Anubhav Dubey Chai Sutta Bar – बीते कुछ सालों में युवा नौकरी छोड़कर अपने बिजनेस और स्टार्ट अप की तरफ़ रूझान तेजी से बढ़ रहा है, जिसकी वज़ह से पढ़े लिखा युवा भी सड़कों पर खाद्य पदार्थ और अन्य चीजों को बेचने का बिजनेस चला रहे हैं।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रेलवे स्टेशन पर चाय बेचकर आज इस पद पर कार्यरत हैं, ऐसे में सड़क किनारे कड़क चाय बेचकर फेमस होने वाले इस युवा की कहानी पढ़कर आपको प्रेरणा ज़रूर मिलेगी।
UPSC का छात्र बेच रहा है कड़क चाय Anubhav Dubey
आमतौर पर UPSC की तैयार करने वाले युवाओं से सरकारी नौकरी की उम्मीद की जाती है, लेकिन इंदौर के रहने वाले अनुभव दुबे (Anubhav Dubey) नामक यह युवक सड़कों पर कड़क चाय बेचने का काम करता है। अनुभव ने मात्र 22 साल की उम्र में ही अपना स्टार्ट अप शुरू कर दिया है, जबकि वह UPSC के छात्र रह चुके हैं।
अनुभव दुबे ख़ुद के व्यवसायी परिवार से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए वह हमेशा से अपना बिजनेस शुरू करन चाहते थे। इसलिए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने के साथ-साथ सड़क किनारे कुल्हड़ में चाय बेचना शुरू कर दिया। अनुभव दुबे का मानना है कि चाय एक पोटेंशियल प्रोडक्ट है, जिसे पीना इंसान की पहली ज़रूरतों में से है। ऐसे में चाय का बिजनेस शुरू करना अनुभव को काफ़ी फायदेमंद लगा, जिसके तहत उन्होंने साल 2016 में चाय का स्टार्ट अप शुरू कर दिया।
ऐसे हुई बिजनेस की शुरुआत Chai Sutta Bar
साल 2016 में अनुभव यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे, इसी दौरान उनके मन में चाय और कॉफी का बिजनेस शुरू करने ख़्याल आया। लेकिन अनुभव के पिता नहीं चाहते थे कि उनका बेटा बिजनेसमैन बने, क्योंकि उसमें बहुत ज़्यादा समय और दिमाग़ ख़र्च करना पड़ता है।ऐसे में अनुभव ने अपने पिता की मनोस्थिति को समझते हुए उन्हें बिना बताए चाय के बिजनेस की शुरुआत कर दी, जिसके बाद अनुभव के पिता को सोशल मीडिया और फ़ेसबुक के जरिए अनुभव के कारोबार के बारे में भनक लगी।
पिता को बिना बताए चाय का कारोबार शुरू करने की वज़ह से अनुभव के पास स्टार्ट अप के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने अपने दोस्त आनंद नायक से मदद ली। आनंद पहले से ही बिजनेसमैन थे, लिहाजा उन्होंने अनुभव को 300, 000 रुपए देकर कारोबार शुरू करने में मदद की। इन पैसों से अनुभव और आनंद ने मिलकर चाय का बिजनेस शुरू किया, जिसमें दुकान का किराया और अंदरूनी मेंटेनेंस की लागत भी शामिल थी। ऐसे में अनुभव के पास दुकान तैयार करने के चक्कर में बैनर लगाने के लिए पैसे नहीं बचे, जिसकी वज़ह से उन्हें चाय बेचने के लिए नया तरीक़ा ढूँढना पड़ा।
उन्होंने दुकान के बाहर टेबल और कुर्सी लगाकर लोगों को कुल्हड़ में चाय बेचना शुरू कर दिया, जिसके बाद उनके पास बैनर लगान के पैसे इकट्ठा हो गए। इसके बाद अनुभव ने अपनी दुकान का नाम Chai Sutta Bar रख दिया, जो बाहर से दिखने में ही बहुत आकर्षक लगता है। अनुभव ने अपना बिजनेस सेट करने के लिए शुरुआत में अपने दोस्तों से सामना भी उधार लिया था, जिसमें हार्डवेयर से सम्बंधी सामान शामिल है। ऐसे में जब एक बार उनका बिजनेस चल पड़ा, तो उन्होंने दोस्तों से लिया सारा उधार चुका दिया।
एक बेहतरीन आइडिया और चल पड़ा बिजनेस
अनुभव दुबे ने अपनी चाय की दुकान के लिए ऐसी लोकेशन का चुनाव किया था, जहाँ सबसे ज़्यादा भीड़ इकट्ठा हो सकती थी। उन्होंने इंदौर में गर्ल्स हॉस्टल के सामने Chai Sutta Bar की शुरुआत की, ताकि कम समय में ज़्यादा से ज़्यादा भीड़ इकट्ठा हो सके। इस आइडिया के पीछे अनुभव का तर्क था कि जिस जगह पर लड़कियाँ आती हैं, वहाँ लड़कों का आना लाजिमी है। इसके साथ ही होस्टल में रहने वाली लड़कियाँ अच्छी क्वालिटी की चाय पीने के लिए उनकी दुकान की तरफ़ आकर्षित होगी, जो काफ़ी फायदेमंद साबित हुआ।
अनुभव ने अपने दोस्तों की मदद से फ़ेसबुक और सोशल मीडिया पर Chai Sutta Bar का प्रचार किया, ताकि वह ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की नज़र में आ सके। इसके साथ ही उनके 5-6 दोस्त सड़क किनारे खड़े होकर चाय सुट्टा बार की ज़ोर जोर से तारीफ करते थे, ताकि लोग उनकी बातें सुनकर दुकान में जाने के लिए आकर्षित हों। ऐसे में अनुभव का यह तरीक़ा काफ़ी काम आ गया, जिसकी वज़ह से उनका चाय सुट्टा बार आम लोगों के बीच काफ़ी ज़्यादा फेमस हो गया। इसके बाद उनका कारोबार चल पड़ा और अनुभव ने यूपीएससी की तैयारी छोड़ने का फ़ैसला कर लिया।
Chai Sutta Bar की फ्रेंचाइज ( How do you franchise a chai Sutta bar? )
22 साल की उम्र में एक आइडिया के साथ चाय के बिजनेस की शुरआत करने वाले अनुभव का कारोबार पूरे देश भर में फैल चुका है। जिसकी वज़ह से देश के अलग-अलग राज्यों में इस चाय सुट्टा बार की फ्रेंचाइजी मौजूद है। इस चाय बार में ग्राहकों को 10 अलग-अलग प्रकार की चाय सर्व की जाती है, जिसमें मसाला चाय, इलायची चाय, चॉकलेट चाय, अदरक चाय, रोज़ चाय, पान चाय, केसर चाय, लेमन चाय, तुलसी चाय और जम्बो चाय शामिल है।
हालांकि इस चाय सुट्टा बार में ग्राहकों को कॉफी और स्नैक्स भी सर्व किए जाते हैं, ताकि उनका बिजनेस सिर्फ़ चाय लवर्स तक ही सीमित न रहे। यही वज़ह है कि देश भर में चाय सुट्टा बार की फ्रैंचाइजी की डिमांड काफ़ी तेजी से बढ़ रही है, जिसमें ग्राहकों को कुल्हड़ में चाय दी जाती है।
स्टॉफ में दिव्यांगों को दी जाती है प्राथमिकता
Chai Sutta Bar की सबसे अनोखी बात यह है कि इस आउटलेट में दिव्यांग और शारीरिक रूप से असक्षम व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाती है, ताकि वह इस जगह पर काम करके रोज़गार प्राप्त कर सके। अनुभव दुबे का यह आइडिया लोगों को काफ़ी ज़्यादा पसंद आता है, जिसकी वज़ह से लोग इनसे ज़्यादा से ज़्यादा जुड़ने की कोशिश करते हैं।
अगर किसी व्यक्ति को Chai Sutta Bar की फ्रैंचाइजी लेनी है, तो उसे इस आउटलेट की ऑफिसियल वेबसाइट पर मौजूद कांटेक्ट फॉर्म को भरना होगा। जिसके बाद कंपनी ख़ुद उस व्यक्ति से संपर्क करती है और बातचीत के बाद आप अपने शहर में चाय सुट्टा बार खोल सकते हैं।