Mushroom Farming: किसी जमाने में खेती करना अनपढ़ या कम पढ़े लिखे लोगों काम माना जाता था, जिसकी वजह से ज्यादातर किसान पारंपरिक फसलों की खेती करते थे। लेकिन जैसे-जैसे हमारा समाज आधुनिक होता चला गया, वैसे-वैसे लोगों को समझ आया कि खेती करके अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाया जा सकता है।
यही वजह है कि आज देश भर में युवा और पढ़े लिखे किसानों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो पारंपरिक फसलों की खेती करने के बजाय नए तरीके से खेती कर रहे हैं और लाखों रुपए का मुनाफा भी कमा रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने अच्छी खासी नौकरी छोड़कर मशरूम की खेती (Mushroom Ki Kheti) करना शुरू किया है।
मशरूम की खेती करके कमा रहे हैं लाखों रुपए
उत्तराखंड (Uttarakhand) के टिहरी गढ़वाल जिले (Tehri Garhwal) में रहने वाले कुलदीप बिष्ट (Kuldeep Bisht) ने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद गाजियाबाद के एक जाने माने कॉलेज से एमबीए की डिग्री हासिल की थी, जिसके बाद उन्होंने एक बैंक में जॉब करना शुरू कर दिया था। कुलदीप बिष्ट ने बैंक में नौकरी करते हुए कुछ पैसे जमा किए थे, तभी उनके एक दोस्त ने उन्हें मशरूम की खेती करने की सलाह दी। इसे भी पढ़ें – बिना पिलर वाला मजबूत घर बनाकर बचा सकते हैं लाखों रुपए, बस फॉलो करें ये आसान टिप्स
इसके बाद कुलदीप बिष्ट ने बैंक की नौकरी छोड़ दी और अपने दोस्त प्रमोद जुयाल के साथ एक नए सफर पर निकल पड़े, जिसके लिए इन दोनों दोस्तों ने अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी। कुलदीप और प्रमोद ने साल 2015 में उत्तराखंड उद्यान विभाग में मशरूम की खेती करने की ट्रेनिंग ली, जिसके बाद उन्होंने स्थानीय किसानों के साथ काम किया।
इस तरह लगभग 2 साल तक मशरूम की खेती को अच्छी तरह समझ लेने के बाद कुलदीप और प्रमोद ने साल 2017 में मशरूम उगाना शुरू कर दिया था। कुलदीप और प्रमोद ऑयस्टर, मिल्की और बटन समेत मशरूम की अलग-अलग किस्मों को उगाकर तैयार करते हैं, जिसमें काफी ज्यादा मेहनत भी लगती हैं।
इतना ही नहीं इन दोनों दोस्तों ने ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए बाय-प्रोडक्ट्स बनाना भी शुरू कर दिया है, जिसमें मशरूम अचार से लेकर मुरब्बा, बिस्कुट और ड्राई पाउडर शामिल है। कुलदीप और प्रमोद भविष्य में मशरूम नूडल्स और मशरूम च्यवनप्राश बनाने के आइडिया पर काम कर रहे हैं, ताकि प्रोडक्ट की डिमांड को बढ़ाया जा सके।
इसके अलावा इन दोनों-दोनों से अपने गाँव में बागवानी भी शुरू कर दी है, जहाँ वह कई तरह के फल उगा रहे हैं। इन फलों को बाज़ार में Fungoo ब्रांड के नाम पर बेचा जा रहा है, जिन्हें उगाने के लिए ऑर्गेनिक तरीका अपनाया जाता है। इस तरह महज मशरूम के बिजनेस में ही कुलदीप और प्रमोद ने एक साल में 38 लाख रुपए का मुनाफा कमाया था, जबकि उनके प्रोडक्ट्स दिल्ली और नागपुर जैसे बड़े शहरों में सप्लाई होते हैं।
गांव के लोगों को दे रहे हैं ट्रेनिंग
कुलदीप और प्रमोद चाहते हैं कि उनके साथ ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ सके, ताकि गाँव के लोगों को भी रोजगार प्राप्त हो। ऐसे में यह दोनों दोस्त अपने गाँव और आस पड़ोस में मौजूद गाँव के लोगों को मशरूम उगाने की फ्री ट्रेनिंग दे रहे हैं, जिसके लिए किसानों का एक ग्रुप भी बनाया गया है।
कुलदीप और प्रमोद अब तक लगभग 2, 500 लोगों को मशरूम उगाने की ट्रेनिंग दे चुके हैं, जबकि इसके अलावा कई लोग बाय प्रोडक्ट्स बनाने का काम करते हैं। इतना ही नहीं गाँव में हर हफ्ते मशरूम की खेती के लिए किसानों को जागरूक करने के मकसद से ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया जाता है, जिसके लिए हर व्यक्ति से 2 हजार रुपए फीस ली जाती है।
इस प्रोग्राम के तहत किसानों को मशरूम की खेती से जुड़ी सारी जानकारी और ट्रेनिंग दी जाती है, जिसके बाद किसानों को संस्थान की तरफ से सर्टिफिकेट दिया जाता है। इस सर्टिफिकेट की मदद से किसान नाबार्ड जैसी संस्थाओं से खेती करने के लिए कृषि लोन या फंड आसानी से ले सकते हैं, ताकि वह भी मुनाफा कमा सके। इसे भी पढ़ें – मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी छोड़कर शुरू किया केंचुआ खाद बनाने का बिजनेस, हर महीने कमा रहे हैं लाखों रुपए