Asha Kandara Became SDM Officer – अगर इंसान सच्ची लगन और मेहनत के साथ किसी मुकाम को हासिल करना चाहता है, तो उसे कामयाबी ज़रूर हासिल होती है। कामयाबी का यह सफ़र सुनने में आसान ज़रूर लगता है, लेकिन इसे सिर्फ़ कुछ शब्दों में बयाँ कर पाना बहुत मुश्किल है।
क्या हो अगर एक नगर निगम कर्मचारी सरकारी परीक्षा पास करके अफसर का पद हासिल कर ले, यकीनन यह बात सुनने में अविश्वसनीय लगती है लेकिन सौ प्रतिशत सच है। राजस्थान की रहने वाली आशा कण्डारा ने कुछ ऐसा कर दिखाया है कि आज उनका जीवन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुका है।
वर्किंग क्लास से अफसर बनने तक का सफर (Asha Kandara)
राजस्थान के जोधपुर की रहने वाली आशा कण्डारा (Asha Kandara) ने साल 2018 में आयोजित राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की परीक्षा दी थी, जिसके परिणाम हाल ही में घोषित किए गए हैं। परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यार्थियों में आशा कण्डारा का नाम भी शामिल है, जो ट्रेनिंग के बाद SDM के पद नियुक्त होंगी।
लेकिन आशा कण्डारा के लिए यह सफ़र बिल्कुल भी आसान नहीं था, क्योंकि उनके कंधों पर अपनी और दो बच्चों के भरण पोषण की जिम्मेदारी भी थी। शादीशुदा होने के बावजूद भी आशा घर की सारी ज़रूरतें अकेले ही पूरी करती हैं, क्योंकि 8 साल पहले आशा का उनके पति से तलाक हो गया था।
ऐसे में परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के मकसद से आशा ने साल 2016 में SSC की तैयारी शुरू कर दी थी। इसके साथ ही उन्होंने लगातार कई सरकारी नौकरियों को फॉर्म भरे, ताकि किसी न किसी फील्ड में सफलता मिल जाए।
निगम कर्मचारी के तौर पर किया काम
इस बीच सरकारी फॉर्म भरते हुए और एग्जाम देते हुए आशा कण्डारा को जुलाई 2018 में जोधपुर नगर निगम में सफ़ाई कर्मचारी के रूप में नौकरी मिल गई थी, हालांकि उस समय उनकी नौकरी परमानेंट नहीं थी। ऐसे में आशा RAS की तैयारी करते हुए परमानेंट नौकरी के लिए लड़ाई लड़ती रही।
इस दौरान साल 2018 में आशा ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा का मेन्स एग्जाम दिया था। लगभग 2 सालों तक संघर्ष करने के बाद 1 जुलाई 2021 को आशा कण्डारा को जोधपुर नगर निगम ने परमानेंट जॉब पर रख लिया, जिससे उन्हें बहुत ख़ुशी हुई।
हालांकि नौकरी परमानेंट होने के महज़ 12 दिन बाद ही RAS परीक्षा के रिजल्ट की घोषणा की गई, जिसमें आशा ने अच्छी रैंक के साथ सफलता हासिल की है। ऐसे में अब आशा कण्डारा नगर निगम कर्मचारी से सीधा SDM का पद संभालेंगी।
आसान नहीं था सफर
आशा कण्डारा के लिए घर की देखभाल करने के साथ-साथ नौकरी करना और सरकारी परीक्षा की तैयार करना बिल्कुल भी आसान नहीं था। उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी 8 घंटे की शिफ्ट पूरी करने के बाद पढ़ाई करना और बच्चों की देखभाल करना।
इसलिए आशा हर वक़्त अपने साथ किताबें रखती थी और मौका मिलते ही पढ़ाई शुरू कर देती थी। वह नौकरी पर जाने के दौरान और लंच टाइम में भी पढ़ाई करती थी, ताकि एग्जाम की तैयारी पूरी कर सके। इसके साथ ही आशा नौकरी से घर लौटकर घर का सारा काम निपटाने के बाद भी परीक्षा की तैयारी करती थी।
IAS के पद पर नियुक्त होने का सपना
नगर निगम में परमानेंट नौकरी मिलने के बाद शायद ही कोई व्यक्ति सरकारी परीक्षा की तैयार कर उच्च पद हासिल करने की चाहत रखता है, लेकिन आशा कण्डारा इस मामले में थोड़ी अलग सोच रखती हैं।
आशा (Asha Kandara) ट्रेनिंग के बाद SDM के पद पर नियुक्त हो जाएंगे, लेकिन उन्हें IAS के पद को हासिल करने की चाह है। उनका कहना है कि वह ट्रेनिंग के बाद SDM का पद संभालेंगी, लेकिन इसके साथ ही IAS की तैयार भी जारी रखेंगी।
आशा कण्डारा की आगे बढ़ने की सोच और जीवन में कुछ बेहतर कर दिखाने का जज़्बा उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो हालातों और सुविधाओं की कमी का बहाना कर घर बैठे हुए हैं। अगर कोई व्यक्ति मेहनत करता है, तो उसे सफलता ज़रूर हासिल होती है और इस बात का जीता जागता उदाहरण है आशा कण्डारा।