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बिहार का यह युवा गो-पालन करके पूरे देश में हुआ प्रसिद्ध, पीएम मोदी भी ख़ुद बात कर हुए प्रेरित

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कुछ दिन पहले हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब ने वीडियो कांफ्रेंस में कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के मछली पालन व डेयरी उद्योग से जुड़े लोगों से बात की थी तब इन्हीं लोगों में हमारे बिहार के युवा बृजेश कुमार भी शामिल थे, जिन्होंने गो-पालन के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल किया है और आत्मनिर्भर भारत की ओर अपना क़दम बढ़ाया है। इनके मुरीद ख़ुद पीएम मोदी भी हो गए।

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पीएम मोदी बृजेश से बात कर काफ़ी प्रभावित हुए और उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि आपने मुझे इंप्रेस कर दिया है। आप लोगों की बातें सुनकर मुझे हौसला मिला है। उन्होंने कहा कि आप अन्य किसानों के साथ गुजरात आए यहाँ पर डेयरी उद्योग और सहकारी समिति के सफल योजनाओं को देखें मैं इसकी व्यवस्था कराता हूँ।

प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi ने बेगूसराय के नौजवान ब्रजेश की बड़ाई करते हुए उन्हें और दूसरे किसानों को गुजरात भेजकर…

Posted by BJP Bihar on Thursday, September 10, 2020

इतना ही नहीं बल्कि पीएम मोदी ने बृजेश की सराहना करते हुए कहा कि बृजेश जैसे नौजवान उन्हें प्रभावित करते हैं। और ये भी कहा कि कोरो”ना काल के बाद वे अपने क्षेत्र के दूसरे किसानों से संपर्क करें इन सब किसानों को पीएम मोदी गुजरात भेज कर वहाँ डेयरी का काम समझाएंगे इसके लिए उन्होंने स्थानीय सांसद व केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह से भी अनुरोध किया है।

आइये जानते है ब्रजेश की कहानी

मूल रूप से बेगूसराय के रहने वाले बृजेश 2013 से ही गौ पालन के क्षेत्र में काम कर रहे हैं और अभी महज़ 30 की उम्र में ही गो-पालन के क्षेत्र में बृजेश एक ने बड़ा मुकाम हासिल कर युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। शुरुआत में तो बृजेश ने करीब दो दर्जन फ्रीजियन साहिवाल एवं जर्सी नसल की गाय खरीदा और 130 लीटर दूध का उत्पादन करने लगे। लेकिन धीरे-धीरे गो-पालन  के क्षेत्र में अनुभव मिलने के बाद वह राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आनंद गुजरात के मार्गदर्शन में अन्य किसानों को भी प्रशिक्षण देने लगे।

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किसानों के कृषि की पैदावार बढ़ाने के लिए बृजेश 2017 से ही वर्मीकंपोस्ट तैयार करने का काम कर रहे हैं। वर्मी कंपोस्ट खेत और फसलों के लिए किसी भी फर्टिलाइजर से ज़्यादा अच्छा होता है। इस तरह किसान पूरी तरह से ऑर्गेनिक खेती करेगा एक अच्छी फ़सल उगा पाएगा। बृजेश ने बताया कि पशुओं को खुला रखने से उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है और उन्हें बीमारीयाँ भी कम होती है।

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मिल चुके है कई पुरस्कार

गो-पालन के क्षेत्र में बृजेश को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं, जिसमें बेगूसराय डीएम द्वारा उत्कृष्ट कृषक पुरस्कार, पशु एवं मत्स्य विभाग बिहार सरकार द्वारा ‘प्रथम प्रगतिशील किसान पुरस्कार’ , राष्ट्रीय पशु विकास योजना अंतर्गत पशु मेला में तृतीय पुरस्कार, डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा अभिनव किसान पुरस्कार शामिल है। इसके अलावा केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के द्वारा भी 2018 में पुरस्कृत किया जा चुका है। इस तरह उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।

इस तरह हम कह सकते हैं कि अगर किसी भी काम में पुरानी पद्धति के बजाय नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाए तो-तो निश्चित ही आप उस काम में सफल होंगे और अच्छा मुनाफा भी कमा सकेंगे, जैसा कि बृजेश ने गो-पालन में किया। अब तो सरकार द्वारा भी किसानों को बढ़ावा देने के लिए गो-पालन के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही है जिसमें किसानों को सरकार द्वारा अच्छी सब्सिडी दी जा रही है। इन योजनाओं की जानकारी के लिए आप अपने जिले के कृषि अधिकारी से संपर्क भी कर सकते हैं।

आज बृजेश जैसे युवा कई दूसरे युवाओं के लिए प्रेरणा है।

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News Desk
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