Policeman Vikas Kumar teaches poor children : भारत में पुलिस की छवि कुछ खास अच्छी नहीं है, जिसकी वजह से लोग पुलिस का नाम सुनते ही घबरा जाते हैं। लेकिन हमारे देश में कुछ ऐसे पुलिस कर्मी भी मौजूद हैं, जो दरियादिल और नेक हैं। इतना ही नहीं यह पुलिस कर्मी अपनी कोशिशों से सामाजिक बुराईयों को दूर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन आम जनता इनके इन कामों से अनजान ही रह जाती है।
ऐसे में आज हम आपको बिजनौर पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात विकास कुमार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने कंधों पर गरीब और जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा का बेड़ा उठा रखा है। विकास कुमार पिछले 8 सालों से बच्चों को मुफ्त शिक्षा मुहैया करवा रहे हैं, ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके।
कौन हैं विकास कुमार?
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सहारनपुर (Saharanpur) में स्थित कुरलकी खुर्द गाँव (Kuralki Khurd) से ताल्लुक रखने वाले विकास कुमार (Vikas Kumar) अपने नेकी और दरियादिली की वजह से जाने जाते हैं, जो खुद एक गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में विकास के परिजन उन्हें उच्च शिक्षा मुहैया नहीं करवा सकते थे, लेकिन इसके बावजूद भी विकास अपनी मेहनत के दम पर पुलिस में भर्ती हो गए।
जब विकास 18 साल के थे, उनके पास गाँव के गरीब बच्चे पढ़ने के लिए आते थे। ऐसे में विकास कुमार उन बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते थे, क्योंकि उनके माता-पिता पढ़ाई की फीस नहीं दे सकते थे। लेकिन साल 2016 में विकास कुमार पुलिस में भर्ती हो गए थे, जिसके बाद बच्चों को लगा कि अब वह उन्हें स्कूल नहीं पढ़ाएंगे।
लेकिन विकास ने अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद गरीब बच्चों को पढ़ाना जारी रखा, जिसकी वजह से उनकी पाठशाला में बच्चों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी। विकास साल 2014 से बच्चों को फ्री में पढ़ा रहे हैं और उन्हें यह नेक काम करते हुए 8 साल का वक्त गुजर चुका है, लिहाजा उन्होंने अपने दोस्तों की मदद से मुफ्त पाठशाला को आगे बढ़ाने का काम किया।
ड्यूटी के बाद बच्चों को देते हैं क्लास
बिजनौर पुलिस में भर्ती होने के बाद विकास को कोतवाली शहर के आवास विकास चौकी को संभालने का कार्यभार मिला था, इसी दौरान उनकी नजर काशीराम कॉलोनी में रहने वाले गरीब बच्चों पर पड़ी। ऐसे में विकास कुमार ने काशीराम कॉलोनी के बच्चों को ड्यूटी के बाद फ्री ट्यूशन देना शुरू कर दिया, ताकि उन्हें शिक्षित किया जा सके।
इस तरह बिजनौर में विकास कुमार की मुफ्त पाठशाला में 30 से 35 बच्चे जुड़ गए, जिन्हें विकास रोजाना ड्यूटी खत्म करने के बाद पढ़ाते हैं। इसके अलावा वह अपने गाँव जाकर भी बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देता हैं, जबकि उनकी पाठशाला छकड़ा, ढोलापुरी, मोहनपुरी, सुंदरपुरा बेहड़ा और किशनपुरा गाँव में चलती है।
डीआईजी भी कर चुके हैं सम्मानित
इन पाठशालों में गाँव के सैकड़ों गरीब बच्चे मुफ्त में शिक्षा प्राप्त करते हैं, जो आने वाले समय में हमारे देश का भविष्य होंगे। विकास का मानना है कि हर बच्चे के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है, लिहाजा वह अपने इस प्रयास से ज्यादा से ज्यादा बच्चों को शिक्षित करने की मुहिम चला रहे हैं और लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर रहे हैं।
फिलहाल विकास कुमार नांगल थाने में पीआरबी 112 पर तैनात हैं, जिन्हें इस नेक काम के लिए मुरादाबाद के डीआईजी शलभ माथुर ने उन्हें सम्मानित किया हैं। इतना ही नहीं विकास के साथी पुलिस कर्मियों ने भी गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने का नेक काम शुरू कर दिया है, जिसके तहत वह पीलीभीत, सहारनपुर, बुलंदशहर और मेरठ जैसे शहरों में फ्री पाठशाला चलाते हैं।
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