Vocal for local: इस बार चीन को मात देने के लिए भारत ने इस दिवाली पर गाय के गोबर से 33 करोड़ दिये बनाने की घोषणा कि है। पहले प्रत्येक दिवाली में उपयोग होने वाले होने वाले लाइट्स, दिये, पटाखे ये सारे प्रोडक्ट्स चीन से आयात होते थे। लेकिन पिछले कुछ दिनों से हम लोग देख रहे हैं कि दोनों देशों के बीच कैसे अनबन चल रही है।
यूं तो दीवाली दीपों का ही त्यौहार है। जिसे भगवान श्री राम को रावण का वध करके वनवास से 14 वर्षों के बाद अयोध्या लौटने की ख़ुशी में मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन भगवान श्री राम अयोध्या लौटे थे उस दिन पूरे अयोध्या में ख़ुशी से घी के दिए जलाए गए थे और पूरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया जाता है इसी उपलक्ष्य में हम दिवाली मनाते हैं। अगर इतनी-इतनी ख़ुशी के मौके पर हम अपने देश को छोड़कर चीन जैसे देश के सामानों का उपयोग करें तो यह हमारे देश के साथ नाइंसाफी होगा।
इसी संदर्भ में चीन से आयात होने वाले कई प्रोडक्ट्स पर भारत सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया है और लोगों से भी अपील की जा रही है कि वह स्वदेशी चीजों का इस्तेमाल करें। वैसे तो भारत में गाय के गोबर और मिट्टी से 33 करोड़ दीए बनाने के नाम पर चीन भी बौखला गया है। यह घोषणा सुनकर वीईबो जैसे ट्विटर पर गाय के गोबर लैंप की चर्चा ज़ोरो से चल रही है और ग्लोबल टाइम्स के द्वारा यह कहा गया है कि गाय के गोबर से वायू प्रदूषण फैलेने की आशंका है, जिससे मानव स्वास्थ्य को बहुत हानि पहुँच सकती है।
Vocal for local
इस वर्ष दिवाली के शुभ अवसर पर हाल हीं में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने गाय के गोबर से 33 करोड़ दिये बनाने की घोषणा कि है और कहा गया है कि चीनी प्रोडक्ट्स के आयात को ध्यान में रखते हुए यह घोषणा कि गई है, ताकि चीन से आयात की दर में गिरावट हो सके। उसके बाद चीन ने इस घोषणा पर यहाँ तक कहा कि भारत देश बिना जांच-पड़ताल किए Make in India कार्यक्रम को बढ़ावा दे रहा है।
एक अनुमान के अनुसार, चीन से दीवाली पर लगभग 90 फीसदी लाइट्स का आयात होता है। कामधेनु आयोग के मुताबिक़ चीनी लाइट्स को भारत के 15 राज्य गाय के गोबर से मुकाबला देने के लिए इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिये तैयार है और आयात को कम करने के लिये बंदरगाहों पर चीन से आने वाले सामानों की गुणवत्ता कि भी जांच की जा रही है।
ऐसा कहा गया है कि क्वालिटी में कमी पाए जाने पर माल को वापस चीन भेज दिया जायेगा या उसे नष्ट कर दिया जायेगा। इसका ख़र्च आयातक ही उठाएगा। इन्हीं सारी बातों को लेकर चीन और भी बौखला गया है। भारत से चीन का सम्बंध खराब होने के कारण लोग भी चीनी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं।
इस दिवाली पर लोगों से भी ऐसी अपील की जा रही है कि वह भी चीनी प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करने के बजाए अपने भारत में बने सामानों का इस्तेमाल करें, जिससे हमारे पर्यावरण का भी हित हो।