे में सबसे ज्यादा नुकसान पक्षियों का रहता है। फल लगने के बाद इसीलिए काफी सतर्क रहने की भी आवश्यकता होती है। यह पक्षी पेड़ों पर लगे हुए फल को काटकर के नुकसान पहुँचाते हैं जिससे खजूर की पैदावार प्रभावित हो जाती है।