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ये है दुनिया की सबसे अनोखी और विचित्र गोभी, पिरामिड की तरह दिखता है फूल, कीमत 2100 रुपये किलो

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सर्दी के मौसम में आलू गोभी की सब्जी खाने का अपना एक अलग स्वाद है, जो भारत की सबसे लोकप्रिय सब्जियों में से एक है। यूं तो गोभी दो तरह की होती है, फूल गोभी और पत्ता गोभी। लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर बेहद विचित्र गोभी की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसकी क़ीमत 2000 से 2200 रुपए किलोग्राम है।

इस विचित्र गोभी के फूल का आकार पिरामिड का आकृति से मिलता जुलता है, जिसकी तस्वीरें देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं। आख़िर क्या है इस विचित्र गोभी की कहानी और कहाँ की जा रही है इसकी खेती, आइए जानते हैं-

पिरामिड के आकार वाली अनोखी गोभी (Romanesco broccoli)

इस गोभी को पहली नज़र में देखकर आपको मिस्र के पिरामिड याद आ जाएंगे, लेकिन इस गोभी के फूल का साइंटिफिक कान रोमनेस्को कॉलीफ्लावर (Romanesco Cauliflower) है। हालांकि वनस्पति विज्ञान की भाषा में इस गोभी को ब्रैसिक ओलेरासिया (Brassica Oleracea) के नाम से भी जाना जाता है, जबकि आमतौर पर इसे रोमनेस्को ब्रोकोली भी कहा जाता है।

विचित्र क्यों है गोभी का फूल

रोमनेस्को कॉलीफ्लावर का सबसे विचित्र हिस्सा है इसके फूल, जो पिरामिड की तरह दिखाई देते हैं। फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च के वैज्ञानिक फ्रांस्वा पार्सी और उनकी टीम ने इस गोभी के फूल पर शोध कार्य किया है।

अध्ययन से पता चलता है कि रोमनेस्को कॉलीफ्लावर का फूल पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता है और दानेदार आकृति में ही रह जाता है। ऐसे में जब दो अविकसित कलियाँ आपस में जुड़ जाती हैं, तो वह बड्स की तरह दिखाई देने लगती है।

हालांकि इसके बावजूद भी गोभी का अविकसित फूल लगातार खिलने की कोशिश करता है, लेकिन जितनी बार वह यह कोशिश करता है ऊपर की तरफ़ बड्स की संख्या बढ़ती जाती है। इस तरह बार-बार बड्स के विकसित होने की वज़ह से रोमनेस्को कॉलीफ्लावर का फूल पिरामिड की शक्ल ले लेता है।

क्या फूल है रोमनेस्को कॉलीफ्लावर

वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में दावा किया है कि रोमनेस्को कॉलीफ्लावर असल में एक फूल की तरह विकसित होकर अपनी पहचान बनाना चाहता है। लेकिन वह इस काम में असफल हो गया। सामान्य गोभी और रोमनेस्को कॉलीफ्लावर में सिर्फ़ फूलों का अंतर हैं, इसके अलावा इनका स्वाद लगभग एक समान ही है।

हालांकि रोमनेस्को कॉलीफ्लावर में सामान्य गोभी के मुकाबले ज़्यादा फूल होते हैं, क्योंकि इसके फूल लगातार विकसित होने की कोशिश करते रहते हैं। रोमनेस्को कॉलीफ्लावर के फूल तिकोने और कोनिकल आकार के दिखाई देते हैं, जिसकी वज़ह से यह गोभी काफ़ी विचित्र लगती है।

खाई जा सकती है रोमनेस्को कॉलीफ्लावर

इस विचित्र गोभी का इतिहास काफ़ी पुराना है, जिसका सबसे पहले उपयोग 16वीं शताब्दी में इटली में किया गया था। इटली के प्राचीन दस्तावेजों में रोमनेस्को कॉलीफ्लावर का ज़िक्र मिलता है, जो आमतौर पर हरे रंग की होती है और इसका स्वाद काफ़ी हद तक मूंगफली की तरह होता है।

इन दस्तावेजों से यह भी पता चलता है कि रोमनेस्को कॉलीफ्लावर को आम गोभी की तरह खाया जा सकता है, जो पकने के बाद काफ़ी स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर होती है। प्राचीन समय में इसका उपयोग सलाद के रूप में ज़्यादा किया जाता था।

रोमनेस्को कॉलीफ्लावर में विटामिन सी, विटामिन के, डायटरी फाइबर समेत कैरोटिनॉयड्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो सेहत के लिए काफ़ी लाभदायक होते हैं। वर्तमान में अमेरिका समेत दूसरे यूरोपीय देशों में रोमनेस्को कॉलीफ्लावर की खेती की जा रही है, जहाँ किसान इसे ऊंचे दामों बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं।

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Shivani Bhandari
Shivani Bhandari
शिवानी भंडारी एक कंटेंट राइटर है, जो मीडिया और कहानी से जुड़ा लेखन करती हैं। शिवानी ने पत्रकारिता में M.A की डिग्री ली है और फिलहाल AWESOME GYAN के लिए फ्रीलांसर कार्य कर रही हैं।

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