Tissue Paper Making Business Idea : भारत में इन दिनों युवा स्टार्टअप करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं, क्योंकि इसमें कम लागत के साथ ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। ऐसे में अगर आप बेहतरीन कमाए वाले स्टार्टअप आइडिया की तलाश कर रहे हैं, तो आप नैपकिन पेपर बिजनेस (Napkin Paper Business Idea) की शुरुआत कर सकते हैं।
हमारे देश में हर छोटे बड़ी पार्टी से लेकर घर में रोजमर्रा के कामों में भी नैपकिन पेपर (Napkin Paper) का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे बनाने में न तो ज्यादा लागत आती है और न ही इसका बिजनेस ठप होने का खतरा रहता है। ऐसे में आप नैपकिन पेपर का स्टार्टअप (Napkin Paper Business Idea) शुरू करके अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।
शुरू करें नैपकिन पेपर का बिजनेस (How to Start Tissue Paper Making Business)
भारत के लगभग हर शहर और घर में नैपकिन पेपर (Napkin Paper) का इस्तेमाल किया जाता है, जो गंदे हाथ साफ करने से लेकर खाने के दाग धब्बों का साफ करने में मददगार साबित होता है। इसके लिए होटल, रेस्टोरेंट और रोड साइड ठेले पर भी नैपकिन पेपर का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है, जिसकी वजह से टिश्यू पेपर की खपत दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। ये भी पढ़ें – ऑयल मिल का बिजनेस कैसे शुरू करें? इससे कितना मुनाफा हो सकता है? यहां जानिए सबकुछ
ऐसे में अगर आप स्टार्टअप शुरू करने का प्लान कर रहे हैं, तो आप टिश्यू पेपर (Tissue Paper Making Business) बनाने का काम कर सकते हैं, जिसने बनाने में कम लागत आती है। आप ब्रांडेड से लेकर नॉर्मल टिश्यू पेपर की प्रोडक्शन का काम शुरू कर सकते हैं, जिसके लिए आपको एक मैन्युफेक्चरिंग मशीन खरीदनी होगी।
5 से 10 लाख रुपए में खरीदें मशीन (Tissue Paper Making Machine Price)
अगर आप टिश्यू पेपर बनाने (Tissue Paper Making) का काम शुरू करते हैं, तो आपको एक मशीन (Tissue Paper Making Machine) खरीदनी होगी। इस नैपकिन पेपर मेकिंग मशीन की कीमत 5 लाख रुपए से शुरू होती है, जो सेमी-ऑटोमेटिक होती है और उसमें नैपकिन बनाने के लिए कारीगरों की जरूरत पड़ती है। इस मशीन की मदद से आप 4 से 5 इंच के आकार वाला टिश्यू पेपर बना सकते हैं, जो हर घंटे 100 से 500 पीस तैयार करती है।
वहीं अगर आप कारीगर के बिना टिश्यू पेपर बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ऑटोमेटिक टिश्यू पेपर मेकिंग मशीन (Automatic Tissue Paper Making Machine) खरीदनी होगी। इस मशीन की कीमत 10 से 11 लाख रुपए के बीच होती है, जो हर घंटे 2,500 पीस बनाने की क्षमता रखती है। इस तरह इन मशीनों की मदद से आप टिश्यू पेपर बनाने और उन्हें बाजार में बेचने का काम शुरू कर सकते हैं। ये भी पढ़ें – कम खर्च में लाखों कमाने के लिए सबसे अच्छा बिजनेस है नींबू की खेती, जानिए इसका आईडिया
बैंक से ले सकते हैं मुद्रा लोन
अगर आपके पास मशीन खरीदने के लिए 5 से 10 लाख रुपए नहीं है, तो आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। क्योंकि टिश्यू पेपर मेकिंग के बिजनेस (Tissue Paper Making Business) को शुरू करने के आप मुद्रा लोन (Mudra Scheme) भी ले सकते हैं, जिसमें आपको 3.10 लाख रुपए का टर्म लोन और 5.30 लाख रुपए का वर्किंग कैपिटल लोन (Working Capital Loan) ले सकते हैं।
हालांकि मुद्रा लोन लेने के लिए आपके पास कम से कम 3 लाख 50 हजार रुपए जुटाने होंगे, जिसके बाद अतिरिक्त इंवेस्टमेंट के लिए बैंक द्वारा लोन मिल जाएगा। इसके लिए आप मुद्रा योजना के तहत बैंक में लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं, जिसके बाद आपके पास बिजनेस शुरू करने के लिए 10 से 12 लाख रुपए इकट्ठा हो जाएंगे।
सालाना 10 से 12 रुपए की कमाई
भारत में टिश्यू पेपर का बिजनेस (Tissue Paper Business) तेजी से फल फूल रहा है, जिसकी एक वजह बाजार में इसकी बढ़ती मांग है। ऐसे में अगर आप नैपकिन पेपर मेकिंग का बिजनेस शुरू करते हैं, तो आप सालाना 1.50 लाख किलोग्राम टिश्यू पेपर का प्रोडक्शन आसानी से कर सकते हैं।
बाजार में 1 किलोग्राम टिश्यू पेपर की कीमत 65 से 70 रुपए है, जबकि अच्छी क्वालिटी के पेपर 80 से 85 रुपए प्रति किलोग्राम की कीमत पर बिकते हैं। ऐसे में आपका टिश्यू पेपर मेकिंग बिजनेस का सालाना टर्नओवर 1 करोड़ रुपए का आंकड़ा आसानी से पार कर सकता है।
इस कीमत में से अगर आप रॉ मैटेरियल, मशीन की लागत, लोन की किश्तें, कारीगरों की तनख्वाह, जगह का किराया और बिजली का बिल आदि हटा देते हैं, तो आप हर साल 10 से 12 लाख रुपए की कमाई आराम से कर सकते हैं। ये भी पढ़ें – बकरी पालन व्यवसाय के लिए सरकार से मिलता है इतने रुपये तक का लोन, किसान कमा सकते है अच्छा मुनाफा
यूरोप में तेजी से बढ़ रही है मांग
आपको बता दें कि टिश्यू पेपर की मांग (Tissue Paper Demand) सिर्फ भारत में ही नहीं है, बल्कि विदेशों में भी इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है। दरअसल यूरोपीय देशों में ठंड के मौसम में टिश्यू पेपर का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ जाता है, जबकि कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से वहां के टिश्यू पेपर के बिजनेस में काफी असर पड़ा है।
ऐसे में यूरोपीय देशों में टिश्यू पेपर की मांग तेजी से बढ़ने लगी है, जिसकी खपत को पूरा करने के लिए भारत में बने टिश्यू और टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस स्थिति में अगर आप टिश्यू पेपर मेकिंग का बिजनेस (Tissue Paper Making Business) शुरू करते हैं, तो आपके द्वारा बनाया गया नैपकिन पेपर विदेशों में भी बिक्री के लिए भेजा जा सकता है।