6 वर्ष का उम्र जिस दौरान बच्चे अभी-अभी पढना शुरू करते हैं और अभी-अभी कंप्यूटर को जानना शुरू करते हैं, इस उम्र में विलक्षण प्रतिभा के धनी एक बच्चे ने ऐसी अद्वितीय उपलब्धि हासिल कर ली है जो बड़े से बड़े सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स के लिए भी काफ़ी कठिन है।
गुजरात के अहमदाबाद के कक्षा 2 के छात्र ‘अरहम ओम तल्सानिया‘ (Arham Om Talsania) ने मात्र 6 वर्ष की उम्र में काफ़ी जटिल ‘पायथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज’ की परीक्षा 900 अंको से पास कर अपने नाम ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बना लिया है। इसके पहले यह रिकॉर्ड पाकिस्तान के 7 वर्षीय छात्र ‘मोहम्मद हमजा शहजाद’ के नाम था।
अरहम के पिता ‘ओम तल्सानिया‘ एक साॅफ्टवेयर इंजीनियर है जो पाइथन में काम करते हैं। वह बताते हैं कि काफ़ी छोटे से ही अरहम टेबलेट्स पर गेम खेलने लगा था और फिर उसको कोडिंग में रुचि आने लगी थी। इसलिए वह 2 वर्ष की उम्र में ही उसे कोडिंग के सिखाने लग गए। 3 साल के उम्र में उसने iOS और विंडोज वाले गैजेट्स पर काम करना शुरू कर दिया और पायथन लैंग्वेज सीखने लगे।
लैंग्वेज सीखने के बाद अरहम इस परीक्षा में बैठे और काफ़ी अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण कर लिया। इसके बाद वह गेम्स बनाने लगे। सर्टिफिकेट मिलने के थोड़े समय बाद अरहम ने ‘गिनीज वर्ल्ड रिकाॅर्ड’ में अपना नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया जिसके लिए इससे कुछ प्रेजेंटेशन मांगें गयें। उसनें गेम्स से सम्बंधित जो काम किया था उसे भेज दिया और फिर कुछ दिनों बाद उसका नाम ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में ‘सबसे कम उम्र के प्रोग्रामर’ के रूप में दर्ज हो गया। अरहम भविष्य में एक बिजनेसमैन बनना चाहते हैं और कोडिंग के लिए ऐप, गेम्स और सिस्टम्स बनाना चाहते हैं।
इतनी-सी उम्र में अरहम ओम तल्सानिया ने जो कर दिखाया है वह बड़े-बड़े इंजीनियर्स के लिए भी काफ़ी कठिन है। इस असाधारण बच्चे ने यह दिखाया है कि प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती और आज इसके प्रतिभा की चर्चा पूरे विश्व में हो रही है।