कोरोना महामारी ने पूरे देश में ऐसी तबाही मचाई की, इसे भुलाना नामुमकिन-सा है। लाखों लोगों ने अपनी जानें गंवाई, अपनी नौकरी से हाथ धोया, तो वहीं दूसरी ओर लाखों प्रवासी श्रमिक हजारों किलोमीटर पैदल ही अपने घर, गांव, शहर आने को मजबूर हुए। कितने लोग भुखमरी के शिकार हुए।
लेकिन अब धीरे-धीरे हमारे देश में अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है। इन्हीं सारे संकटों को मद्देनजर रखते हुए इस बार कोलकाता के दुर्गा पूजा के पंडालों में मूर्तियों के द्वारा उनके संघर्षों का वर्णन किया जा रहा है। एक रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार इस बार कोलकाता कि “बारिशा क्लब दुर्गा पूजा समिति” महिला प्रवासी मजदूरों के संघर्षपूर्ण यात्रा को सलाम करेगी, उन्हें प्रस्तुत करेगी। “
इस समिति के द्वारा पंडाल में देवी दुर्गा कि मूर्ति की जगह एक प्रवासी महिला कि मूर्ति बनाई गई है। इस मूर्ति में एक माँ अपने बच्चे को लिए हुए दिखेगी और केवल देवी दुर्गा कि मूर्ति ही नहीं बल्कि पंडाल में बनने वाली अन्य देवियों की मूर्तियों को प्रवासी श्रमिकों की मूर्तियों से बदल दिया गया है।
वहीं दूसरी ओर “एके ब्लॉक दुर्गा पूजा समिति” ने एक ख़ास सामाजिक संदेश देने के लिए “मानवता” को अपनी थीम बनाया है, जिसके तहत यह पंडाल भी प्रवासी मजदूरों के संघर्ष को ही दिखाएगा।
पंडाल बनाने वाले कलाकार सम्राट भट्टाचार्य के अनुसार “जो प्रवासी मज़दूर अपनी नौकरी छोड़कर वापस आने को मजबूर हुए, उनकी मदद करना हमारा कर्तव्य है।”
ये काफ़ी मार्मिक दृश्य होगा। इसे देखने के बाद सभी लोगों के आंखों के सामने फिर से एक बार वह दृश्य आ जाएगा, जिसे पूरे देश ने नम आंखों से देखा है।