Aeroponic Potato Farming: खेती करने वाले किसानों को जमीन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, क्योंकि बिना मिट्टी के कोई भी फसल नहीं उगाई जा सकती है। लेकिन अगर हम आपसे कहें कि बिहार के किसानों को अब आलू की खेती करने के लिए जमीन की जरूरत नहीं होगी, तो क्या आप इस बात पर यकीन करेंगे।
दरअसल बिहार (Bihar) के किसान हवा में आलू की खेती करेंगे, क्योंकि वैज्ञानिकों को एरोपोनिक तकनीक (Aeroponic Farming) को पूरा करने में सफलता मिल चुकी है। यह एक ऐसी तकनीक है, जिसके तहत आलू की खेती करने के लिए जमीन या मिट्टी की जरूरत नहीं होती है और फसल हवा में तैयार हो जाती है।
क्या है एरोपोनिक तकनीक? (What is Aeroponic Technique)
बिहार के कृषि विश्वविद्यालय सबौर में लंबे समय से वैज्ञानिक एरोपोनिक तकनीक के जरिए आलू उगाने की कोशिश कर रहे थे, जिसके तहत वैज्ञानिकों ने खास तरह के आलू के बीज तैयार किए हैं। इन बीजों को जल्द ही राज्य के किसानों में बांट दिया जाएगा, जिनकी मदद से वह हवा में उगने वाले आलू की खेती कर पाएंगे।
इस तकनीक के जरिए उगाए जाने वाले आलू को मिट्टी या पानी की जरूरत नहीं होती है, जबकि पौधे हवा में लटकते हुए बड़े होते हैं और उसकी जड़े साफ-साफ दिखाई देती हैं। एरोपोनिक तकनीक से आलू की पैदावार को 10 गुना तक बढ़ाया जा सकता है, जबकि इससे सिंचाई और अन्य तरह के खर्चों में भी बचत होती है।
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हालांकि इस तकनीक से खेती करना किसानों के लिए बिल्कुल नया अनुभव होगा, इसलिए किसानों को पहले इसके लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। वहीं बिहार सरकार की तरफ से एरोपोनिक तकनीक के जरिए आलू की खेती को मंजूरी दे दी गई है, जिसके तहत खास कार्यक्रमों का आयोजन कर किसानों को इस तकनीक के बारे में बताया जाएगा।
आपको बता दें कि इस तकनीक की मदद से सिर्फ आलू की खेती ही नहीं की जाती है, बल्कि विदेशों में एरोपोनिक तकनीक से टमाटर, खीरा और स्ट्रॉबेरी की फसल तैयार की जा रही है। इस तकनीक को भविष्य को ध्यान रखकर तैयार किया गया है, जब जमीन की कमी होगी और इंसान को अपना खाद्य जरूरतों को पूरा करने के लिए हवा में खेती करनी होगी।