Bank locker rules: भारतीय बैंक अपने ग्राहकों को लॉकर की सुविधा भी उपलब्ध करवाते हैं, जिसमें लोग अपने कीमती गहने और प्रॉपर्टी सम्बंधित पेपर्स को सुरक्षित रख सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी बैंक में लॉकर लेने के बारे में सोच रहे हैं या फिर पहले से ही लॉकर रखते हैं, तो आपको उससे जुड़े नए नियमों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए।
SMS और ईमेल के जरिए अलर्ट
अगर बैंक में लॉकर रखते हैं और उसका उपयोग करते हैं, तो इस सम्बंध में बैंक की तरफ से दिन खत्म होने पर SMS या ईमेल के जरिए ग्राहक को जानकारी देना अनिवार्य होता है। इस अलर्ट के जरिए ग्राहक को यह पता रहता है कि उन्होंने कब लॉकर का इस्तेमाल किया था, जिससे धोखधड़ी जैसे मामलों से बचाव होता है।
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नुकसान की भरपाई करेगा बैंक
अगर आप अपने बैंक लॉकर में पैसे या कीमती गहने रखते हैं और आग, चोरी या इमारत ढह जाने की वजह से आपके सामान को नुकसान पहुँचता है, तो उस स्थिति में बैक की तरफ से डैमेज की रकम की भरपाई की जाती है।
प्राकृतिक आपदा की नहीं होगी भरपाई
बैंक में लॉकर लेने वाले ग्राहकों को यह पता होना चाहिए कि भूकंप, बाढ़ और बिजली गिरने जैसी प्राकृतिक आपदा की वजह से अगर लॉकर में रखे सामान को नुकसान पहुँचता है, तो बैंक की तरफ से उस नुकसान की भरपाई नहीं की जाएगी।
बैंक लेता है लॉकर का किराया
बैंक द्वारा लॉकर लेते समय ग्राहक को किराए सम्बंधी जानकारी दी जाती है, जिसके तहत ग्राहक हर महीने, हर साल या तीन साल के किराए का भुगतान एक साथ कर सकता है।
लॉकर के लिए कर सकते हैं आवेदन
अगर बैंक में लॉकर लेना चाहते हैं, तो आपको नजदीक बैंक शाखा में जाकर आवेदन करना होगा। इसके लिए एक फॉर्म भरना पड़ता है, जिसके बाद वेटिंग लिस्ट में ग्राहक का नाम आने पर उसे लॉकर दे दिया जाता है और उसके बदले बैंक की तरफ से किराया लिया जाता है।