अक्सर बड़े उद्योगपति बनने के बाद बहुत लोग ग़रीब के दर्द भूल जाते हैं। उन्हें सिर्फ़ बिजनेस और पैसे से मतलब रहता है। तो वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जो इंसानियत की मिसाल क़ायम करते हैं। रतन टाटा (Ratan Tata) जैसे बड़े उद्योगपति इनमें से एक है। इन्होंने अपने एक कर्मचारी की तबीयत खराब होने पर उससे मिलने उसके घर तक पहुँच गए और उसके पूरे परिवार का और बच्चों के पढ़ाई लिखाई के ख़र्च का वादा किया। रतन टाटा अपने कर्मचारियों को अपने परिवार का ही हिस्सा मानते हैं।
रतन टाटा अपने मदद करने के स्वभाव को लेकर हमेशा लोगों के बीच चर्चा में रहते हैं। हमारे देश में कहीं भी ज़रूरत पड़े, चाहे वह कोई प्राकृतिक आपदा हो, चाहे हमारा देश संकट में क्यों ना हो हमेशा रतन टाटा मदद करते हुए नज़र आते हैं।
पिछले कुछ दिनों से लोगों के बीच लिंकडिन के माध्यम से एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में देखा जा रहा है कि 83 वर्षीय उद्योगपति रतन टाटा पुणे स्थित अपने एक पूर्व कर्मचारी के घर पहुँचे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि उनका वह पूर्व कर्मचारी 2 सालों से बीमार चल रहा है।
रतन टाटा ने अपने पुणे जाने की ख़बर को किसी को नहीं बताया। ना ही किसी मीडिया को इसकी ख़बर हुई। वहाँ पहुँचकर रतन टाटा ने अपने पूर्व कर्मचारी से आर्थिक सहायता का वादा किया और उसके परिवार और बच्चों के पढ़ाई लिखाई की भी जिम्मेदारी को उठाने की बात कही। जानकारी के लिए आपको बता दें तो रतन टाटा हर वक़्त अपने देश या अपने कर्मचारियों या फिर गरीबों और असहायों की मदद के लिए खड़े होते नज़र आए हैं।
यह बहुत अहम बात है कि 26 / 11 घटना के दौरान भी रतन टाटा ने उससे प्रभावित अपने पूरे 80 कर्मचारियों से मिलने उनके घर पहुँचे थे। उन्होंने उन 80 परिवारों के भी घर ख़र्च से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक की जिम्मेदारियों को उठाया था। इसके साथ ही उन्होंने उन परिवारों को मेडिकल कवर भी दिया।
इस तरह रतन टाटा अपने आप में ही इंसानियत की एक मिसाल है। उनका सबसे बड़ा धर्म लोगों की मदद करना ही है।